ETV Bharat / state

Subhash Chandra Bose Birthday: हिन्दू मुस्लिम संवाद केन्द्र में बोले अतिथि, वतन से एक तभी तो हमारा डीएनए मिलता है

वाराणसी में नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के 126वें जन्मदिवस के मौके पर हिन्दू–मुस्लिम संवाद केन्द्र का उद्घाटन किया गया. कार्यक्रम में प्रदेश भर से मुस्लिम धर्म गुरुओं ने हिस्सा लिया.

वाराणसी में हिन्दू मुस्लिम संवाद केन्द्र का आयोजन
वाराणसी में हिन्दू मुस्लिम संवाद केन्द्र का आयोजन
author img

By

Published : Jan 19, 2023, 10:48 PM IST

वाराणसीः नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के 126वें जन्मदिवस के अवसर पर 6 दिवसीय सुभाष महोत्सव का आयोजन किया. कार्यक्रम का आयोजन विशाल भारत संस्थान ने इन्द्रेश नगर के लमही के सुभाष भवन में किया. सुभाष महोत्सव के पहले दिन आओ जड़ों से जुड़ें अभियान के तहत जलसा-ए-उलमाए इस्लाम कार्यक्रम आयोजित किया गया. कार्यक्रम में प्रदेश भर से मुस्लिम धर्म गुरुओं ने भागीदारी की. वहीं, महोत्सव के मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य इन्द्रेश कुमार ने नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के मंदिर में मुस्लिम धर्मगुरुओं के साथ शुरुआत की. वहीं, मुख्य अतिथि इन्द्रेश कुमार ने विशाल भारत संस्थान की ओर से स्थापित हिन्दू–मुस्लिम संवाद केन्द्र का पोस्टर के जरिये उद्घाटन किया.

मुख्य अतिथि इन्द्रेश कुमार ने कहा कि हिन्दू–मुस्लिम संवाद केन्द्र के जरिये प्रतिमाह संघर्ष के विषयों को बातचीत के जरिये हल करने का सूत्र खोजा जायेगा. लगातार बातचीत होने से हिन्दू और मुसलमानों के बीच खाई पैदा करने वालों को सफलता नहीं मिलेगी. नफरती बयान देने वालों को नकारने की प्रवृत्ति बढ़ेगी. इससे आपसी भाईचारा बढ़ेगा. काशी से हिन्दू मुस्लिम संवाद के जरिये संघर्ष और नफरत के बजाय बातचीत का रास्ता खुलेगा. बहुत सारे मसले का हल निकलेगा.

उन्होंने कहा कि मां के प्राणायाम से किसी का मजहब खतरे में नहीं आता. दिल को सुकून मिलता है. हम पूर्वजों से एक हैं, वतन से एक हैं तभी तो हमारा डीएनए मिलता है. डी का मतलब ड्रीम से है. कोई भी भारतीय अपने ही मातृभाषा में सपने देखता है. वह दूसरे भाषा में सपने नहीं देख सकता. एन से मतलब नेशन है. सब वतन से एक हैं और ए से मतलब एन्सेस्टर अर्थात पूर्वज. हम सभी पूर्वजों से एक हैं तो फिर हमें अलग करने वाले कौन है?

वहीं, मुस्लिम धर्मगुरू मौलाना शफीक अहमद मुजद्दीदी ने कहा कि इस्लाम हमें और आपको इंसानियत सिखाता है. हमने अपने खून से इस देश की हिफाजत की है. हम इंसानियत और अपने मुल्क के दुश्मन नहीं हैं. जब तक जिन्दगी है, हम मुल्क के लिये जीयेंगे और मरेंगे और जरूरत पड़ने पर अपनी कुर्बानी भी देंगे. मौलाना मकसूद अहमद कादरी ने कहा कि जब तक हमलोग हिन्दुस्तान से मोहब्बत करेंगे और भाईचारगी से रहेंगे तब तक किसी की हिम्मत नहीं होगी, नजर उठाकर देखने की. मोहब्बत से नफरत को खत्म कर सकते हैं. अब जरूरत है. हम सब एक साथ खड़े हों क्योंकि हमारे पूर्वजों ने हिन्दुस्तान को सींचा है. हिन्दुस्तान की एक–एक चीज से मोहब्बत करना है तो नफरत अपने आप खत्म हो जायेगी.

ये भी पढ़ेंः प्रवीण तोगड़िया बोले, देश आज जिहादी इस्लाम से असुरक्षित

वाराणसीः नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के 126वें जन्मदिवस के अवसर पर 6 दिवसीय सुभाष महोत्सव का आयोजन किया. कार्यक्रम का आयोजन विशाल भारत संस्थान ने इन्द्रेश नगर के लमही के सुभाष भवन में किया. सुभाष महोत्सव के पहले दिन आओ जड़ों से जुड़ें अभियान के तहत जलसा-ए-उलमाए इस्लाम कार्यक्रम आयोजित किया गया. कार्यक्रम में प्रदेश भर से मुस्लिम धर्म गुरुओं ने भागीदारी की. वहीं, महोत्सव के मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य इन्द्रेश कुमार ने नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के मंदिर में मुस्लिम धर्मगुरुओं के साथ शुरुआत की. वहीं, मुख्य अतिथि इन्द्रेश कुमार ने विशाल भारत संस्थान की ओर से स्थापित हिन्दू–मुस्लिम संवाद केन्द्र का पोस्टर के जरिये उद्घाटन किया.

मुख्य अतिथि इन्द्रेश कुमार ने कहा कि हिन्दू–मुस्लिम संवाद केन्द्र के जरिये प्रतिमाह संघर्ष के विषयों को बातचीत के जरिये हल करने का सूत्र खोजा जायेगा. लगातार बातचीत होने से हिन्दू और मुसलमानों के बीच खाई पैदा करने वालों को सफलता नहीं मिलेगी. नफरती बयान देने वालों को नकारने की प्रवृत्ति बढ़ेगी. इससे आपसी भाईचारा बढ़ेगा. काशी से हिन्दू मुस्लिम संवाद के जरिये संघर्ष और नफरत के बजाय बातचीत का रास्ता खुलेगा. बहुत सारे मसले का हल निकलेगा.

उन्होंने कहा कि मां के प्राणायाम से किसी का मजहब खतरे में नहीं आता. दिल को सुकून मिलता है. हम पूर्वजों से एक हैं, वतन से एक हैं तभी तो हमारा डीएनए मिलता है. डी का मतलब ड्रीम से है. कोई भी भारतीय अपने ही मातृभाषा में सपने देखता है. वह दूसरे भाषा में सपने नहीं देख सकता. एन से मतलब नेशन है. सब वतन से एक हैं और ए से मतलब एन्सेस्टर अर्थात पूर्वज. हम सभी पूर्वजों से एक हैं तो फिर हमें अलग करने वाले कौन है?

वहीं, मुस्लिम धर्मगुरू मौलाना शफीक अहमद मुजद्दीदी ने कहा कि इस्लाम हमें और आपको इंसानियत सिखाता है. हमने अपने खून से इस देश की हिफाजत की है. हम इंसानियत और अपने मुल्क के दुश्मन नहीं हैं. जब तक जिन्दगी है, हम मुल्क के लिये जीयेंगे और मरेंगे और जरूरत पड़ने पर अपनी कुर्बानी भी देंगे. मौलाना मकसूद अहमद कादरी ने कहा कि जब तक हमलोग हिन्दुस्तान से मोहब्बत करेंगे और भाईचारगी से रहेंगे तब तक किसी की हिम्मत नहीं होगी, नजर उठाकर देखने की. मोहब्बत से नफरत को खत्म कर सकते हैं. अब जरूरत है. हम सब एक साथ खड़े हों क्योंकि हमारे पूर्वजों ने हिन्दुस्तान को सींचा है. हिन्दुस्तान की एक–एक चीज से मोहब्बत करना है तो नफरत अपने आप खत्म हो जायेगी.

ये भी पढ़ेंः प्रवीण तोगड़िया बोले, देश आज जिहादी इस्लाम से असुरक्षित

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.