वाराणसी: काशी के दुर्गाकुंड स्थित श्री हनुमान प्रसाद पोद्दार अंध विद्यालय में कक्षा 9 से 12 तक की क्लास को पूर्ण रूप से बंद कर दिया गया है. विद्यालय खोलने की मांग को लेकर पिछले एक माह से दृष्टि बाधित छात्र काशी की गलियों, सड़कों और घाटों पर आंदोलन कर रहे हैं. सोमवार देर रात से छात्र लंका स्थिति रविदास घाट पर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए हैं. मिमिक्री कलाकार अभय शर्मा ने भी छात्रों का समर्थन किया है. उन्होंने पीएम मोदी से जल्द से जल्द विद्यालय खोलने की मांग की है.
बता दें कि दुर्गाकुंड के ठीक सामने स्थित श्री हनुमान प्रसाद पोद्दार अंध विद्यालय को हनुमान प्रसाद पोद्दार सेवा समिति ट्रस्ट संचालित करता है. ट्रस्ट के सर्वे सर्वा काशी के पूंजीपति किशन जालान हैं. यह विद्यालय 1971 में बनकर तैयार हुआ. 1984/92 में क्रमशः इसे 10वीं और 12वीं कक्षा के लिए सरकारी मान्यता भी प्राप्त हुई. यह पूर्वांचल का सबसे बड़ा अंध विद्यालय है.
यहां 250 विद्यार्थियों के पठन-पाठन की आवासीय व्यवस्था है. केवल उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, असम आदि राज्यों से भी दृष्टिहीन छात्र यहां पढ़ने आते हैं. जालान ग्रुप के नेतृत्व में फरवरी 2019 में फैसला लिया गया कि श्री हनुमान प्रसाद पोद्दार अंध विद्यालय ट्रस्ट को बंद किया जाए. उन्होंने 16 मार्च 2019 को फैसला किया कि 9वीं से 12वीं कक्षा तक बंद कर देना चाहिए.
अंध विद्यालय को बंद करने को लेकर दृष्टि बाधित छात्रों के समर्थन में काशी के सामाजिक कार्यकर्त्ता, बुद्धिजीवी, गांधीवादी चिंतक आदि भी लामबंद हो रहे हैं. साथ ही पिछले एक माह से दृष्टि बाधित छात्र काशी की गलियों, सड़कों और घाटों पर आंदोलन कर रहे हैं. सोमवार देर रात से आंदोलन रत छात्र लंका स्थिति रविदास घाट पर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए हैं. हाथों में पोस्टर-बैनर लेकर धरने पर बैठे छात्रों ने प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. साथ ही सरकार से अंध विद्यालय को खोलने की मांग की. मिमिक्री कलाकार अभय शर्मा ने भी छात्रों का समर्थन किया है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जल्द से जल्द विद्यालय खोलने की मांग की है.
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मिमिक्री कलाकार अभय शर्मा ने बताया कि यह विद्यालय 1971 से चल रहा था. व्यापारिक कारणों से विद्यालय में कक्षा 9 से 12 तक की पढ़ाई बंद कर दी गई. यह एकमात्र विद्यालय हमारा सहारा है. बहुत से दृष्टि बाधित छात्र यहां पर पढ़ते हैं और आगे की पढ़ाई के लिए विभिन्न विश्वविद्यालयों में जाते हैं. हमारी मांग है कि विद्यालय में कक्षा 9 से 12 तक की पढ़ाई फिर से शुरू की जाए. अभय शर्मा ने वाराणसी से सांसद और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग की है कि जल्द से जल्द अंध विद्यालय को सुचारू रूप से शुरू किया जाए.