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स्वामी चिदानंद ने कहा- अयोध्या में हो रहा राष्ट्र मंदिर का निर्माण, ज्ञानवापी में फव्वारा नहीं, अब शिव धारा के दर्शन होंगे

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 3, 2023, 6:41 PM IST

तीन दिवसीय संस्कृति संसद में शामिल होने वाराणसी पहुंचे परमार्थ निकेतन के प्रमुख स्वामी चिदानंद सरस्वती (Swami Chidanand Saraswati) ने कहा है कि ज्ञानवापी में जल्द शिव धारा के दर्शन होंगे. स्वामी ने अयोध्या में राम मंदिर (Ram temple in Ayodhya) के निर्माण को ऐतिहासिक उत्सव बताया. चिदानंद सरस्वती ने और क्या कहा, जानिए.

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स्वामी चिदानंद सरस्वती से खास बातचीत.

वाराणसी: तीन दिवसीय संस्कृति संसद में देशभर से 1200 से ज्यादा संत वाराणसी पहुंचे हैं. इसमें उत्तराखंड में परमार्थ निकेतन के प्रमुख स्वामी चिदानंद सरस्वती भी शामिल हैं. इस दौरान उन्होंने ईटीवी भारत से बातचीत में खुलकर अपनी बात रखी. उन्होंने खुलकर कहा कि सनातन संस्कृति पर प्रहार करने वालों को समझना चाहिए कि हम मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के भक्त हैं. श्री राम ने सबको गले लगाया, किसी का गला काटा नहीं. इसलिए हम गला काटने पर नहीं बल्कि गले लगाने पर विश्वास करते हैं. वहीं ज्ञानवापी प्रकरण पर कहा कि न्यायालय के माध्यम से इसका हल निकलेगा. मुझे यकीन है कि ज्ञानवापी में जल्द ही शिव धारा के दर्शन होंगे फव्वारे के नहीं.

सनातन देता है विश्व शांति की गारंटी

स्वामी चिदानंद ने कहा कि देव भक्ति भले अपने-अपने देव की करो, लेकिन देशभक्ति सब लोग मिलकर करो. क्योंकि देश सभी का है. आज इजराइल में क्या हो रहा है. विश्व को युद्ध की नहीं योग की आवश्यकता है. अगर हम लोग जुड़कर मिलकर साथ-साथ नहीं रहेंगे तो पक्का मान लीजिए यहां भी बहुत कुछ घट जाएगा. इसलिए सबको एक संदेश है सनातन का. आतंकवाद समस्या का समाधान नहीं है। समाधान है अध्यात्म, समाधान है शांति. विश्व शांति की गारंटी देने वाला यदि कोई है तो वह सनातन है. सनातन कोई विवाद नहीं पैदा करता, हमेशा संवाद पैदा करता है.

भगवान राम ने सबको गले लगाया

राम मंदिर पर स्वामी चिदानंद ने कहा भगवान श्री राम मर्यादा के अवतार हैं. भगवान श्री राम सेतु बंधु के अवतार हैं. उन्होंने सेतु बांधे हैं. जहां गए वहां सभी को गले लगाया. किसी को मिटाया नहीं. मिटा वही जिसके कर्म वैसे थे. क्योंकि सनातन संस्कृति गला काटने वाली नहीं, गला मिलने वाली संस्कृति है. इसलिए भगवान श्री राम विराजमान हैं. भगवान श्री राम उस मंदिर में विराजमान हो रहे हैं तो पक्का मानिए सनातनियों के लिए इससे बड़ा कोई ऐतिहासिक उत्सव नहीं हो सकता है.

अयोध्या में बन रहा है राष्ट्र मंदिर

स्वामी चिदानंद ने कहा कि मेरे लिए सिर्फ श्री राम मंदिर नहीं, बल्कि राष्ट्र मंदिर का निर्माण हो रहा है. उस मंदिर से राष्ट्रवाद की धारा और क्षमता की धारा निकलेगी एकरूपता हो या जरूरी नहीं है. कपड़े विचार भजन सब अलग-अलग हैं लेकिन यह तो हो सकता है कि हम कपड़े एक जैसे न पहने लेकिन हम अपने देश को महान बनाएं. यही कर्म योग है और इसी को हमें आगे बढ़ाना है. हमारा देश शांति की दिशा में आगे बढ़ रहा है.

विवाद होगा समाप्त, कायम होगा संवाद: स्वामी चिदानंद ने ज्ञानवापी प्रकरण पर कहा कि कोर्ट जो निर्णय देगा, उससे विवाद समाप्त होगा, संवाद कायम होगा. सभी प्रमाण सामने हैं. जैसे-जैसे प्रमाण सामने आएंगे, मुझे पूरा विश्वास है कि मुस्लिम समाज भी खुद सामने खड़ा होगा. ज्ञानवापी में न ही ज्ञान उर्दू से आया है न ही वापी उर्दू से आया. तो फिर विवाद क्या है. अगर कुछ है तो यह हमारी संस्कृति है दीवारों को तोड़ बीच के जंगले लगे हुए हैं, उनको भी हटा दीजिए. न्याय के माध्यम से संवाद के माध्यम से और शीघ्र ही मुझे लगता है कि उस जगह फव्वारा नहीं, बल्कि शिव धारा के दर्शन होंगे.

यह भी पढ़ें : सनातन विरोधियों को देशभर के संतों की चेतावनी, बोले- जिहादी आतंकवाद को देंगे मुंहतोड़ जवाब

यह भी पढ़ें : संस्कृति संसद में जुटे 1200 संत, राम मंदिर आंदोलन में जान गंवाने वालों के लिए किया महारुद्राभिषेक

स्वामी चिदानंद सरस्वती से खास बातचीत.

वाराणसी: तीन दिवसीय संस्कृति संसद में देशभर से 1200 से ज्यादा संत वाराणसी पहुंचे हैं. इसमें उत्तराखंड में परमार्थ निकेतन के प्रमुख स्वामी चिदानंद सरस्वती भी शामिल हैं. इस दौरान उन्होंने ईटीवी भारत से बातचीत में खुलकर अपनी बात रखी. उन्होंने खुलकर कहा कि सनातन संस्कृति पर प्रहार करने वालों को समझना चाहिए कि हम मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के भक्त हैं. श्री राम ने सबको गले लगाया, किसी का गला काटा नहीं. इसलिए हम गला काटने पर नहीं बल्कि गले लगाने पर विश्वास करते हैं. वहीं ज्ञानवापी प्रकरण पर कहा कि न्यायालय के माध्यम से इसका हल निकलेगा. मुझे यकीन है कि ज्ञानवापी में जल्द ही शिव धारा के दर्शन होंगे फव्वारे के नहीं.

सनातन देता है विश्व शांति की गारंटी

स्वामी चिदानंद ने कहा कि देव भक्ति भले अपने-अपने देव की करो, लेकिन देशभक्ति सब लोग मिलकर करो. क्योंकि देश सभी का है. आज इजराइल में क्या हो रहा है. विश्व को युद्ध की नहीं योग की आवश्यकता है. अगर हम लोग जुड़कर मिलकर साथ-साथ नहीं रहेंगे तो पक्का मान लीजिए यहां भी बहुत कुछ घट जाएगा. इसलिए सबको एक संदेश है सनातन का. आतंकवाद समस्या का समाधान नहीं है। समाधान है अध्यात्म, समाधान है शांति. विश्व शांति की गारंटी देने वाला यदि कोई है तो वह सनातन है. सनातन कोई विवाद नहीं पैदा करता, हमेशा संवाद पैदा करता है.

भगवान राम ने सबको गले लगाया

राम मंदिर पर स्वामी चिदानंद ने कहा भगवान श्री राम मर्यादा के अवतार हैं. भगवान श्री राम सेतु बंधु के अवतार हैं. उन्होंने सेतु बांधे हैं. जहां गए वहां सभी को गले लगाया. किसी को मिटाया नहीं. मिटा वही जिसके कर्म वैसे थे. क्योंकि सनातन संस्कृति गला काटने वाली नहीं, गला मिलने वाली संस्कृति है. इसलिए भगवान श्री राम विराजमान हैं. भगवान श्री राम उस मंदिर में विराजमान हो रहे हैं तो पक्का मानिए सनातनियों के लिए इससे बड़ा कोई ऐतिहासिक उत्सव नहीं हो सकता है.

अयोध्या में बन रहा है राष्ट्र मंदिर

स्वामी चिदानंद ने कहा कि मेरे लिए सिर्फ श्री राम मंदिर नहीं, बल्कि राष्ट्र मंदिर का निर्माण हो रहा है. उस मंदिर से राष्ट्रवाद की धारा और क्षमता की धारा निकलेगी एकरूपता हो या जरूरी नहीं है. कपड़े विचार भजन सब अलग-अलग हैं लेकिन यह तो हो सकता है कि हम कपड़े एक जैसे न पहने लेकिन हम अपने देश को महान बनाएं. यही कर्म योग है और इसी को हमें आगे बढ़ाना है. हमारा देश शांति की दिशा में आगे बढ़ रहा है.

विवाद होगा समाप्त, कायम होगा संवाद: स्वामी चिदानंद ने ज्ञानवापी प्रकरण पर कहा कि कोर्ट जो निर्णय देगा, उससे विवाद समाप्त होगा, संवाद कायम होगा. सभी प्रमाण सामने हैं. जैसे-जैसे प्रमाण सामने आएंगे, मुझे पूरा विश्वास है कि मुस्लिम समाज भी खुद सामने खड़ा होगा. ज्ञानवापी में न ही ज्ञान उर्दू से आया है न ही वापी उर्दू से आया. तो फिर विवाद क्या है. अगर कुछ है तो यह हमारी संस्कृति है दीवारों को तोड़ बीच के जंगले लगे हुए हैं, उनको भी हटा दीजिए. न्याय के माध्यम से संवाद के माध्यम से और शीघ्र ही मुझे लगता है कि उस जगह फव्वारा नहीं, बल्कि शिव धारा के दर्शन होंगे.

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