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वाराणसीः बीएचयू में अंतरराष्ट्रीय हिंदी दिवस पर छात्रों ने निकाला आक्रोश मार्च

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Published : Jan 10, 2020, 9:19 PM IST

यूपी के वाराणसी में अंतरराष्ट्रीय हिंदी दिवस पर काशी हिंदू विश्वविद्यालय में छात्रों ने प्रदर्शन किया. छात्रों का आरोप है कि इतिहास विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति के समय अंग्रेजी वाले छात्रों को वरीयता दी जाती है.

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बीएचयू के छात्रों करते प्रदर्शन.

वाराणसीः जिले के काशी हिंदू विश्वविद्यालय का विवादों से नाता टूटता नजर नहीं आ रहा है. विश्वविद्यालय से एक विवाद खत्म होता है तो दूसरा विवाद शुरू हो जाता है. संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय में मुस्लिम असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति के बाद हुआ हंगामा अभी शांति हुआ ही था कि असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति में हिंदी भाषा को लेकर एक नया विवाद शुरू हो गया है.

बीएचयू के छात्रों ने प्रदर्शन कर निकाला मार्च.

अंग्रेजी के छात्रों को वरीयता दिए जाने का लगाया आरोप
दरअसल विगत दिनों इतिहास विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति के दौरान इंटरव्यू देने आए छात्रों ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय के कुलपति अंग्रेजी का ज्ञान कम होने पर छात्रों को इंटरव्यू में कम समय देते हैं. साथ ही आरोप लगाया कि उन्हें समय से पहले ही बाहर निकाल दिया जाता है. इसी को लेकर शुक्रवार को छात्रों ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय में आक्रोश मार्च निकाला.

धारा 144 लागू होने पर भी किया प्रदर्शन
प्रदेश में धारा 144 लागू होने की वजह से पुलिस प्रशासन ने छात्रों को बाहर आने नहीं दिया, लेकिन छात्रों ने विश्वविद्यालय का मुख्य द्वार बंदकर जमकर नारेबाजी की. छात्रों का आरोप था कि विश्वविद्यालय के कुलपति राकेश भटनागर हिंदी भाषा के छात्रों की अनदेखी करते हैं और अंग्रेजी भाषा आने वाले छात्रों को वरीयता देते हैं. छात्र मृत्युंजय तिवारी ने आरोप लगाते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय हिंदी दिवस की संध्या पर हम सभी छात्रों ने कुलपति को आइना दिखाने के लिए आक्रोश मार्च निकाला है.

वाराणसीः जिले के काशी हिंदू विश्वविद्यालय का विवादों से नाता टूटता नजर नहीं आ रहा है. विश्वविद्यालय से एक विवाद खत्म होता है तो दूसरा विवाद शुरू हो जाता है. संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय में मुस्लिम असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति के बाद हुआ हंगामा अभी शांति हुआ ही था कि असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति में हिंदी भाषा को लेकर एक नया विवाद शुरू हो गया है.

बीएचयू के छात्रों ने प्रदर्शन कर निकाला मार्च.

अंग्रेजी के छात्रों को वरीयता दिए जाने का लगाया आरोप
दरअसल विगत दिनों इतिहास विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति के दौरान इंटरव्यू देने आए छात्रों ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय के कुलपति अंग्रेजी का ज्ञान कम होने पर छात्रों को इंटरव्यू में कम समय देते हैं. साथ ही आरोप लगाया कि उन्हें समय से पहले ही बाहर निकाल दिया जाता है. इसी को लेकर शुक्रवार को छात्रों ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय में आक्रोश मार्च निकाला.

धारा 144 लागू होने पर भी किया प्रदर्शन
प्रदेश में धारा 144 लागू होने की वजह से पुलिस प्रशासन ने छात्रों को बाहर आने नहीं दिया, लेकिन छात्रों ने विश्वविद्यालय का मुख्य द्वार बंदकर जमकर नारेबाजी की. छात्रों का आरोप था कि विश्वविद्यालय के कुलपति राकेश भटनागर हिंदी भाषा के छात्रों की अनदेखी करते हैं और अंग्रेजी भाषा आने वाले छात्रों को वरीयता देते हैं. छात्र मृत्युंजय तिवारी ने आरोप लगाते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय हिंदी दिवस की संध्या पर हम सभी छात्रों ने कुलपति को आइना दिखाने के लिए आक्रोश मार्च निकाला है.

Intro:वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय का विवादों से नाता टूटता नजर नहीं आ रहा है। काशी हिंदू विश्वविद्यालय से एक विवाद खत्म होता है तो दूसरा विवाद शुरू हो जाता है। संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय में मुस्लिम असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति के बाद हुआ हंगामा अभी शांति हुआ था की असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति में हिंदी भाषा को लेकर एक नया विवाद शुरू हो गया। Body:दरअसल विगत दिनों इतिहास विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति के दौरान इंटरव्यू देने आए छात्रों ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय के कुलपति ने अंग्रेजी ना आने पर छात्रों को इंटरव्यू में कम समय देते हुए उन्हें बाहर निकाल दिया। इसी को लेकर आज छात्रों ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय में आक्रोश मार्च निकाला। प्रदेश में धारा 144 लागू होने की वजह से पुलिस प्रशासन ने छात्रों को बाहर आने नहीं दिया लेकिन छात्रों ने विश्वविद्यालय का मुख्य द्वार बंद कर जमकर नारेबाजी की। हिंदी भाषा का अपमान का कर विरोध निकालने वाले छात्रों का आरोप है कि विश्वविद्यालय के कुलपति राकेश भटनागर हिंदी भाषा के छात्रों की अनदेखी करते हैं और अंग्रेजी भाषा आने वाले छात्रों का वरीयता देते हैं।

Byte :--- मृत्युंजय तिवारी,छात्र- काशी हिंदू विश्वविद्यालयConclusion:मृत्युंजय तिवारी ने बताया आज अंतरराष्ट्रीय हिंदी दिवस की संध्या पर हम सभी छात्रों ने कुलपति को आईना दिखाने के लिए आक्रोश मार्च निकाला।मामला यह जिन छात्रों को अंग्रेजी भाषा नहीं आ रही है।उनका नियुक्ति नहीं किया जा रहा है। ऐसे में काशी हिंदू विश्वविद्यालय में इंटरव्यू देने वाले हिंदी भाषियों छात्रों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
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