वाराणसी : महाशिवरात्रि नजदीक है और इसे लेकर देवाधिदेव महादेव की नगरी काशी में तैयारियां शुरू हो गई हैं. इस बार वाराणसी में महाशिवरात्रि और भी खास होने वाली है. इस बार जहां बाबा का दर्शन करने के लिए कुंभ स्नान करने के बाद लाखों की भीड़ मंदिर में आने को तैयार है, वहीं अलग-अलग अखाड़ों के साधु-संतों के साथ बड़ी संख्या में नागा साधुओं की टोली भी विश्वनाथ मंदिर में महाशिवरात्रि पर दर्शन-पूजन करेगी.
लगभग डेढ़ महीने से ज्यादा वक्त तक कुंभ में रहने के बाद बसंत पंचमी के बाद से काशी आने पर नागा साधु और सन्यासी काशी के पांच अलग-अलग अखाड़ा-आश्रमों में रुके हुए हैं. कुछ ने तो काशी के घाटों पर ही अपना डेरा जमा रखा है. महाशिवरात्रि पर हजारों की संख्या में पेशवाई के रूप में नागा साधु औरसन्यासीमहादेव के दर्शन करने के लिए काशी विश्वनाथ पहुंचेंगे. इसके लिए अखाड़ा और प्रशासनिक स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी गई हैं.
प्रयागराज में 14 जनवरी से चल रहे कुंभ में बड़ी संख्या में साधु-सन्यासियों ने वहां डेरा डाल रखा था, लेकिन बसंत पंचमी के बाद से संत-सन्यासी और नागा साधु कुंभ छोड़कर काशी आना शुरू कर दिए हैं. हजारों की संख्या में नागा साधु और सन्यासी काशी पहुंच चुके हैं, लेकिन अभी बड़ी संख्या में नागा साधुओं के आने की संभावना जताई जा रही है. पंच दशनाम जूना अखाड़ा के उपाध्यक्ष महंत देवेंद्र गिरी का कहना है कि महाशिवरात्रि पर इस बार काशी में अद्भुत नजारा रहने वाला है. हजारों की संख्या में नागा साधु और सन्यासी पेशवाई लेकर बाबा विश्वनाथ का दर्शन करने के लिए आएंगे.
दर्शन करने से पहले केदार घाट से सटे हनुमान घाट पर जहां पंच दशनाम जूना अखाड़ा है. वहां शाही स्नान के रूप में गंगा स्नान संपन्न किया जाएगा. यहां पर सन्यासी और नागा साधु गंगा स्नान करने के बाद काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन के लिए निकलेंगे. दर्शन करने के दौरान आम लोगों को कुछ देर के लिए अंदर जाने से रोका जाएगा, ताकि सन्यासी और नागासाधुआराम से दर्शन कर सकें. लगभग एक घंटे तक दर्शन पूजन करने के बाद नागा साधु और सन्यासी अपने अखाड़े में वापस लौट आएंगे.
महाशिवरात्रि के मौके पर इस बार लगभग पांच लाख से ज्यादा लोगों के वाराणसी आने की उम्मीद जताई जा रही है. माना जा रहा है कि कुंभ के आखिरी स्नान के बाद लोग बड़ी संख्या में महाशिवरात्रि पर देवाधिदेव महादेव की नगरी काशी में दर्शन पूजन के लिए आएंगे. इसे लेकर प्रशासन पहले से ही तैयारी शुरू कर चुका है. जिलाधिकारी सुरेंद्र कुमार सिंह का कहना है कि इसके लिए टीम बनाकर नागा साधुओं और सन्यासियों के साथ अखाड़ा के पदाधिकारियों संग लगातार बैठक की जा रही है. साधु सन्यासियों और संतों को सभी सुविधाएं मिले इसका विशेष ध्यान रखा जा रहा है. इसको देखते हुए ट्रैफिक प्लान भी तैयार किया गया है.