ETV Bharat / state

कैंसर मरीजों की जिंदगी बचाने के लिए वाराणसी में स्थापित होगी टीबी व फंगस लैब

author img

By

Published : Nov 28, 2020, 10:35 AM IST

कैंसर मरीजों में संक्रमण की जांच के लिए महामना मदन मोहन मालवीय कैंसर सेंटर और होमी भाभा कैंसर अस्पताल में टीबी व फंगस लैब की स्थापना करने की तैयारी शुरू हो गई है. माना जा रहा है कि नए साल पर यह सुविधा कैंसर मरीजों को मिलने लगेगी.

वाराणसी में स्थापित होगी टीबी व फंगस लैब
वाराणसी में स्थापित होगी टीबी व फंगस लैब

वाराणसी: कैंसर के मरीजों के लिए बनारस में पहले से ही महामना कैंसर सेंटर और होमी भाभा कैंसर अस्पताल मौजूद हैं, लेकिन समय के साथ यह दोनों अस्पताल भी अपने आप को अपडेट करते जा रहे हैं और अब नए साल में इस अस्पताल में कैंसर के मरीजों के लिए एक बड़ी सुविधा शुरू होने जा रही है. जिसके शुरू होने के बाद कैंसर के ऑपरेशन के बाद संक्रमण का खतरा भी कम होगा और मृत्यु दर में भी कमी आएगी.

एक करोड़ 30 लाख की लागत से होगी स्थापित

दरअसल, कैंसर मरीजों में संक्रमण की जांच के लिए महामना मदन मोहन मालवीय कैंसर सेंटर और होमी भाभा कैंसर अस्पताल में टीबी व फंगस लैब की स्थापना करने की तैयारी शुरू हो गई है. माना जा रहा है कि नए साल पर यह सुविधा कैंसर मरीजों को मिलने लगेगी. लगभग सवा करोड़ रुपये की लागत से तैयार हो रही. इस लैब के शुरू होने के बाद मरीजों की समय से जांच व इलाज होने की वजह से मृत्यु दर में कमी आएगी और लोगों को बेहतर सुविधाएं बनारस में ही मिल सकेंगी.

सैंपल की जांच हो सकेगी बनारस में

इस बारे में माइक्रोबायोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. राहुल सरोदे का कहना है कि कैंसर मरीजों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहद कम होती है. ऐसे में इन मरीजों को टीबी या फंगल या वायरल संक्रमण का खतरा बहुत ज्यादा हो जाता है. इसके इलाज में देरी जानलेवा साबित हो जाती है. अब तक संक्रमण की जांच के लिए सैंपल मुंबई के टाटा मेमोरियल सेंटर भेजे जाते हैं.

जिसकी रिपोर्ट आने में समय लगता है और मरीज की हालत तेजी से बिगड़ने लगती है, लेकिन आने वाले कुछ महीनों में यह जांच बनारस में ही उपलब्ध होगी. टीबी और फंगल लैब स्थापित करने के लिए रायबरेली के पूर्व विधायक सुरेंद्र बहादुर सिंह ने सीएसआर फंड से एक करोड़ 23 लाख रुपये कैंसर सेंटर को दिए हैं.

खरीदे जाएंगे आधुनिक उपकरण

जिसके बाद अत्याधुनिक एलिसा वाशर एंड रीडर और फ्लोरोसेंस माइक्रोस्कोप के साथ अन्य महंगे उपकरण की खरीद हो रही है. इस वर्किंग के बाद लैब में मरीजों की जांच आसान होगी और इस नए लैब के स्थापित होने के बाद इसका विस्तार भी किया जाएगा. जिससे कैंसर सेंटर के अलावा बाहरी मरीजों के सैंपल की भी जांच आसानी से की जा सकेगी और समय रहते रिपोर्ट मिलने से इनकी जिंदगी भी बचाई जा सकेगी.

इलाज के साथ जिंदगी बचाना जरूरी

इस बारे में अस्पताल के निदेशक डॉ. सत्यजीत प्रधान का कहना है कि समाज के हर वर्ग को समय रहते बेहतर इलाज मुहैया कराने के साथ ही उनकी जिंदगी को बचाना कैंसर संस्थान का उद्देश्य है. इस दृष्टि से नए प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि बेहतर नतीजे मिल सके.

वाराणसी: कैंसर के मरीजों के लिए बनारस में पहले से ही महामना कैंसर सेंटर और होमी भाभा कैंसर अस्पताल मौजूद हैं, लेकिन समय के साथ यह दोनों अस्पताल भी अपने आप को अपडेट करते जा रहे हैं और अब नए साल में इस अस्पताल में कैंसर के मरीजों के लिए एक बड़ी सुविधा शुरू होने जा रही है. जिसके शुरू होने के बाद कैंसर के ऑपरेशन के बाद संक्रमण का खतरा भी कम होगा और मृत्यु दर में भी कमी आएगी.

एक करोड़ 30 लाख की लागत से होगी स्थापित

दरअसल, कैंसर मरीजों में संक्रमण की जांच के लिए महामना मदन मोहन मालवीय कैंसर सेंटर और होमी भाभा कैंसर अस्पताल में टीबी व फंगस लैब की स्थापना करने की तैयारी शुरू हो गई है. माना जा रहा है कि नए साल पर यह सुविधा कैंसर मरीजों को मिलने लगेगी. लगभग सवा करोड़ रुपये की लागत से तैयार हो रही. इस लैब के शुरू होने के बाद मरीजों की समय से जांच व इलाज होने की वजह से मृत्यु दर में कमी आएगी और लोगों को बेहतर सुविधाएं बनारस में ही मिल सकेंगी.

सैंपल की जांच हो सकेगी बनारस में

इस बारे में माइक्रोबायोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. राहुल सरोदे का कहना है कि कैंसर मरीजों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहद कम होती है. ऐसे में इन मरीजों को टीबी या फंगल या वायरल संक्रमण का खतरा बहुत ज्यादा हो जाता है. इसके इलाज में देरी जानलेवा साबित हो जाती है. अब तक संक्रमण की जांच के लिए सैंपल मुंबई के टाटा मेमोरियल सेंटर भेजे जाते हैं.

जिसकी रिपोर्ट आने में समय लगता है और मरीज की हालत तेजी से बिगड़ने लगती है, लेकिन आने वाले कुछ महीनों में यह जांच बनारस में ही उपलब्ध होगी. टीबी और फंगल लैब स्थापित करने के लिए रायबरेली के पूर्व विधायक सुरेंद्र बहादुर सिंह ने सीएसआर फंड से एक करोड़ 23 लाख रुपये कैंसर सेंटर को दिए हैं.

खरीदे जाएंगे आधुनिक उपकरण

जिसके बाद अत्याधुनिक एलिसा वाशर एंड रीडर और फ्लोरोसेंस माइक्रोस्कोप के साथ अन्य महंगे उपकरण की खरीद हो रही है. इस वर्किंग के बाद लैब में मरीजों की जांच आसान होगी और इस नए लैब के स्थापित होने के बाद इसका विस्तार भी किया जाएगा. जिससे कैंसर सेंटर के अलावा बाहरी मरीजों के सैंपल की भी जांच आसानी से की जा सकेगी और समय रहते रिपोर्ट मिलने से इनकी जिंदगी भी बचाई जा सकेगी.

इलाज के साथ जिंदगी बचाना जरूरी

इस बारे में अस्पताल के निदेशक डॉ. सत्यजीत प्रधान का कहना है कि समाज के हर वर्ग को समय रहते बेहतर इलाज मुहैया कराने के साथ ही उनकी जिंदगी को बचाना कैंसर संस्थान का उद्देश्य है. इस दृष्टि से नए प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि बेहतर नतीजे मिल सके.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.