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वाराणसी: आदिकेशव घाट पर जगाई गई स्वच्छता की अलख, बांटे गए तुलसी के पौधे - varanasi hindi news

वाराणसी के आदिकेशव घाट पर नमामि गंगे मिशन के तहत स्वच्छता अभियान चलाया गया. इस दौरान लाउडस्पीकर के माध्यम से लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक किया गया.

घाट की साफ-सफाई करते लोग.
घाट की साफ-सफाई करते लोग.
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Published : Sep 27, 2020, 12:34 PM IST

वाराणसी: धर्म व अध्यात्म की नगरी कही जाने वाली काशी में गंगा एवं वरुणा के संगम स्थल आदिकेशव घाट पर शनिवार को नमामि गंगे के सदस्यों ने पर्यावरण संरक्षण की अलख जगाई. काशी के घाट श्रृंखला के अंतिम घाट पर स्वच्छता अभियान चलाया गया. इसके साथ ही साफ-सफाई बनाए रखने के लिए लोगों को लाउडस्पीकर द्वारा जागरूक किया गया.

मत्यस्यपुराण के अनुसार प्रथम विष्णु तीर्थ आदिकेशव के प्रांगण में पीपल, नीम, गूलर, अशोक एवं तुलसी के पौधे रोपे गए. साथ ही लोगों को तुलसी के पौधे वितरत किए गए. इस दौरान भगवान आदिकेशव एवं मां गंगा की आरती उतारकर देश की समृद्धि एवं आरोग्य की कामना की गई.

मौके पर मौजूद नमामि गंगे के संयोजक राजेश शुक्ला ने कहा कि विष्णुधर्मोत्तर पुराण के मुताबिक पुरुषोत्तम महीने में पेड़ पौधे लगाने से अश्वमेध यज्ञ का फल मिलता है. अधिमास के दौरान पूजा, व्रत या उपवास नहीं कर सकते तो पौधे लगाकर यज्ञ का फल कमा सकते हैं. उन्होंने बताया कि धर्म ग्रंथ भी कहते हैं कि पेड़-पौधे लगाने भर से ही पाप खत्म हो जाते हैं. पुरुषोत्तम मास में पेड़-पौधे लगाने से भगवान विष्णु और लक्ष्मी के साथ ही अन्य देवी देवता भी प्रसन्न होते हैं. आगे उन्होंने ने कहा कि स्वच्छता अपना कर कोरोना, कैंसर, डेंगू, मलेरिया जैसी जानलेवा बीमारियों से बचा जा सकता है.

वाराणसी: धर्म व अध्यात्म की नगरी कही जाने वाली काशी में गंगा एवं वरुणा के संगम स्थल आदिकेशव घाट पर शनिवार को नमामि गंगे के सदस्यों ने पर्यावरण संरक्षण की अलख जगाई. काशी के घाट श्रृंखला के अंतिम घाट पर स्वच्छता अभियान चलाया गया. इसके साथ ही साफ-सफाई बनाए रखने के लिए लोगों को लाउडस्पीकर द्वारा जागरूक किया गया.

मत्यस्यपुराण के अनुसार प्रथम विष्णु तीर्थ आदिकेशव के प्रांगण में पीपल, नीम, गूलर, अशोक एवं तुलसी के पौधे रोपे गए. साथ ही लोगों को तुलसी के पौधे वितरत किए गए. इस दौरान भगवान आदिकेशव एवं मां गंगा की आरती उतारकर देश की समृद्धि एवं आरोग्य की कामना की गई.

मौके पर मौजूद नमामि गंगे के संयोजक राजेश शुक्ला ने कहा कि विष्णुधर्मोत्तर पुराण के मुताबिक पुरुषोत्तम महीने में पेड़ पौधे लगाने से अश्वमेध यज्ञ का फल मिलता है. अधिमास के दौरान पूजा, व्रत या उपवास नहीं कर सकते तो पौधे लगाकर यज्ञ का फल कमा सकते हैं. उन्होंने बताया कि धर्म ग्रंथ भी कहते हैं कि पेड़-पौधे लगाने भर से ही पाप खत्म हो जाते हैं. पुरुषोत्तम मास में पेड़-पौधे लगाने से भगवान विष्णु और लक्ष्मी के साथ ही अन्य देवी देवता भी प्रसन्न होते हैं. आगे उन्होंने ने कहा कि स्वच्छता अपना कर कोरोना, कैंसर, डेंगू, मलेरिया जैसी जानलेवा बीमारियों से बचा जा सकता है.

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