वाराणसीः जिले में विकास की एक ऐसी तस्वीर अब आम होने जा रही है, जो गरीब परिवारों के लिए सिर्फ एक सपना था. सपना अपने बच्चों को स्मार्ट व आधुनिक स्कूल में पढ़ाने का. अब लोगों का यह सपना पूरा होने जा रहा है, क्योंकि वाराणसी में कॉन्वेंट स्कूलों को टक्कर देने वाले 2 बड़े नए आधुनिक सुविधाओं से लैस स्मार्ट स्कूल बन करके तैयार हैं. ये स्कूल न सिर्फ बच्चों को बेहतर शिक्षा देंगे, बल्कि बनारस के विकास को आगे भी बढ़ाएंगे. बड़ी बात यह है कि आगामी दौरे पर इसका उद्घाटन पीएम नरेंद्र मोदी करेंगे.
वाराणसी में शिक्षा को लेकर के उत्तर प्रदेश सरकार ने पूरी तस्वीर बदल दी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब 2014 में बनारस के सांसद और देश के प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने बनारस के इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ-साथ शिक्षा को बेहतर बनाने का सपना देखा और इस सपने को 2017 के बाद पंख मिला, जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री सीएम योगी आदित्यनाथ बने. लगातार परियोजनाओं की सौगात और वाराणसी दौरे पर जहां वह शहर के विकास परियोजनाओं को सुनिश्चित करते रहे, तो वहीं दूसरी ओर शिक्षा को कैसे बेहतर बनाया जाए इस ओर भी उनका ध्यान रहा और इसका परिणाम है कि,अब बनारस में नए 2 बड़े स्मार्ट स्कूल बन करके तैयार हुए हैं. ये स्कूल स्मार्ट सिटी कॉर्पोरेशन के अंतर्गत एक स्कूल को लगभग 1 करोड़ 65 लाख रुपये की लागत तैयार किया जा हैं.
बनारस में दो नए स्मार्ट स्कूल बनकर तैयार
वाराणसी के राजघाट और महमूरगंज इलाके में इन प्राथमिक स्कूल को बनाया जा रहा है. जिसकी नीव 26 सितंबर 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रखी थी और ये संभावना जताई जा रही है कि, अपने अगले वाराणसी दौरे पर पीएम मोदी इन स्कूलों को विद्यार्थियों को समर्पित कर देंगे. स्कूल की सुविधाओं की बात कर ली जाए तो, आधुनिक रूप से यह स्कूल पूरी तरीके से स्मार्ट है. स्मार्ट क्लासरूम, स्मार्ट लाइब्रेरी,स्वच्छ वातावरण, शौचालय, इसके साथ ही सामान्य कक्षा में बैठने की उत्तम व्यवस्था और दिव्यांग बच्चों के लिए स्कूल में जाने के लिए एक अलग से रेलिंग तैयार की गई है. इसके साथ ही फर्नीचर से लेकर इंफ्रास्ट्रक्चर स्कूल की हर सुविधा को बेहतर तरीके से विकसित किया गया है. इसमें बड़ी बात यह है कि स्कूल में दीवारों पर खूबसूरत पेंटिंग के जरिए भी बच्चों में गुड हैबिट बैड हैबिट और सामान्य ज्ञान को विकसित किया जा रहा है.
दीवारों की पेंटिंग बच्चों को देंगी ज्ञान
इस बारे में स्मार्ट सिटी के जीएम डी वासुदेवन ने बताया कि, स्कूल के दीवारों पर अलग-अलग तरीके की पेंटिंग तैयार की गई है. जिसमें कहीं विश्व का मानचित्र उकेर करके विश्व के बारे में बच्चों को बताया जा रहा है, तो वहीं दूसरी ओर भारत के पड़ोसी देशों के नाम वहां के झंडों के साथ अंग्रेजी और हिंदी में भी लिखे हैं. इसके साथ ही सुबह उठने से लेकर रात तक की दिनचर्या बच्चों की क्या हो, उसको भी चित्रों के माध्यम से बताया जा रहा है. इसके साथ ही गुड हैबिट बैड हैबिट्स को लेकर के भी कुछ चित्र बनाए गए हैं. उन्होंने बताया कि, दीवारों पर देश के मानचित्र के साथ राष्ट्रीय पुष्प, पशु फल इत्यादि नामों को चित्र के साथ में बनाया गया है. यह बनारस के अत्याधुनिक स्कूलों में सबसे स्मार्ट स्कूल है.
एक खास दीवार बनारस को समर्पित
स्मार्ट स्कूल की सबसे खास बात यह है कि, इसकी एक दीवार को पूरी तरीके से बनारस को समर्पित किया गया है. इस दीवार पर बनारस के हेरिटेज मालवीय ब्रिज को बनाया गया है, गंगा की धारा को दिखाया गया है. इसके साथ ही इस पर बनारस के महान विभूतियों के चित्रों को बनाया गया है, जिसमें कबीर, तुलसी, भारतेंदु हरिश्चंद्र, पंडित रामचंद्र शुक्ला, संत रविदास, मुंशी प्रेमचंद्र जैसे बड़े नाम शामिल हैं. विद्यालय के शिक्षकों की मानें तो इस दीवार को तैयार करने का मुख्य उद्देश्य यही है कि, बच्चे इसके जरिए बनारस के महान विभूतियों के बारे में जान सके.
14 करोड़ की लागत से बना रहा पहला सरकारी स्मार्ट स्कूल
गौरतलब है कि, 14 करोड़ की लागत से वाराणसी के सबसे पहले मछोदरी में बने स्मार्ट स्कूल को तैयार किया गया था, जो यूपी व बनारस का सबसे पहला हाईटेक स्मार्ट स्कूल है. 4500 वर्ग मीटर में स्कूल को तैयार किया गया है, जिसमें 39 कमरे बनाए गए थे और इसके साथ ही यहां पर लिफ्ट, लाइब्रेरी,स्किल डेवलपमेंट, मल्टीपर्पज हॉल, कंप्यूटर रूम,रेन वाटर हार्वेस्टिंग, गार्डन लगायत तमाम आधुनिक सुविधाओं को उपलब्ध कराया गया है. पीएम मोदी ने 15 जुलाई 2021 को इसे काशी वासियों को समर्पित किया था.