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वाराणसी में बोले केंद्रीय मंत्री, यूपी में 10 लाख 24 हजार से अधिक MSME की मौजूदगी

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Published : Dec 2, 2022, 10:38 PM IST

Updated : Dec 3, 2022, 11:54 AM IST

वाराणसी में केंद्रीय मंत्री भानु प्रताप सिंह वर्मा (Union Minister Bhanu Pratap Singh Verma) ने कहा कि यूपी 10 लाख 24 हजार से अधिक MSME की मौजूदगी वाला औद्योगिक राज्य है.

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वाराणसी: केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम मंत्रालय राज्यमंत्री भानु प्रताप सिंह वर्मा ने चांदपुर में राष्ट्रीय स्तर के विक्रेता विकास कार्यक्रम का उद्घाटन किया. उन्होंने कहा कि इसका मुख्य उद्देश उद्यमियों की बिक्री को बढ़ाना और एमएसएमई के तरफ से दी जा रही सुविधाओं के बारे में लोगो को जानकारी देना है.

दो दिवसीय कार्यक्रम चांदपुर स्थित औद्योगिक आस्थान चांदपुर के डीआईसी प्रशासनिक ब्लॉक में आयोजित किया गया. केंद्रीय मंत्री ने भानु प्रताप सिंह वर्मा (Bhanu Pratap Singh Verma visit Varanasi) ने एमएसएमई-विकास कार्यालय द्वारा आयोजित किए जा रहे इस राष्ट्रीय विक्रेता विकास कार्यक्रम पर अपनी प्रसन्नता व्यक्त की. उन्होंने बताया कि 10 लाख 24 हजार से अधिक एमएसएमई (Union Minister Bhanu Pratap on up MSME) की मौजूदगी वाले इस अग्रणी औद्योगिक राज्य में उपस्थित होना सौभाग्य की बात है. भारत सरकार और उत्तर प्रदेश की राज्य सरकार ने सामूहिक रूप से काम किया है और राज्य में कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं को बढ़ावा दिया है. इतना ही नहीं एक जिला एक उत्पाद् को प्रोत्साहित करने जैसी विभिन्न नई योजनाओं को लागू करने में योगदान भी दिया है.

सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम क्षेत्र पिछले 5 दशकों में भारतीय अर्थव्यवस्था के बेहद जीवंत और गतिशील क्षेत्र के रूप में उभरा है. इसमें न केवल बड़े उद्योगों की तुलना में कम पूंजीगत लागत में बड़ी सख्या में रोजगार के अवसर प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. इसके अलावा ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों की औद्योगिकीकरण में भी मदद करते हैं. हाल के दिनों में, मेरे मंत्रालय ने एमएसएमई क्षेत्र द्वारा सामना किये जा रहे मुद्दों के समाधान के लिए एक बहु आयामी दृष्टिकोण अपनाया है. जिसमें रैंप जैसी नई योजनाएं शुरु की गई है. जहां हम संस्थागत ढ़ाचे को मजबूत करने के लिए राज्य सरकार के साथ मिलकर काम कर रहे हैं.

पढ़ें- वाराणसी में कांग्रेस का बीजेपी पर आरोप, सत्ता के इशारे पर तैयार हुई आरक्षण सूची


उन्होंने बताया कि पिछले 2 वर्षों में चैम्पियन पोर्टल पर प्राप्त 99 प्रतिशत शिकायतों का उत्तर दिया जा चुका है, अब हम उन मुद्दों को हल करने में अधिक सक्रिय हो गए हैं, जो इस क्षेत्र के विकास को बाधित करते हैं. उन्होंने बैंक के अधिकारारियों से उद्यमियों को आ रही समस्याओं को दूर करने का निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि उद्यमी भाइयों को अपने परिवार की तरह समझते हुए समस्याओं को दूर करने का प्रयास करें. पीएमईजीपी के तहत पिछले वर्ष एक लाख से अधिक उद्यमियों को स्थापित किया गया, जो कि पिछले चौदह वर्षों का रिकार्ड है. इससे 8.50 लाख से अधिक रोगजार उपलब्ध हुए हैं. उन्होंने जीरो डिफेक्ट जीरो इफेक्ट (जेड) योजना का लाभ उठाने के लिए एमएसएमई उद्योग जगत का आह्वान किया. उन्होंने मंच पर कार्यक्रम में प्रतिभाग कर रहे उद्यमियों की समस्याओं एवं सुझावों को एक-एक कर सुना और उन्हें पूरा करने का आश्वासन भी दिया. उन्होंने भरोसा जताते हुए कहा कि विश्वास है कि इस प्रकार के कार्यक्रमों से भावी उद्यमियों को आशातीत लाभ मिलेगा.

पढ़ें- यूपी इन्वेस्टर्स समिट 2023 से टेक्सटाइल इंडस्ट्री को मिलेगी संजीवनी, विदेशी निवेश से होगा कायाकल्प

वाराणसी: केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम मंत्रालय राज्यमंत्री भानु प्रताप सिंह वर्मा ने चांदपुर में राष्ट्रीय स्तर के विक्रेता विकास कार्यक्रम का उद्घाटन किया. उन्होंने कहा कि इसका मुख्य उद्देश उद्यमियों की बिक्री को बढ़ाना और एमएसएमई के तरफ से दी जा रही सुविधाओं के बारे में लोगो को जानकारी देना है.

दो दिवसीय कार्यक्रम चांदपुर स्थित औद्योगिक आस्थान चांदपुर के डीआईसी प्रशासनिक ब्लॉक में आयोजित किया गया. केंद्रीय मंत्री ने भानु प्रताप सिंह वर्मा (Bhanu Pratap Singh Verma visit Varanasi) ने एमएसएमई-विकास कार्यालय द्वारा आयोजित किए जा रहे इस राष्ट्रीय विक्रेता विकास कार्यक्रम पर अपनी प्रसन्नता व्यक्त की. उन्होंने बताया कि 10 लाख 24 हजार से अधिक एमएसएमई (Union Minister Bhanu Pratap on up MSME) की मौजूदगी वाले इस अग्रणी औद्योगिक राज्य में उपस्थित होना सौभाग्य की बात है. भारत सरकार और उत्तर प्रदेश की राज्य सरकार ने सामूहिक रूप से काम किया है और राज्य में कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं को बढ़ावा दिया है. इतना ही नहीं एक जिला एक उत्पाद् को प्रोत्साहित करने जैसी विभिन्न नई योजनाओं को लागू करने में योगदान भी दिया है.

सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम क्षेत्र पिछले 5 दशकों में भारतीय अर्थव्यवस्था के बेहद जीवंत और गतिशील क्षेत्र के रूप में उभरा है. इसमें न केवल बड़े उद्योगों की तुलना में कम पूंजीगत लागत में बड़ी सख्या में रोजगार के अवसर प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. इसके अलावा ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों की औद्योगिकीकरण में भी मदद करते हैं. हाल के दिनों में, मेरे मंत्रालय ने एमएसएमई क्षेत्र द्वारा सामना किये जा रहे मुद्दों के समाधान के लिए एक बहु आयामी दृष्टिकोण अपनाया है. जिसमें रैंप जैसी नई योजनाएं शुरु की गई है. जहां हम संस्थागत ढ़ाचे को मजबूत करने के लिए राज्य सरकार के साथ मिलकर काम कर रहे हैं.

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उन्होंने बताया कि पिछले 2 वर्षों में चैम्पियन पोर्टल पर प्राप्त 99 प्रतिशत शिकायतों का उत्तर दिया जा चुका है, अब हम उन मुद्दों को हल करने में अधिक सक्रिय हो गए हैं, जो इस क्षेत्र के विकास को बाधित करते हैं. उन्होंने बैंक के अधिकारारियों से उद्यमियों को आ रही समस्याओं को दूर करने का निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि उद्यमी भाइयों को अपने परिवार की तरह समझते हुए समस्याओं को दूर करने का प्रयास करें. पीएमईजीपी के तहत पिछले वर्ष एक लाख से अधिक उद्यमियों को स्थापित किया गया, जो कि पिछले चौदह वर्षों का रिकार्ड है. इससे 8.50 लाख से अधिक रोगजार उपलब्ध हुए हैं. उन्होंने जीरो डिफेक्ट जीरो इफेक्ट (जेड) योजना का लाभ उठाने के लिए एमएसएमई उद्योग जगत का आह्वान किया. उन्होंने मंच पर कार्यक्रम में प्रतिभाग कर रहे उद्यमियों की समस्याओं एवं सुझावों को एक-एक कर सुना और उन्हें पूरा करने का आश्वासन भी दिया. उन्होंने भरोसा जताते हुए कहा कि विश्वास है कि इस प्रकार के कार्यक्रमों से भावी उद्यमियों को आशातीत लाभ मिलेगा.

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Last Updated : Dec 3, 2022, 11:54 AM IST

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