वाराणसी: सावन का महीना 25 जुलाई 2021 से शुरु हो रहा है और 22 अगस्त 2021 को खत्म होगा. सावन के महीने में श्री काशी विश्वनाथ मन्दिर में अत्यधिक संख्या में श्रद्धालु जलाभिषेक करने के लिए आते हैं, इसलिए मंदिर परिसर में दबाव रहेगा. कोविड-19 प्रोटोकाल महामारी के दृष्टिगत भारत सरकार/उत्तर प्रदेश शासन/जिला प्रशासन द्वारा समय-समय पर निर्गत एसओपी/गाइडलाइन का पालन कराना भी अत्यंत आवश्यक है. इन तथ्यों के दृष्टिगत अपर पुलिस उपायुक्त यातायात विकास कुमार द्वारा जनपद वाराणसी में रुट डायवर्जन की व्यवस्था की गई है.
अपर पुलिस उपायुक्त यातायात विकास कुमार ने बताया कि वाराणसी के मैदागिन से चौक होते हुए गोदौलिया की तरफ जाने वाले वाहनों को मैदागिन से आगे नहीं जाने दिया जाएगा. यह ट्रैफिक मैदागिन चौराहे से लहुराबीर, मलदहिया की ओर और लहुराबीर से बेनियाबाग की तरफ जा सकेगा. वहीं लक्सा की तरफ से आने वाली सभी प्रकार की सवारी गाड़ियों को लक्सा थाने से आगे नहीं जाने दिया जाएगा. यह ट्रैफिक गुरूबाग से कमच्छा की ओर और लक्सा से बेनिया की तरफ मोड़ दिया जायेगा. लहुराबीर से होकर गोदौलिया की तरफ जाने वाली सभी प्रकार की सवारी गाड़ियों को बेनिया तिराहे से आगे नहीं जाने दिया जायेगा. यह ट्रैफिक बेनियाबाग वाया औरंगाबाद पुलिस चौकी से लक्सा की तरफ मोड़ दिया जायेगा.
अस्सी, सोनारपुरा से होकर गोदौलिया की तरफ जाने वाली सभी प्रकार के वाहनों को सोनारपुरा चौराहे से आगे नहीं जाने दिया जायेगा. यह ट्रैफिक भेलूपुर थाने की तरफ मोड़ दिया जाएगा. भेलूपुर थाने से रेवड़ी तालाब होकर रामापुरा चौराहे की तरफ जाने वाले सभी प्रकार के वाहनों को तीलभाण्डेश्वर से आगे नहीं जाने दिया जाएगा. इन वाहनों को अस्सी और भेलूपुर की तरफ मोड़ दिया जाएगा.
अपर पुलिस उपायुक्त यातायात विकास कुमार ने बताया कि वाराणसी के मैदागिन क्षेत्र से गोदौलिया होते हुए रामापुरा और इसी प्रकार रामापुरा, गोदौलिया से मैदागिन तक सम्पूर्ण मंदिर मार्ग श्रावण मास के प्रत्येक रविवार को रात्रि 8 बजे से मंगलवार को प्रातः 8 बजे तक नो-व्हेकिल जोन घोषित किया किया जाता है. इसके तहत मैदागिन से गोदौलिया, रामापुरा तक और रामापुरा से गोदौलिया होकर मैदागिन तक किसी प्रकार के छोटे-बड़े वाहन को नहीं जाने दिया जाएगा. यह मार्ग केवल पैदल यात्रियों के आने जाने के लिए मुक्त रखा जाएगा. जिससे कि श्रावण मेला के अवसर पर महानगर वाराणसी में आने वाले श्रद्धालुओं के बीच कोविड-19 प्रोटोकाल के दिशा निर्देशों का पालन कराया जा सके.