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बनारस से अयोध्या के लिए शुरू होगी हेलीकाप्टर सेवा; अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस पहला घाट तैयार - वाराणसी की खबरें

बनारस का एक घाट जल, थल और नभ से कनेक्ट हो गया है. चलिए जानते हैं इसके बारे में.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 7, 2023, 10:07 AM IST

Updated : Dec 7, 2023, 3:48 PM IST

वाराणसी: कल तक बनारस के कई घाट सिर्फ नौकायन के लिए जाने जाते थे लेकिन अब बनारस का एक घाट ऐसा भी है जो जल, थल और नभ से जुड़ गया है. जल्द ही पर्यटकों को इसका लाभ मिलने लगेगा. उम्मीद है कि पीएम मोदी जब काशी आएंगे तो इन तीनों सुविधाओं को जनता को समर्पित करेंगे.

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रात को रंग बिरंगी रोशनी से नहाया घाट.

आधुनिकता और प्राचीनता का समावेश
आस्था, पर्यटन और रोजगार के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर का नमो (खिड़किया) घाट बन का तैयार हो गया है. जल्दी ही इसका औपचारिक उद्घाटन करके जनता को समर्पित कर दिया जाएगा. प्राचीनता और आधुनिकता के साथ तालमेल मिलाकर चलती काशी के घाटों की श्रृंखला में एक और पक्का घाट तथा वाराणसी के पहले मॉडल घाट के रूप में नमो घाट जुड़ गया है. इसका विस्तार नमो घाट से आदिकेशव घाट तक लगभग 1.5 किलोमीटर हुआ है.

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गंगा किनारे का नजारा.

ये सुविधाएं मिलेंगी
घाट की बनावट और अंतर्राष्ट्रीय सुविधा के साथ नमस्ते की स्कल्पचर पर्यटकों को आकर्षित कर रहा है. जल, थल और नभ से जुड़ने वाले यह पहला घाट होगा, जहां पर हेलीकाप्टर भी उतर सकेगा. यहां फ्लोटिंग सीएनजी स्टेशन, ओपन एयर थियेटर, विसर्जन कुंड, फ्लोटिंग जेटी पर बाथिंग कुंड तथा चेंजिंग रूम का भी निर्माण हुआ है. योगा स्थल, वाटर स्पोर्ट्स, चिल्ड्रन प्ले एरिया, कैफ़ेटेरिया के अलावा अन्य सुविधाएं होंगी.

आसानी से आ सकेंगे दिव्यांगजन
यह घाट वाराणसी का पहला ऐसा घाट है, जो दिव्यांगजनों के पूर्णतः अनुकूल बनाया गया है. नमो घाट का पुनर्निर्माण दो फेजों मे किया गया है. इसका निर्माण 81000 स्क्वायर मीटर 91.06 करोड़ से किया गया है. इस परियोजना में सीएसआर के माध्यम से इंडियन ऑयल फाउंडेशन द्वारा भी वित्तपोषण किया गया है.


मेक इन इंडिया का विशेष ध्यान
वाराणसी स्मार्ट सिटी के मुख्य महाप्रबंधक डॉ. डी. वासुदेवन ने बताया कि नमो घाट के पुनर्विकास में मेक इन इंडिया का विशेष ध्यान दिया गया है. इस घाट पर वोकल फॉर लोकल भी दिखेगा. यहां पर्यटक सुबह-ए-बनारस का नजारा और गंगा आरती में शामिल हो सकेंगे. वाटर एडवेंचर स्पोर्ट्स का लुफ़्त ले सकेंगे. सेहतमंद रहने के लिए सुबह मॉर्निंग वाक, व्यायाम और योग कर सकेंगे. दिव्यांगजन और बुजुर्गों के लिए मां गंगा के चरणों तक रैंप बना है. ओपेन थियेटर है, लाइब्रेरी, वीआईपी लाउंज, बनारसी खान पान के लिए फूड कोर्ट और मल्टीपर्पज़ प्लेटफार्म है. यहां हेलीकाप्टर उतरने के साथ ही विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन हो सकता है. मल्टीपर्पज़ प्लेटफार्म क्राउड मैनेजमेंट में भी काम आ सकता है.

एशिया का पहला फ्लोटिंग सीएनजी स्टेशन
जेटी से बोट द्वारा श्री काशी विश्वनाथ धाम जा सकेंगे. गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के लिए सीएनजी से चलने वाली नाव के लिए एशिया का पहला फ्लोटिंग सीएनजी स्टेशन भी नमो घाट पर बना है. इसके अलावा अन्य गाड़ियों के लिए भी यहाँ अलग से सीएनजी स्टेशन है.नमो घाट से क्रूज़ के जरिए पास के अन्य शहरों का भ्रमण किया जा सकता है.

बाथिंग और विसर्जन कुंड भी
फेज वन में बने बड़े नमस्ते स्कल्पचर की ऊंचाई करीब 25 फ़ीट और छोटे की 15 फिट है, नमस्ते स्कल्पचर नमो घाट की पहचान बन गया है. नमो घाट पर ख़ास विसर्जन कुंड बना है, जिससे लोग पूजन सामग्री माला फूल, मूर्ति विसर्जन इत्यादि कर सके और माँ गंगा को प्रदूषित न करें. घाट के किनारे हरियाली के लिए और मिट्टी का कटान न हो इसके लिए पौधरोपण होगा.आस्था की डुबकी लगाने के लिए अन्य घाटों की तरह पक्का घाट बना है. यहाँ सीढ़ियों के साथ ही रैंप भी बनाया गया है, बाथिंग कुंड है, जिससे वृद्ध और दिव्यांगजन भी गंगा स्नान आसानी से कर सकेंगे.

काशी के नमो घाट से इस महीने शुरू हो सकती हेलीकॉप्टर सेवा
वाराणसी के नमो घाट पर हेलीपैड को लगभग तैयार किए जाने के बाद जल्द ही शुरू किए जाने की तैयारी भी चल रही है. माना जा रहा है कि 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले काशी अयोध्या की हेलीकॉप्टर सेवा शुरू हो जाएगी. दोनों शहरों के बीच 220 किलोमीटर की यह दूरी लगभग 50 मिनट में ही तय हो पाएगी. इसके लिए स्मार्ट सिटी की जान से तैयारी को अंतिम रूप देने में जुटी हुई है.
इस बारे में स्मार्ट सिटी के जनसंपर्क अधिकारी शाकंभरी नंदन का कहना है कि नमो घाट पर हेलीपैड सेवा के लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी और अन्य केंद्रीय जांच एजेंसियों के द्वारा पिछले दिनों हेलीकॉप्टर उतार कर सारी व्यवस्था को चेक किया गया है. इसे ट्रायल नहीं कहा जा सकता है, क्योंकि एक मानक के अनुरूप सारी चीज सही है या नहीं यह चेक किया जाता है. यह चेक करने के बाद अब यह एजेंसियां ही डिसाइड करेंगी कि इस पर आगे क्या कार्रवाई करनी है, लेकिन नमो घाट पर दो हेलीपैड बनाए गए हैं जो हेलीकॉप्टर उतरने के लिए बिल्कुल सुरक्षित और मुफीद हैं. इन्हें लगभग 30 दिसंबर तक फाइनल भी कर लिया जाएगा. ऐसा माना जा रहा है कि यह हेलीकॉप्टर सर्विस केदारनाथ और चार धाम और वैष्णो देवी सेवा के तहत संचालित की जाएगी. ऐसा माना जा रहा है कि 17 और 18 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दो दिवसीय दौरे पर वाराणसी में होंगे. काशी से अयोध्या के बीच हेलीकॉप्टर सेवा का लाभ पर्यटकों को बड़ी संख्या में मिलेगा और इससे रेवेन्यू भी जनरेट होगा.

सेकेंड फेज भी पूरा
वाराणसी स्मार्ट सिटी के परियोजना प्रबंधक सुमन राय ने बताया कि गेबियन और रेटेशन वाल से घाट तैयार किया गया है. जिससे बाढ़ में घाट सुरक्षित रहेगा.ये देखने में पुराने घाटों की तरह है. खिरकिया घाट तक गाड़ियां जा सकती है. घाट पर ही वाहन के पार्किंग की व्यवस्था है. नमो घाट का पुनर्निर्माण दो चरणों में हुआ है. पहले चरण के निर्माण के बाद ये जगह पब्लिक के लिए खोल दी गई थी. इसका आनंद पर्यटक ले रहे हैं. अब दूसरे चरण के निर्माण के बाद पूरा नमो घाट उद्घाटन के लिए लगभग तैयार हो गया है, जिसे अंतिम रूप दिया जा रहा है.

ये भी पढ़ेंः दूल्हे की अनोखी सवारी; कार को हेलीकॉप्टर बनाकर निकाली बरात, देखने उमड़ी भीड़

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रात को रंग बिरंगी रोशनी से नहाया घाट.

आधुनिकता और प्राचीनता का समावेश
आस्था, पर्यटन और रोजगार के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर का नमो (खिड़किया) घाट बन का तैयार हो गया है. जल्दी ही इसका औपचारिक उद्घाटन करके जनता को समर्पित कर दिया जाएगा. प्राचीनता और आधुनिकता के साथ तालमेल मिलाकर चलती काशी के घाटों की श्रृंखला में एक और पक्का घाट तथा वाराणसी के पहले मॉडल घाट के रूप में नमो घाट जुड़ गया है. इसका विस्तार नमो घाट से आदिकेशव घाट तक लगभग 1.5 किलोमीटर हुआ है.

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गंगा किनारे का नजारा.

ये सुविधाएं मिलेंगी
घाट की बनावट और अंतर्राष्ट्रीय सुविधा के साथ नमस्ते की स्कल्पचर पर्यटकों को आकर्षित कर रहा है. जल, थल और नभ से जुड़ने वाले यह पहला घाट होगा, जहां पर हेलीकाप्टर भी उतर सकेगा. यहां फ्लोटिंग सीएनजी स्टेशन, ओपन एयर थियेटर, विसर्जन कुंड, फ्लोटिंग जेटी पर बाथिंग कुंड तथा चेंजिंग रूम का भी निर्माण हुआ है. योगा स्थल, वाटर स्पोर्ट्स, चिल्ड्रन प्ले एरिया, कैफ़ेटेरिया के अलावा अन्य सुविधाएं होंगी.

आसानी से आ सकेंगे दिव्यांगजन
यह घाट वाराणसी का पहला ऐसा घाट है, जो दिव्यांगजनों के पूर्णतः अनुकूल बनाया गया है. नमो घाट का पुनर्निर्माण दो फेजों मे किया गया है. इसका निर्माण 81000 स्क्वायर मीटर 91.06 करोड़ से किया गया है. इस परियोजना में सीएसआर के माध्यम से इंडियन ऑयल फाउंडेशन द्वारा भी वित्तपोषण किया गया है.


मेक इन इंडिया का विशेष ध्यान
वाराणसी स्मार्ट सिटी के मुख्य महाप्रबंधक डॉ. डी. वासुदेवन ने बताया कि नमो घाट के पुनर्विकास में मेक इन इंडिया का विशेष ध्यान दिया गया है. इस घाट पर वोकल फॉर लोकल भी दिखेगा. यहां पर्यटक सुबह-ए-बनारस का नजारा और गंगा आरती में शामिल हो सकेंगे. वाटर एडवेंचर स्पोर्ट्स का लुफ़्त ले सकेंगे. सेहतमंद रहने के लिए सुबह मॉर्निंग वाक, व्यायाम और योग कर सकेंगे. दिव्यांगजन और बुजुर्गों के लिए मां गंगा के चरणों तक रैंप बना है. ओपेन थियेटर है, लाइब्रेरी, वीआईपी लाउंज, बनारसी खान पान के लिए फूड कोर्ट और मल्टीपर्पज़ प्लेटफार्म है. यहां हेलीकाप्टर उतरने के साथ ही विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन हो सकता है. मल्टीपर्पज़ प्लेटफार्म क्राउड मैनेजमेंट में भी काम आ सकता है.

एशिया का पहला फ्लोटिंग सीएनजी स्टेशन
जेटी से बोट द्वारा श्री काशी विश्वनाथ धाम जा सकेंगे. गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के लिए सीएनजी से चलने वाली नाव के लिए एशिया का पहला फ्लोटिंग सीएनजी स्टेशन भी नमो घाट पर बना है. इसके अलावा अन्य गाड़ियों के लिए भी यहाँ अलग से सीएनजी स्टेशन है.नमो घाट से क्रूज़ के जरिए पास के अन्य शहरों का भ्रमण किया जा सकता है.

बाथिंग और विसर्जन कुंड भी
फेज वन में बने बड़े नमस्ते स्कल्पचर की ऊंचाई करीब 25 फ़ीट और छोटे की 15 फिट है, नमस्ते स्कल्पचर नमो घाट की पहचान बन गया है. नमो घाट पर ख़ास विसर्जन कुंड बना है, जिससे लोग पूजन सामग्री माला फूल, मूर्ति विसर्जन इत्यादि कर सके और माँ गंगा को प्रदूषित न करें. घाट के किनारे हरियाली के लिए और मिट्टी का कटान न हो इसके लिए पौधरोपण होगा.आस्था की डुबकी लगाने के लिए अन्य घाटों की तरह पक्का घाट बना है. यहाँ सीढ़ियों के साथ ही रैंप भी बनाया गया है, बाथिंग कुंड है, जिससे वृद्ध और दिव्यांगजन भी गंगा स्नान आसानी से कर सकेंगे.

काशी के नमो घाट से इस महीने शुरू हो सकती हेलीकॉप्टर सेवा
वाराणसी के नमो घाट पर हेलीपैड को लगभग तैयार किए जाने के बाद जल्द ही शुरू किए जाने की तैयारी भी चल रही है. माना जा रहा है कि 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले काशी अयोध्या की हेलीकॉप्टर सेवा शुरू हो जाएगी. दोनों शहरों के बीच 220 किलोमीटर की यह दूरी लगभग 50 मिनट में ही तय हो पाएगी. इसके लिए स्मार्ट सिटी की जान से तैयारी को अंतिम रूप देने में जुटी हुई है.
इस बारे में स्मार्ट सिटी के जनसंपर्क अधिकारी शाकंभरी नंदन का कहना है कि नमो घाट पर हेलीपैड सेवा के लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी और अन्य केंद्रीय जांच एजेंसियों के द्वारा पिछले दिनों हेलीकॉप्टर उतार कर सारी व्यवस्था को चेक किया गया है. इसे ट्रायल नहीं कहा जा सकता है, क्योंकि एक मानक के अनुरूप सारी चीज सही है या नहीं यह चेक किया जाता है. यह चेक करने के बाद अब यह एजेंसियां ही डिसाइड करेंगी कि इस पर आगे क्या कार्रवाई करनी है, लेकिन नमो घाट पर दो हेलीपैड बनाए गए हैं जो हेलीकॉप्टर उतरने के लिए बिल्कुल सुरक्षित और मुफीद हैं. इन्हें लगभग 30 दिसंबर तक फाइनल भी कर लिया जाएगा. ऐसा माना जा रहा है कि यह हेलीकॉप्टर सर्विस केदारनाथ और चार धाम और वैष्णो देवी सेवा के तहत संचालित की जाएगी. ऐसा माना जा रहा है कि 17 और 18 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दो दिवसीय दौरे पर वाराणसी में होंगे. काशी से अयोध्या के बीच हेलीकॉप्टर सेवा का लाभ पर्यटकों को बड़ी संख्या में मिलेगा और इससे रेवेन्यू भी जनरेट होगा.

सेकेंड फेज भी पूरा
वाराणसी स्मार्ट सिटी के परियोजना प्रबंधक सुमन राय ने बताया कि गेबियन और रेटेशन वाल से घाट तैयार किया गया है. जिससे बाढ़ में घाट सुरक्षित रहेगा.ये देखने में पुराने घाटों की तरह है. खिरकिया घाट तक गाड़ियां जा सकती है. घाट पर ही वाहन के पार्किंग की व्यवस्था है. नमो घाट का पुनर्निर्माण दो चरणों में हुआ है. पहले चरण के निर्माण के बाद ये जगह पब्लिक के लिए खोल दी गई थी. इसका आनंद पर्यटक ले रहे हैं. अब दूसरे चरण के निर्माण के बाद पूरा नमो घाट उद्घाटन के लिए लगभग तैयार हो गया है, जिसे अंतिम रूप दिया जा रहा है.

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Last Updated : Dec 7, 2023, 3:48 PM IST
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