वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में बुलेट से चलने वाले लोगों पर प्रशासन ने अपनी नजर टेढ़ी कर ली है. कारण यह है कि बुलेट में जिस साइलेंसर का इस्तेमाल किया जाता है, वह बेहद ज्यादा ध्वनि प्रदूषण करता है. जिसकी वजह से स्थानीय लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं प्रशासन का कहना है कि जल्द से जल्द शहर में इस तरह के बुलेट को सीज कर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
दरअसल बुलेट गाड़ी को मॉडिफाई करने के बाद उसमें जो साइलेंसर लगाया जाता है. वह मानक स्तर से ज्यादा ध्वनि प्रदूषण करने की वजह से लोगों के मुसीबत का कारण बना हुआ है. इसकी शिकायत जब ट्रैफिक पुलिस को की गई तो ट्रैफिक पुलिस ने कड़ा रुख अपनाते हुए 500 से अधिक बुलेट गाड़ियों को सीज कर दिया है. वहीं सैकड़ों बुलेट का चालान भी किया गया है.
एसपी ट्रैफिक श्रवण कुमार सिंह का मानना है कि हमें जब इसकी सूचना मिली तो हम लोगों ने इसे प्राथमिकता से लेते हुए सबसे पहले उन बुलेट गाड़ियों पर कार्रवाई करने की कोशिश की, जिन्हें मॉडिफाई कर उनमें ध्वनि प्रदूषण की क्षमता बढ़ा दी गई थी. आज हम 500 से अधिक बुलेट पर करवाई कर चुके हैं. अब आने वाले समय में लोगों से सख्त हिदायत दे रहे हैं कि अगर इस तरह के बुलेट का उपयोग शहर में किया गया तो कतई ट्रैफिक पुलिस उसे माफ करने के मूड में नहीं है और कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी.