वाराणसीः ज्ञानवापी से जुड़े तीन प्रार्थना पत्र पर बुधवार को वाराणसी की अलग-अलग कोर्ट में सुनवाई हुई. दो प्रार्थना पत्र की सुनवाई जिला जज की कोर्ट हुई. वहीं, एक अन्य प्रार्थना पत्र की सुनवाई सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में हुई.
श्रृंगार गौरी केस की वादिनी लक्ष्मी देवी, सीता साहू, रेखा पाठक और मंजू व्यास की ओर से प्रार्थना पत्र दिया गया है. इस प्रार्थना पत्र के समर्थन में मां श्रृंगार गौरी केस की ही एक अन्य वादिनी राखी सिंह नहीं हैं. प्रार्थना पत्र के माध्यम से मां श्रृंगार गौरी केस के साथ ही ज्ञानवापी मस्जिद से जुड़े 6 अन्य केस को सुने जाने की मांग की गई है. ज्ञानवापी परिसर का कब्जा भगवान आदि विश्वेश्वर को सौंपने की मांग वाले मुकदमे को सिविल जज की कोर्ट से वाराणसी के जिला जज की कोर्ट में ट्रांसफर करने की मांग सबसे पहले की गई थी. उसके बाद 5 अन्य केस को भी मां श्रृंगार गौरी केस के साथ ही सुनने की मांग की. इस मामले को लेकर कल सुनवाई हुई थी. आज फिर अदालत में दोनों पक्ष अपनी बातें रखी. जिसमें किरण सिंह की तरफ से अभी कोई भी पक्ष नहीं रखा गया है और स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की तरफ से इस पूरे मामले को जानने के लिए उनके वकील ने इसकी कॉपी मांगी है. जिसके बाद कोर्ट ने इस पर सुनवाई के लिए 7 जनवरी की तिथि मुकर्रर की है.
वहीं, अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी की ओर से बीते दिनों वाराणसी की लोवर कोर्ट के आदेश के खिलाफ सत्र न्यायालय में निगरानी अर्जी दाखिल की गई थी. कमेटी का कहना है कि भगवान आदि विश्वेश्वर की ओर से विश्व वैदिक सनातन संघ की अतंरराष्ट्रीय महामंत्री किरन सिंह विसेन द्वारा दाखिल किया गया मुकदमा सुनवाई के योग्य नहीं है. लोअर कोर्ट में मुकदमे की पोषणीयता से सबंधित चुनौती वाली अर्जी सरसरी तौर पर निरस्त कर दी गई है, जो विधि के अनुसार सही नहीं है. निगरानीकर्ता ने लोअर कोर्ट के आदेश को निरस्त करने का आदेश देने की गुहार जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में लगाई है. जिस पर आज सुनवाई करते हुए कोर्ट ने 4 जनवरी की तिथि सुनवाई के लिए निर्धारित की है.
सिविल जज सीनियर डिविजन की अदालत में बुधवार को ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद और अन्य की ओर से दाखिल प्रार्थना पत्र पर भी सुनवाई हुई. इसमें ज्ञानवापी परिसर में मिले कथित शिवलिंग की नियमित पूजा, श्रृंगार और राग-भोग की मांग की गई है. जिस पर कोर्ट ने 23 जनवरी 2023 को सुनवाई के लिए तिथि मुकर्रर की है.
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