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काशी में कीर्तिमान बनाने की कोशिश, विश्वनाथ धाम में एक साथ 1061 शंखवादकों ने किया शंखनाद - लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड

बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में आज साल के पहले दिन एक अलग और भव्य आयोजन संपन्न हुआ. श्री काशी विश्वनाथ धाम में वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने के उद्देश्य से पहली बार 1061 शंखवादकों ने एक साथ शंखनाद किया.

काशी में कीर्तिमान बनाने की कोशिश
काशी में कीर्तिमान बनाने की कोशिश
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Published : Jan 1, 2022, 1:36 PM IST

Updated : Jan 1, 2022, 2:19 PM IST

वाराणसी: 2021 की विदाई के साथ ही 2022 का भव्य स्वागत हर तरफ किया जा रहा है. देर रात में आयोजनों के बाद आज सुबह मंदिरों में भीड़ भाड़ देखने को मिल रही है. इन सबके बीच बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में आज साल के पहले दिन एक अलग और भव्य आयोजन संपन्न हुआ. श्री काशी विश्वनाथ धाम में वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने के उद्देश्य से पहली बार 1061 शंखवादकों ने एक साथ शंखनाद किया. सिर्फ यूपी ही नहीं, बल्कि ओडिशा, राजस्थान, असम, मेघालय और बिहार समेत अन्य राज्यों से हजारों की संख्या में यहां लोग पहुंचे. वहीं, 1061 लोगों ने एक साथ शंख ध्वनि कर एक नया कीर्तिमान स्थापित करने की ओर कदम बढ़ाया और शंख ध्वनि से साल के पहले दिन का आगाज हुआ.

दरअसल, 13 दिसंबर को काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के साथ ही एक महीने तक चलने वाले विविध आयोजनों के क्रम में बाबा विश्वनाथ के धाम में आज साल के पहले दिन एक भव्य और दिव्य आयोजन करने की प्लानिंग की गई थी. इसके लिए बाकायदा प्रयागराज के सरकारी विभाग की तरफ से वैकेंसी भी निकाली गई थी. जिसमें शंखनाद करने वाले लोगों को आमंत्रित किया गया था.

काशी में कीर्तिमान बनाने की कोशिश

बदले में इन्हें मानदेय के रूप में 1000 रुपये और प्रशस्ति पत्र देने की बात भी कही गई थी. इसलिए सिर्फ यूपी ही नहीं, बल्कि अलग-अलग राज्यों से लोगों ने आवेदन किए थे. 15 सौ से ज्यादा आवेदन आए थे. जिनमें से 1001 लोगों को शंखनाद के लिए बुलाया गया था. अपनी स्वेच्छा से भी बहुत से लोग यहां पर शंखनाद के लिए पहुंचे थे, जिनको इसमें शामिल किया गया.

इसे भी पढ़ें - 24 घंटे में आए रिकॉर्ड 22,775 नए कोरोना केस, Omicron के 1,431 मामले

संस्कृति मंत्रालय और उत्तर प्रदेश सरकार के सहयोग से इस आयोजन को संपन्न किया गया. उत्तर मध्य क्षेत्र संस्कृति विभाग के डायरेक्टर अशोक शर्मा ने बताया कि इसके पहले सितंबर 2021 में अस्सी घाट पर ही 365 लोगों ने एक साथ शंखनाद करके एक विश्व रिकॉर्ड बनाया था, जो लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज है. आज वाराणसी ने अपने ही इस रिकॉर्ड को तोड़ने के लिए एक साथ 1061 लोगों के साथ शंखनाद किया है, जो अपने आप में अद्भुत रहा.

साल के पहले दिन इस तरह का आयोजन एक तो ऊर्जा भी देता है और शंखनाद की ध्वनि जो नेगेटिविटी होती है वह भी खत्म करती है. वहीं, उत्तर प्रदेश के धर्मार्थ कार्य एवं पर्यटन राज्य मंत्री डॉ. नीलकंठ तिवारी का कहना था कि यह आयोजन अपने आप में अद्भुत है. काशी में साल के प्रथम दिन इस तरह का आयोजन करके एक कीर्तिमान स्थापित करने का प्रयास हुआ है.

लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड की टीम ने इसे अलग-अलग एंगल से दर्ज किया है और इस पर जल्द ही नतीजे की घोषणा करते हुए एक नया कीर्तिमान उत्तर प्रदेश सरकार के नाम होगा. वहीं, शंखनाद करने आए लोगों के बीच भी बेहद खुशी देखने को मिली.

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वाराणसी: 2021 की विदाई के साथ ही 2022 का भव्य स्वागत हर तरफ किया जा रहा है. देर रात में आयोजनों के बाद आज सुबह मंदिरों में भीड़ भाड़ देखने को मिल रही है. इन सबके बीच बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में आज साल के पहले दिन एक अलग और भव्य आयोजन संपन्न हुआ. श्री काशी विश्वनाथ धाम में वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने के उद्देश्य से पहली बार 1061 शंखवादकों ने एक साथ शंखनाद किया. सिर्फ यूपी ही नहीं, बल्कि ओडिशा, राजस्थान, असम, मेघालय और बिहार समेत अन्य राज्यों से हजारों की संख्या में यहां लोग पहुंचे. वहीं, 1061 लोगों ने एक साथ शंख ध्वनि कर एक नया कीर्तिमान स्थापित करने की ओर कदम बढ़ाया और शंख ध्वनि से साल के पहले दिन का आगाज हुआ.

दरअसल, 13 दिसंबर को काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के साथ ही एक महीने तक चलने वाले विविध आयोजनों के क्रम में बाबा विश्वनाथ के धाम में आज साल के पहले दिन एक भव्य और दिव्य आयोजन करने की प्लानिंग की गई थी. इसके लिए बाकायदा प्रयागराज के सरकारी विभाग की तरफ से वैकेंसी भी निकाली गई थी. जिसमें शंखनाद करने वाले लोगों को आमंत्रित किया गया था.

काशी में कीर्तिमान बनाने की कोशिश

बदले में इन्हें मानदेय के रूप में 1000 रुपये और प्रशस्ति पत्र देने की बात भी कही गई थी. इसलिए सिर्फ यूपी ही नहीं, बल्कि अलग-अलग राज्यों से लोगों ने आवेदन किए थे. 15 सौ से ज्यादा आवेदन आए थे. जिनमें से 1001 लोगों को शंखनाद के लिए बुलाया गया था. अपनी स्वेच्छा से भी बहुत से लोग यहां पर शंखनाद के लिए पहुंचे थे, जिनको इसमें शामिल किया गया.

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संस्कृति मंत्रालय और उत्तर प्रदेश सरकार के सहयोग से इस आयोजन को संपन्न किया गया. उत्तर मध्य क्षेत्र संस्कृति विभाग के डायरेक्टर अशोक शर्मा ने बताया कि इसके पहले सितंबर 2021 में अस्सी घाट पर ही 365 लोगों ने एक साथ शंखनाद करके एक विश्व रिकॉर्ड बनाया था, जो लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज है. आज वाराणसी ने अपने ही इस रिकॉर्ड को तोड़ने के लिए एक साथ 1061 लोगों के साथ शंखनाद किया है, जो अपने आप में अद्भुत रहा.

साल के पहले दिन इस तरह का आयोजन एक तो ऊर्जा भी देता है और शंखनाद की ध्वनि जो नेगेटिविटी होती है वह भी खत्म करती है. वहीं, उत्तर प्रदेश के धर्मार्थ कार्य एवं पर्यटन राज्य मंत्री डॉ. नीलकंठ तिवारी का कहना था कि यह आयोजन अपने आप में अद्भुत है. काशी में साल के प्रथम दिन इस तरह का आयोजन करके एक कीर्तिमान स्थापित करने का प्रयास हुआ है.

लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड की टीम ने इसे अलग-अलग एंगल से दर्ज किया है और इस पर जल्द ही नतीजे की घोषणा करते हुए एक नया कीर्तिमान उत्तर प्रदेश सरकार के नाम होगा. वहीं, शंखनाद करने आए लोगों के बीच भी बेहद खुशी देखने को मिली.

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Last Updated : Jan 1, 2022, 2:19 PM IST
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