वाराणसीः भारतीय संस्कृति से जुड़े दुनिया के 6 सौ विद्वान काशी के रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में तीन दिवसीय संस्कृति कार्यक्रम में शामिल होंगे. ये कार्यक्रम गंगा महासभा की ओर से आयोजित किया जा रहा है. विद्वान इस संस्कृति संसद में अपने विचार व्यक्त करेंगे. इसमें तीन दिनों तक भारत के संस्कृति से जुड़े हर प्रश्नों का जवाब देने का भी काम होगा.
रुद्राक्ष इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में आयोजित तीन दिवसीय संस्कृतिक संसद के आयोजन के पहले दिन वक्ताओं ने हिंदू धर्म से जुड़े मुद्दे पर अपने विचार रखे और वहीं लोगों के सवालों का भी जवाब दिया. स्वामी जितेन्द्रानन्द सरस्वती ने बताया कि संस्कृति संसद प्रोग्राम का आयोजन गंगा महासभा की ओर से अखिल भारतीय संत समिति एवं श्री काशी विद्वत परिषद के मार्गदर्शन से हो रहा है. ये प्रोग्राम भारत की संस्कृति की रक्षा एवं उसकी एकता के लिए रखा जा रहा है, जिसे पूरी दुनिया में भारत को बदनाम करने का प्रयास किया जा रहा है, डिस्मेंटलिंग हिंदू शब्द का प्रयोग किया गया. इससे भी आगे बढ़कर सलमान खुर्शीद जब यह पुस्तक लिखते हैं भारत का हिंदू आईएसआईएस, बोको हरम जैसा है. स्वाभाविक है कि हमें उत्तर देने के लिए उतरना ही पड़ेगा.
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कार्यक्रम के विषय में बताते हुए स्वामी जितेन्द्रानन्द सरस्वती ने बताया कि सनातन हिंदू धर्म से जुड़े हुए अखिल भारतीय संघ समिति, श्री काशी विद्वत परिषद, अखाड़ा परिषद, विश्व हिंदू परिषद, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सभी उद्घाटन के समय मौजूद थे. इस प्रोग्राम में धर्म से जुड़े सभी प्रश्नों को तलाशने का कार्य संस्कृति संसद में 3 दिनों में पूरा किया जाएगा. प्रोग्राम के विषय में बताते हुए कहा कि इसमें पूरी दुनिया से लोग शामिल हो रहे हैं. बेल्जियम, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और भारत के सभी प्रांतों से करीब 600 प्रतिनिधि शामिल होने के लिए आए हुए हैं.
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