वाराणसी: पूरे देश में एक बार फिर तेजी से कोरोना का संक्रमण फैल रहा है. इसे देखते हुए काशी हिंदू विश्वविद्यालय के एम्फीथिएटर मैदान में 1000 बेड का अस्थाई अस्पताल शनिवार से आकार पाने लगा है. इसके निर्माण की जिम्मेदारी खुद डीआरडीओ ने संभाल रखी है. इसके साथ एक कर्नल को भी तैनात किया गया है. स्थानीय स्तर पर समन्वय की जिम्मेदारी एडीएम सिटी गुलाबचंद को दी गई है. प्रशासन की मानें तो मई के पहले सप्ताह तक यह अस्पताल बनकर तैयार हो जाएगा. अस्थाई अस्पताल जर्मन तकनीक से बन रहा है.
पीएम ने जाना था काशी का हाल
वाराणसी के सांसद और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों स्थानीय अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के बाद अस्थाई अस्पताल की घोषणा की थी, जिसके बाद तैयारियां शुरू कर दी गई थी. इसके लिए गुरुवार को जर्मन हैंगर के लिए सामान गिरा दिया गया. साथ ही जिला प्रशासन ने बैठक कर विभागों की जिम्मेदारी दे दी.
इन विभागों को मिली जिम्मेदारी
1000 अस्थाई बेड की जिम्मेदारी बिजली हाइडल, सीवेज, नगर निगम, जलकल को दी गई है. अन्य व्यवस्था बीएचयू को दी गई है. अस्थाई हॉस्पिटल में ऑक्सीजन और दवा की व्यवस्था खुद डीआरडीओ संभालेगा. डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ व टेक्नीशियन बीएचयू के होंगे. वहीं सेना के डॉक्टर व स्टाफ भी लगाए जाएंगे. प्रशासन इस लिहाज से पहले ही बीएचयू से डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ का ब्यौरा मांग चुका है.
इस प्रकार की होंगी सुविधा
डीआरडीओ द्वारा बनाए जा रहे 1000 बेड का अस्थाई अस्पताल को 4 चेंबर में बांटा गया है, जिसके 1 चेंबर में 250 बेड रहेंगे. तीन चेंबर नॉर्मल होंगे, जिसमें ऑक्सीजन की व्यवस्था होगी. उसके साथ एक चेंबर होगा, जो पूरी तरह से आईसीयू का होगा. मतलब 250 बेड आईसीयू के होंगे. इसके साथ ही यहां पर इनका अपना ऑक्सीजन प्लांट होगा.
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लोक निर्माण विभाग के अधिकारी सुग्रीव राम ने बताया कि डीआरडीओ के गाइडेंस के अनुसार जो भी अस्थाई कोविड-19 हॉस्पिटल बन रहा है, उसके चारों तरफ हमें रोड निर्माण करने के लिए कहा गया है. इसमें हम लोग इंटरलॉकिंग का रोड बनाएंगे. जिस तरह हमें निर्देश मिलेगा, हम उस तरह रोड को तैयार कर देंगे. एक हफ्ता के अंदर हम अपना कार्य समाप्त कर देंगे.