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लोकल To ग्लोबल: अब डाक विभाग के जरिए वाराणसी के GI उत्पाद मचाएंगे विदेशों में धूम - Varanasi latest news

पीएम मोदी अनवरत काशी की संस्कृति और यहां के शिल्प को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाओं का संचालन कर रहे हैं. इसी क्रम में विरासती कलाकृति को नई पहचान देने के लिए उन्हें जीआई टैग दिया जा रहा है, जो इन उत्पादों को एक अलग पहचान दे रहे हैं. वहीं, इस पहचान को और बेहतर बनाने के लिए अब डाक विभाग भी कंधे से कंधा मिलाकर नई पहल कर रहा है.

वाराणसी के GI उत्पाद मचाएंगे विदेशों में धूम
वाराणसी के GI उत्पाद मचाएंगे विदेशों में धूम
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Published : Oct 15, 2021, 7:19 AM IST

वाराणसी: पीएम मोदी अनवरत काशी की संस्कृति और यहां के शिल्प को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाओं का संचालन कर रहे हैं. इसी क्रम में विरासती कलाकृति (Heritage Artwork) को नई पहचान देने के लिए उन्हें जीआई टैग दिया जा रहा है, जो इन उत्पादों को एक अलग पहचान दे रहे हैं. वहीं, इस पहचान को और बेहतर बनाने के लिए अब डाक विभाग भी कंधे से कंधा मिलाकर नई पहल कर रहा है. डाक विभाग ने राष्ट्रीय डाक सप्ताह अंतर्गत बीते 13 अक्टूबर को 'फिलेटली दिवस' पर जीआई उत्पादों के पांच वस्तुओं के डाक टिकट जारी किए.

इसमें वाराणसी से संबंधित पांच जीआई यानी भौगोलिक संकेतक उत्पादों - बनारस की गुलाबी मीनाकारी क्रॉफ्ट, वाराणसी सॉफ्ट स्टोन जाली वर्क, लकड़ी के लाख व खिलौने, बनारस मेटल रिपोज क्रॉफ्ट और वाराणसी ग्लास बीड्स पर विशेष आवरण व विशेष विरूपण भी किया गया.

वाराणसी के GI उत्पाद मचाएंगे विदेशों में धूम

जीआई उत्पादों को मिलेगी नई पहचान

जीआई एक्सपर्ट प्रतीक सिंह ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि इससे वाराणसी के जीआई उत्पादों को नई पहचान मिलेगी. चूंकि डाक विभाग की पहुंच सर्वत्र है, ऐसे में इसके माध्यम से जीआई उत्पाद घर-घर पहुंच सकेंगे. वाराणसी के जीआई टैग प्राप्त उत्पाद विश्व भर में अनोखी पहचान रखते हैं और इस कला को यहां के कारीगरों ने पुश्त दर पुश्त सदियों से सहेज रखा है.

इसे भी पढ़ें - काशी के दुर्गा पूजा में दिखा बंगाल का नजारा, आप भी देखें....

उत्तर प्रदेश के 33 में से 18 जीआई उत्पाद वाराणसी और इसके आसपास के जिलों से हैं, जिनसे तमाम लोगों की रोजी रोटी भी जुड़ी हुई है. स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह से जीआई उत्पादों को आगे बढ़ाने की पहल की है, उससे इसे लोकल टू ग्लोबल रूप में नए आयाम मिल रहे हैं.

डाक टिकट पर जारी हुए जीआई उत्पाद

पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि इससे वाराणसी के जीआई उत्पादों से जुड़े लोगों को प्रोत्साहन मिलेगा. पारंपरिक हस्तशिल्प, हथकरघा और अन्य घरेलू उत्पादों से जुड़े ये जीआई उत्पाद 'आत्मनिर्भर भारत' की संकल्पना को साकार करते हुए वैश्विक स्तर पर भी अपनी ब्रांडिंग बनाने में कामयाब होंगे. इन विशेष आवरण के माध्यम से बनारस की कारीगरी और यहां की संस्कृति देश-विदेशों में प्रचार-प्रसार पाएंगी.

उन्होंने कहा कि पिछले दिनों वाराणसी से सांसद व देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने भी अपने अमेरिका दौरे के दौरान वहां की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को बनारस की गुलाबी मीनाकारी का बना शतरंज भेंट किया था. अन्य राष्ट्राध्यक्षों को भी प्रधानमंत्री वाराणसी के जीआई उत्पादों पर आधारित उत्पाद भेंट कर चुके हैं. इससे इन उत्पादों को एक नई वैश्विक पहचान मिली है.

वाराणसी: पीएम मोदी अनवरत काशी की संस्कृति और यहां के शिल्प को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाओं का संचालन कर रहे हैं. इसी क्रम में विरासती कलाकृति (Heritage Artwork) को नई पहचान देने के लिए उन्हें जीआई टैग दिया जा रहा है, जो इन उत्पादों को एक अलग पहचान दे रहे हैं. वहीं, इस पहचान को और बेहतर बनाने के लिए अब डाक विभाग भी कंधे से कंधा मिलाकर नई पहल कर रहा है. डाक विभाग ने राष्ट्रीय डाक सप्ताह अंतर्गत बीते 13 अक्टूबर को 'फिलेटली दिवस' पर जीआई उत्पादों के पांच वस्तुओं के डाक टिकट जारी किए.

इसमें वाराणसी से संबंधित पांच जीआई यानी भौगोलिक संकेतक उत्पादों - बनारस की गुलाबी मीनाकारी क्रॉफ्ट, वाराणसी सॉफ्ट स्टोन जाली वर्क, लकड़ी के लाख व खिलौने, बनारस मेटल रिपोज क्रॉफ्ट और वाराणसी ग्लास बीड्स पर विशेष आवरण व विशेष विरूपण भी किया गया.

वाराणसी के GI उत्पाद मचाएंगे विदेशों में धूम

जीआई उत्पादों को मिलेगी नई पहचान

जीआई एक्सपर्ट प्रतीक सिंह ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि इससे वाराणसी के जीआई उत्पादों को नई पहचान मिलेगी. चूंकि डाक विभाग की पहुंच सर्वत्र है, ऐसे में इसके माध्यम से जीआई उत्पाद घर-घर पहुंच सकेंगे. वाराणसी के जीआई टैग प्राप्त उत्पाद विश्व भर में अनोखी पहचान रखते हैं और इस कला को यहां के कारीगरों ने पुश्त दर पुश्त सदियों से सहेज रखा है.

इसे भी पढ़ें - काशी के दुर्गा पूजा में दिखा बंगाल का नजारा, आप भी देखें....

उत्तर प्रदेश के 33 में से 18 जीआई उत्पाद वाराणसी और इसके आसपास के जिलों से हैं, जिनसे तमाम लोगों की रोजी रोटी भी जुड़ी हुई है. स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह से जीआई उत्पादों को आगे बढ़ाने की पहल की है, उससे इसे लोकल टू ग्लोबल रूप में नए आयाम मिल रहे हैं.

डाक टिकट पर जारी हुए जीआई उत्पाद

पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि इससे वाराणसी के जीआई उत्पादों से जुड़े लोगों को प्रोत्साहन मिलेगा. पारंपरिक हस्तशिल्प, हथकरघा और अन्य घरेलू उत्पादों से जुड़े ये जीआई उत्पाद 'आत्मनिर्भर भारत' की संकल्पना को साकार करते हुए वैश्विक स्तर पर भी अपनी ब्रांडिंग बनाने में कामयाब होंगे. इन विशेष आवरण के माध्यम से बनारस की कारीगरी और यहां की संस्कृति देश-विदेशों में प्रचार-प्रसार पाएंगी.

उन्होंने कहा कि पिछले दिनों वाराणसी से सांसद व देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने भी अपने अमेरिका दौरे के दौरान वहां की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को बनारस की गुलाबी मीनाकारी का बना शतरंज भेंट किया था. अन्य राष्ट्राध्यक्षों को भी प्रधानमंत्री वाराणसी के जीआई उत्पादों पर आधारित उत्पाद भेंट कर चुके हैं. इससे इन उत्पादों को एक नई वैश्विक पहचान मिली है.

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