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अभी-अभी COVID-19 से ठीक हुए हैं तो इन बातों का रखें ध्यान, जानें एक्सपर्ट की राय - वाराणसी कोरोना खबर

महामारी के दौर में जो लोग कोविड-19 (COVID-19) के संक्रमण से स्वस्थ हो चुके हैं, उन्हें भी कई प्रकार के समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. इसको लेकर काशी हिंदू विश्वविद्यालय के विज्ञान संस्थान के डिपार्टमेंट ऑफ ऑर्थोपेडिक फिजियोथेरेपी के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. एसएस पांडेय ने जानकारी दी है. पढ़ें रिपोर्ट...

अभी-अभी COVID-19 से ठीक हुए हैं तो इन बातों का रखें ध्यान
अभी-अभी COVID-19 से ठीक हुए हैं तो इन बातों का रखें ध्यान
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Published : Jun 15, 2021, 7:03 AM IST

वाराणसी: वैश्विक महामारी के दौर में जो लोग कोविड-19 के संक्रमण से स्वस्थ हो चुके हैं, उन्हें भी कई प्रकार के समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. जिसे लेकर ब्लैक फंगस के साथ ही कमजोरी, थकान, सांस फूलना, सीने में दर्द, आलस्य, मांसपेशियों में दर्द मानसिक तनाव पाचन तंत्र की कमजोरी किसी भी काम में मन न लगना और डर लगना इस तरह की समस्याएं संक्रमण ठीक हो चुके मरीजों में आ रही हैं.

फिजियोथेरेपिस्ट से ले सलाह
काशी हिंदू विश्वविद्यालय के विज्ञान संस्थान के डिपार्टमेंट ऑफ ऑर्थोपेडिक फिजियोथेरेपी के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. एसएस पांडेय ने बताया कि बहुत से ऐसे मरीज हैं, जो कोविड-19 संक्रमण से ठीक हो गए हैं. उसके बाद भी मरीजों को बहुत से दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. अधिकतर जो मरीज हमारे पास आ रहे हैं. उन्हें घबराहट होती है, डर लगता है, कमजोरी महसूस होती है. पाचन क्रिया भी सही नहीं रहती है.

जानें एक्सपर्ट की राय.

पोस्ट कोविड रिहैबिलिटेशन करने की आवश्यकता
असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ एसएस पांडेय ने बताया कि इस तरह की जितने भी मरीज समस्या लेकर आ रहे हैं, उनको सबसे पहले पोस्ट कोविड रिहैबिलिटेशन करने की आवश्यकता है. अधिकतर हम लोग ऐसे मरीज को कार्डियो पल्मोनरी रिहैबिलिटेशन करते हैं, जैसा की आप सबको जानकारी होगी शरीर के तमाम अंगों को भी इफेक्ट करता है.

मरीज के फेफड़े को करते हैं रिकवर
असिस्टेंट प्रोफेसर पांडेय ने बताया कि संक्रमण से ज्यादातर लोगों के फेफड़े प्रभावित हुए हैं, जिसे हम धीरे-धीरे एक्सरसाइज के माध्यम से और मॉनिटरिंग करते हुए ठीक करेंगे. एक निश्चित प्रोटोकॉल के तहत उसमें वर्कआउट करने की सलाह दी जाती है.

इसे भी पढ़ें-coronavirus third wave के लिए कितना तैयार है बीएचयू, यहां जानिए

संक्रमण से स्वस्थ हुए मरीज तुरंत न जाए जीम
असिस्टेंट प्रोफेसर ने आगे बताया कि संक्रमण से ठीक हुए मरीज को तुरंत जिम में जाकर पहले की तरह हेवी वर्क आउट नहीं करना चाहिए. कुछ दिन रुक के जिम जाएं. वह किसी न किसी फिजियोथैरेपिस्ट से सलाह लेकर कि किसी प्रकार का वर्कआउट करें. बहुत सी चीजें फिजियोथैरेपिस्ट बताएंगे और वह एक प्रकार का साइकोलॉजिक सपोर्ट भी देंगे. मेडिकल के बहुत से चीजों को फॉलो करके इस चीज को आगे किया जाए.

सब मरीजों के लिए अलग-अलग फिजियोथेरेपी
एसएस पांडेय ने बताया कि संक्रमण से ठीक हुए लोग सोशल मीडिया के माध्यम से वीडियो देखकर एक्सरसाइज कर रहे हैं, ऐसा बिल्कुल न करें. फिजियोथेरेपिस्ट से मिलकर कोविड रिहैबिलिटेशन माध्यम से ठीक किया जाएगा. हम यह भी नहीं कह सकते कोई एक जनरल एक्सरसाइज सभी पेशेंट के लिए जरूरी है. बल्कि सबके लिए अलग-अलग एक्सरसाइज और वर्कआउट किया जाता है. वह अपने मेडिकल रिपोर्ट ट्रीटमेंट के अनुसार और फिजियोथेरेपिस्ट से मिलकर अलग-अलग करना होगा.कार्डियोपलमोनरी रिहैबिलिटेशन एक्सपर्ट फिजियोथेरेपिस्ट से सलाह लें. आज के समय में यह बहुत ही महत्वपूर्ण है.

वाराणसी: वैश्विक महामारी के दौर में जो लोग कोविड-19 के संक्रमण से स्वस्थ हो चुके हैं, उन्हें भी कई प्रकार के समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. जिसे लेकर ब्लैक फंगस के साथ ही कमजोरी, थकान, सांस फूलना, सीने में दर्द, आलस्य, मांसपेशियों में दर्द मानसिक तनाव पाचन तंत्र की कमजोरी किसी भी काम में मन न लगना और डर लगना इस तरह की समस्याएं संक्रमण ठीक हो चुके मरीजों में आ रही हैं.

फिजियोथेरेपिस्ट से ले सलाह
काशी हिंदू विश्वविद्यालय के विज्ञान संस्थान के डिपार्टमेंट ऑफ ऑर्थोपेडिक फिजियोथेरेपी के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. एसएस पांडेय ने बताया कि बहुत से ऐसे मरीज हैं, जो कोविड-19 संक्रमण से ठीक हो गए हैं. उसके बाद भी मरीजों को बहुत से दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. अधिकतर जो मरीज हमारे पास आ रहे हैं. उन्हें घबराहट होती है, डर लगता है, कमजोरी महसूस होती है. पाचन क्रिया भी सही नहीं रहती है.

जानें एक्सपर्ट की राय.

पोस्ट कोविड रिहैबिलिटेशन करने की आवश्यकता
असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ एसएस पांडेय ने बताया कि इस तरह की जितने भी मरीज समस्या लेकर आ रहे हैं, उनको सबसे पहले पोस्ट कोविड रिहैबिलिटेशन करने की आवश्यकता है. अधिकतर हम लोग ऐसे मरीज को कार्डियो पल्मोनरी रिहैबिलिटेशन करते हैं, जैसा की आप सबको जानकारी होगी शरीर के तमाम अंगों को भी इफेक्ट करता है.

मरीज के फेफड़े को करते हैं रिकवर
असिस्टेंट प्रोफेसर पांडेय ने बताया कि संक्रमण से ज्यादातर लोगों के फेफड़े प्रभावित हुए हैं, जिसे हम धीरे-धीरे एक्सरसाइज के माध्यम से और मॉनिटरिंग करते हुए ठीक करेंगे. एक निश्चित प्रोटोकॉल के तहत उसमें वर्कआउट करने की सलाह दी जाती है.

इसे भी पढ़ें-coronavirus third wave के लिए कितना तैयार है बीएचयू, यहां जानिए

संक्रमण से स्वस्थ हुए मरीज तुरंत न जाए जीम
असिस्टेंट प्रोफेसर ने आगे बताया कि संक्रमण से ठीक हुए मरीज को तुरंत जिम में जाकर पहले की तरह हेवी वर्क आउट नहीं करना चाहिए. कुछ दिन रुक के जिम जाएं. वह किसी न किसी फिजियोथैरेपिस्ट से सलाह लेकर कि किसी प्रकार का वर्कआउट करें. बहुत सी चीजें फिजियोथैरेपिस्ट बताएंगे और वह एक प्रकार का साइकोलॉजिक सपोर्ट भी देंगे. मेडिकल के बहुत से चीजों को फॉलो करके इस चीज को आगे किया जाए.

सब मरीजों के लिए अलग-अलग फिजियोथेरेपी
एसएस पांडेय ने बताया कि संक्रमण से ठीक हुए लोग सोशल मीडिया के माध्यम से वीडियो देखकर एक्सरसाइज कर रहे हैं, ऐसा बिल्कुल न करें. फिजियोथेरेपिस्ट से मिलकर कोविड रिहैबिलिटेशन माध्यम से ठीक किया जाएगा. हम यह भी नहीं कह सकते कोई एक जनरल एक्सरसाइज सभी पेशेंट के लिए जरूरी है. बल्कि सबके लिए अलग-अलग एक्सरसाइज और वर्कआउट किया जाता है. वह अपने मेडिकल रिपोर्ट ट्रीटमेंट के अनुसार और फिजियोथेरेपिस्ट से मिलकर अलग-अलग करना होगा.कार्डियोपलमोनरी रिहैबिलिटेशन एक्सपर्ट फिजियोथेरेपिस्ट से सलाह लें. आज के समय में यह बहुत ही महत्वपूर्ण है.

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