वाराणसी: यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के चौथे चरण के लिए नामांकन की प्रक्रिया आज पूर्ण हो जाएगी. प्रदेश में तमाम राजनीतिक पार्टियों ने अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है. वाराणसी जिसे भारतीय जनता पार्टी का दुर्ग कहा जाता है, यहां पर लगभग 40 सालों से भाजपा का कब्जा है. यहां से इस बार अखिलेश यादव ने प्रसिद्ध महामृत्युंजय मंदिर के महंत कामेश्वरनाथ दीक्षित किशन पर दांव खेला है. उन्होंने उनको समाजवादी पार्टी से टिकट दिया है.
दक्षिणी विधानसभा सीट के समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी कामेश्वरनाथ दीक्षित किशन ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. कामेश्वरनाथ दीक्षित किशन ने बताया कि बनारस का हृदय स्थली दक्षिणी विधानसभा क्षेत्र है. यहां पर मुख्य रूप से सड़क की समस्या को देखने को मिलती है, जिससे व्यापारियों और श्रद्धालुओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. चुनाव में प्रचार करने के लिए सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव आएंगे. उनके साथ ही बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी आएंगी. ये दोनों नेता 3 फरवरी के आसपास आएंगे.
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दक्षिणी विधानसभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा गलियां हैं और आज भी गलियों की समस्या बनी हुई है. पुराने पत्थर उखाड़ कर नए पत्थर लगाए गए, लेकिन सीवर और पानी की लाइनों को छतिग्रस्त करके छोड़ दिया गया. विकास के नाम पर पुराने बनारस को बदल दिया गया, गलियों को तोड़ दिया गया और काशी में अर्धचंद्राकार मां के स्वरूप को बदल दिया गया. यही वजह है कि आज गंगा का पानी कभी हरा तो कभी काला हो जाता है.
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