वाराणसी: अंतर्देशीय जलमार्गों की भूमिका को और मजबूत करने के उद्देश्य से वाराणसी में शनिवार को 'पीएम गति शक्ति मल्टीमॉडल जलमार्ग शिखर सम्मेलन (PM Gati Shakti Multimodal Waterways Summit) 2022 का दूसरा और अंतिम दिन रहा. इस दौरान पंडित दीनदयाल उपाध्याय हस्तकला संकुल (Pandit Deendayal Upadhyay Handicraft Complex) में तकनीकी विशेषज्ञों ने कई अहम मुद्दों पर अपने विचार व्यक्त किए. विशेषज्ञों ने अंतर्देशीय जलमार्ग के विकास और देश के व्यापक लाजिस्टिक्स और सप्लाई चेन में इसकी भागीदारी बढ़ाने के ऊपर विस्तार से चर्चा की गई. विशेषज्ञों ने उम्मीद जताई कि पीएम गति शक्ति योजना से देश का आधारभूत ढांचा और मजबूत होगा. वहीं, विशेषज्ञ इस बात से आश्वस्त दिखे कि योजना के क्रियान्वयन के बाद भारत का डंका दुनिया भर में बजेगा.
शनिवार को सम्मेलन के दूसरे दिन आयोजित अलग—अलग सत्रों में विशेषज्ञों ने अंतर्देशीय जलमार्ग परिवहन हेतु फेयरवे के विकास और प्रबंधन की विभिन्न चुनौतियों और उनके समााधान के बारे में अपने विशेष दृष्टिकोणों से अवगत कराया. पहले दिन आयोजित सत्र की चर्चा को आगे बढ़ाते हुए दूसरे दिन विशेषज्ञों ने पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान की पेंचीदीगियों, डेटा और सूचना की विभिन्न परतों के बारे में विस्तार से बताया. सत्र में इस बात भी चर्चा की गई कि कैसे इंफ्रास्टक्चर को मजबूती प्रदान की जाए और इसका रोड मैप क्या हो.
इस मौके पर बोलते हुए, भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के अध्यक्ष संजय बंदोपाध्याय ने कहा कि अंतर्देशीय जलमार्गों में भारत के भीतरी इलाकों के लिए जीवन रेखा बनने की क्षमता है. यह वैश्विक बाजार तक उनकी आसान पहुंच प्रदान करके ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालेगा. सम्मेलन में मौजूद डॉ. नयन शर्मा, मुख्य सलाहकार, इनोवान्टे वाटर साल्यूशन्स और पूर्व प्रोफेसर, आईआईटी, रुड़की ने वॉटरवेज के प्रबंधन के लिये अपने विस्तृत अनुभव के आधार पर अभिनव तकनीकी समाधानों के बारे में बताया. प्रो. शर्मा के मुताबिक इन नवीन तकनीकी समाधानों की मदद से गंगा नदी में व्यापक सिल्टेशन की समस्या को दूर किया जा सकता है.
ओम प्रकाश शा, प्रो आईआईटी, खड़गपुर ने पालटून पुलों के त्वरित खोलने और बंद करने की प्रणाली के मशीनीकरण के लिए एक समाधान के ऊपर प्रस्तुति दी. इस समाधान के उपयोग से जहाज परिचालन में समय की बचत हो सकती है. उन्होनें इस प्रणाली के उपयोग और प्रबंधन के लिए उचित पशिक्षण की जरुरत पर भी जोर दिया. हैरी डी लियर जो कि पोत परिवहन के क्षेत्र के अंर्ताष्ट्रीय विशेषज्ञ हैं. उन्होंने अंतर्देशीय जलमार्ग के विकास और देश के व्यापक लाजिस्टिक्स और सप्लाई चेन में इसकी भगीदारी बढ़ाने के लिए सरकार की समर्थकारी नीतियों की महत्ता पर जोर दिया.
वहीं, कैप्टन इन्द्रवीर सोलंकी ने जहाज संचालकों की विभिन्न समस्याओं और उनके समाधानों के ऊपर अपने विचार व्यक्त किए. उन्होनें सरकार द्वारा जल परिवहन को बढावा देने के लिए प्रोत्साहन और आवश्यक सहायता की जरुरत पर भी बल दिया. याको क्लीवेट, रॉयल आईएचसी ने अंतर्देशीय जलमार्ग में ड्रेजिंग के लिए विभिन्न प्रकार के ड्रेजर्स की उपलब्धता.
इनके उपयोग के उपर विस्तृत प्रस्तुति दी. शिखर सम्मेलन के इस तकनीकी सत्र में विश्व बैंक और बांग्लादेश सरकार के अधिकारियों ने भी भाग लिया. इसके अलावा, उत्तर प्रदेश सरकार के प्रतिनिधि, नेपाल और भूटान के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे. भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (IWAI) के तत्वावधान में आयोजित, यह 2 दिवसीय सम्मेलन पीएम गति शक्ति N.M.P, इसके घटकों और आर्थिक विकास के इंजन के रूप में उनके महत्व को उजागर करेगा.
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