वाराणसीः सर्व विद्या की राजधानी कहे जाने वाले काशी हिंदू विश्वविद्यालय में नीता अंबानी को विजिटर प्रोफेसर बनाए जाने के प्रस्ताव का विद्यार्थियों ने विरोध किया है. छात्रों ने मंगलवार को कुलपति आवास के बाहर विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर प्रदर्शन किया. काशी हिंदू विश्वविद्यालय के छात्रों ने कहा कि विश्वविद्यालय देश की संस्कृति का प्रतीक है. अंबानी और अडानी की जागीर नहीं है. विश्वविद्यालय का निजीकरण करने के लिए इस तरह की साजिश रची जा रही है.
काशी हिंदू विश्वविद्यालय. सड़क पर उतरकर विरोध करने की दी चेतावनीबीएचयू छात्र अभिषेक कुमार ने बताया कि नीता अंबानी को विजिटर प्रोफेसर बनाने के प्रस्ताव का हम लोगों ने विरोध किया और कुलपति से भी मिले. कुलपति ने बताया कि विश्वविद्यालय का इस तरह का कोई ऑफिशियल रिकमेंड नहीं है. भविष्य में अगर ऐसा होता है तो विश्वविद्यालय प्रशासन की जिम्मेदारी होगी. अभिषेक ने कहा कि अगर विश्वविद्यालय ऐसा करता है तो सड़क पर उतर कर विरोध करेंगे.
पूंजीपति की पत्नी होना विजिटर प्रोफेसर बनाने का पैमाना नहींबीएचयू छात्र शुभम तिवारी ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा देश में निजी करण का षड्यंत्र किया जा रहा है. इसी के तहत पूंजीपति घराने के लोगों को यहां पर विजिटर प्रोफेसर के रूप में बुलाया जा रहा है. उनको इसलिए यहां बुलाया जा रहा है क्योंकि वह धनवान घर की हैं. एक पूंजीपति की पत्नी है. उन्होंने कहा कि किसी भी पूंजीपति की पत्नी होना विजिटर प्रोफेसर बनाने का पैमाना नहीं है. शुभम तिवारी ने कहा महिला सशक्तिकरण के लिए अगर विजिटर प्रोफेसर बनाना है तो अरुणिमा सिन्हा, मैरी कॉम, किरण बेदी को नियुक्त किया जाए.
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यह है मामला
काशी हिंदू विश्वविद्यालय में महिला अध्ययन विकास केंद्र में विजिटर प्रोफेसर बनाने के लिए नीता अंबानी को प्रस्ताव भेजा गया है. बीएचयू के सामाजिक विज्ञान संकाय की ओर से 12 मार्च की का प्रस्ताव भेजा गया था. जिसमें बनारस सहित पूर्वांचल के महिलाओं के जीवन स्तर सुधारने के लिए बीएचयू से जोड़ने का आग्रह किया गया है.