वाराणसी: बदलते सामाजिक परिवेश में महिलाएं पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं. घर का काम हो या फिर परिवार चलाने के लिए बिजनेस या नौकरी करना महिलाएं कहीं भी पीछे नहीं हैं. शहरी क्षेत्र की महिलाएं आज हर सेक्टर में आगे निकल रही हैं, लेकिन आज भी ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं कहीं ना कहीं से या तो घरों में कैद होकर परिवार चला रही हैं या फिर खेतों में काम करके अपनों का साथ दे रही हैं. शहर के बदलाव का असर अब गांव में भी दिखने लगा है और महिलाएं घरों की चौखट को लांघकर अपने पैरों पर खड़े होने का प्रयास कर रही हैं, जिसकी शुरुआत बनारस के बड़ागांव क्षेत्र के विरार कोट में हुई है.
वाराणसी: घर की दहलीज लांघकर ये महिलाएं खुद को बना रहीं आत्मनिर्भर
यूपी के वाराणसी जिले में महिलाएं अब घर की दहलीज लांघकर खुद को आत्मनिर्भर बना रही हैं. इसके लिए काशी फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी की तरफ से सरकार की इस योजना की शुरुआत की गई है. महिलाएं घरों की चौखट को लांघकर अपने पैरों पर खड़े होने का प्रयास कर रही हैं, जिसकी शुरुआत बनारस के बड़ागांव क्षेत्र के विरार कोट में हुई है.
वाराणसी: बदलते सामाजिक परिवेश में महिलाएं पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं. घर का काम हो या फिर परिवार चलाने के लिए बिजनेस या नौकरी करना महिलाएं कहीं भी पीछे नहीं हैं. शहरी क्षेत्र की महिलाएं आज हर सेक्टर में आगे निकल रही हैं, लेकिन आज भी ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं कहीं ना कहीं से या तो घरों में कैद होकर परिवार चला रही हैं या फिर खेतों में काम करके अपनों का साथ दे रही हैं. शहर के बदलाव का असर अब गांव में भी दिखने लगा है और महिलाएं घरों की चौखट को लांघकर अपने पैरों पर खड़े होने का प्रयास कर रही हैं, जिसकी शुरुआत बनारस के बड़ागांव क्षेत्र के विरार कोट में हुई है.