ETV Bharat / state

वाराणसी: काशी विद्यापीठ में शिक्षकों ने किया प्रदर्शन, कुलपति का फूंका पुतला

उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में महात्मा गांधी विद्यापीठ के कुलपति के खिलाफ शिक्षकों ने प्रदर्शन किया और जमकर नारेबाजी की. यही नहीं, शिक्षकों ने कुलपति का पुतला भी फूंका.

author img

By

Published : Nov 12, 2020, 12:32 AM IST

teachers burnt effigy of vice chancellor in kashi vidyapeeth varanasi
शिक्षकों ने कुलपति का फूंका पुतला.

वाराणसी: महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में अपनी मांगों को लेकर सत्याग्रह कर रहे शिक्षकों के समर्थन में बुधवार को अनुमोदित शिक्षक संघ ने अपना समर्थन दिया. इस दौरान संघ के सदस्यों ने विद्यापीठ के कुलपति का पुतला फूंका. साथ ही जमकर नारेबाजी व प्रदर्शन किया.

इस अवसर पर शिक्षक संघ के अध्यक्ष ने कहा कि माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन में जारी शासनादेश 13 मार्च 2020 से स्ववित्तपोषित योजना में कार्यरत शिक्षकों की संविदा समाप्त हो चुकी है. अब उनकी सेवा पाठ्यक्रम के चलते रहने तक अथवा अधिवर्षता आयु तक हो गई है. इस प्रकार स्थाई संबद्धता प्राप्त पाठ्यक्रमों में ये शिक्षक नियमित हो चुके हैं और नियमित शिक्षकों की समस्त सुविधाएं इन्हें अनुमन्य होनी चाहिए.

विवि प्रशासन अपने चहेतों की करना चाहता है नियुक्ति
शिक्षक संघ के महामंत्री ने कहा कि काशी विद्यापीठ वाराणसी के कुलपति प्रोफेसर टी.एन. सिंह माननीय उच्च न्यायालय के आदेश पर उत्तर प्रदेश सरकार के शासनादेश को नजरअंदाज कर नियमित हो चुके शिक्षकों को मनमाने ढंग से बाहर करके अपने चहेतों की नियुक्ति पुनः साक्षात्कार करके करना चाहते हैं. हम उन्हें ऐसा किसी कीमत पर नहीं करने देंगे. अब यह लड़ाई केवल काशी विद्यापीठ के नहीं रह गई है अपितु उत्तर प्रदेश के सभी स्ववित्तपोषित योजना में कार्यरत शिक्षकों की है.

महामंत्री ने कहा कि 5 वर्ष की संविदा और संविदा विस्तारीकरण का खेल प्रत्येक राज्य विश्वविद्यालयों से खत्म कराना हमारा लक्ष्य है. हम इनकी मनमानी व शोषण के विरुद्ध प्रदेश भर में ईंट से ईंट बजा देंगे, किंतु अब यह अपमान नहीं सहेंगे और अपना हक़ लेकर रहेंगे.

वाराणसी: महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में अपनी मांगों को लेकर सत्याग्रह कर रहे शिक्षकों के समर्थन में बुधवार को अनुमोदित शिक्षक संघ ने अपना समर्थन दिया. इस दौरान संघ के सदस्यों ने विद्यापीठ के कुलपति का पुतला फूंका. साथ ही जमकर नारेबाजी व प्रदर्शन किया.

इस अवसर पर शिक्षक संघ के अध्यक्ष ने कहा कि माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन में जारी शासनादेश 13 मार्च 2020 से स्ववित्तपोषित योजना में कार्यरत शिक्षकों की संविदा समाप्त हो चुकी है. अब उनकी सेवा पाठ्यक्रम के चलते रहने तक अथवा अधिवर्षता आयु तक हो गई है. इस प्रकार स्थाई संबद्धता प्राप्त पाठ्यक्रमों में ये शिक्षक नियमित हो चुके हैं और नियमित शिक्षकों की समस्त सुविधाएं इन्हें अनुमन्य होनी चाहिए.

विवि प्रशासन अपने चहेतों की करना चाहता है नियुक्ति
शिक्षक संघ के महामंत्री ने कहा कि काशी विद्यापीठ वाराणसी के कुलपति प्रोफेसर टी.एन. सिंह माननीय उच्च न्यायालय के आदेश पर उत्तर प्रदेश सरकार के शासनादेश को नजरअंदाज कर नियमित हो चुके शिक्षकों को मनमाने ढंग से बाहर करके अपने चहेतों की नियुक्ति पुनः साक्षात्कार करके करना चाहते हैं. हम उन्हें ऐसा किसी कीमत पर नहीं करने देंगे. अब यह लड़ाई केवल काशी विद्यापीठ के नहीं रह गई है अपितु उत्तर प्रदेश के सभी स्ववित्तपोषित योजना में कार्यरत शिक्षकों की है.

महामंत्री ने कहा कि 5 वर्ष की संविदा और संविदा विस्तारीकरण का खेल प्रत्येक राज्य विश्वविद्यालयों से खत्म कराना हमारा लक्ष्य है. हम इनकी मनमानी व शोषण के विरुद्ध प्रदेश भर में ईंट से ईंट बजा देंगे, किंतु अब यह अपमान नहीं सहेंगे और अपना हक़ लेकर रहेंगे.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.