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वाराणसीः बीएचयू में पैथोलॉजी के निजीकरण का छात्र कर रहे विरोध

यूपी के वाराणसी में स्थित बीएचयू अस्पताल में पैथोलॉजी के निजीकरण का छात्र लगातार विरोध कर रहे हैं. इसी क्रम में सोमवार को छात्रों ने सेंट्रल ऑफिस पर जमकर प्रदर्शन किया. इस दौरान छात्रों ने कुलपति के नाम रजिस्ट्रार को ज्ञापन सौंपा.

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प्रदर्शन
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Published : Oct 5, 2020, 5:29 PM IST

वाराणसीः निजीकरण के विरोध में बिजलीकर्मी अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार पर चले गए हैं, वहीं बीएचयू के छात्रों ने अस्पताल में पैथोलॉजी के निजीकरण का आरोप लगाते हुए जमकर विरोध प्रदर्शन किया. सेंट्रल ऑफिस में जाते समय सुरक्षाकर्मियों ने छात्रों को रोका तो छात्रों ने नोक-झोंक करते हुए सेंट्रल ऑफिस के अंदर प्रवेश करने का प्रयास किया, जहां पर गेट बंद करके छात्रों को रोक दिया गया.

काफी संख्या में छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया और कुलपति के खिलाफ नारेबाजी की. छात्रों ने प्रदर्शन के दौरान कहा कि यह मालवीय जी की सेवाभाव से स्थापित की हुई संस्था है. यहां की हर एक चीज का निजीकरण करना गलत है.

बीएचयू के सर सुंदरलाल हॉस्पिटल को पूर्वांचल का एम्स कहा जाता है. यहां पर अति गरीब वर्ग के लोग इलाज कराने आते हैं. ऐसे में अगर पैथोलॉजी का निजीकरण हुआ तो गरीबों को शुल्क ज्यादा देना पड़ेगा, जिससे उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा. इस मामले को लेकर छात्रों का प्रतिनिधिमंडल सोमवार को रजिस्ट्रार से मिलकर कुलपति के नाम ज्ञापन सौंपा.

बीएचयू छात्र अभिषेक कुमार सिंह ने बताया कि सर सुंदरलाल चिकित्सालय और ट्रॉमा सेंटर की जो भी पैथोलॉजी हैं, उनका विश्वविद्यालय प्रशासन निजीकरण करने जा रहा है. गरीब, शोषित और निचले तबके के लोग यहां पर इलाज कराने आते हैं. सभी लोगों के हितों का ध्यान नहीं रखा गया, तो हम सभी आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे.

वाराणसीः निजीकरण के विरोध में बिजलीकर्मी अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार पर चले गए हैं, वहीं बीएचयू के छात्रों ने अस्पताल में पैथोलॉजी के निजीकरण का आरोप लगाते हुए जमकर विरोध प्रदर्शन किया. सेंट्रल ऑफिस में जाते समय सुरक्षाकर्मियों ने छात्रों को रोका तो छात्रों ने नोक-झोंक करते हुए सेंट्रल ऑफिस के अंदर प्रवेश करने का प्रयास किया, जहां पर गेट बंद करके छात्रों को रोक दिया गया.

काफी संख्या में छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया और कुलपति के खिलाफ नारेबाजी की. छात्रों ने प्रदर्शन के दौरान कहा कि यह मालवीय जी की सेवाभाव से स्थापित की हुई संस्था है. यहां की हर एक चीज का निजीकरण करना गलत है.

बीएचयू के सर सुंदरलाल हॉस्पिटल को पूर्वांचल का एम्स कहा जाता है. यहां पर अति गरीब वर्ग के लोग इलाज कराने आते हैं. ऐसे में अगर पैथोलॉजी का निजीकरण हुआ तो गरीबों को शुल्क ज्यादा देना पड़ेगा, जिससे उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा. इस मामले को लेकर छात्रों का प्रतिनिधिमंडल सोमवार को रजिस्ट्रार से मिलकर कुलपति के नाम ज्ञापन सौंपा.

बीएचयू छात्र अभिषेक कुमार सिंह ने बताया कि सर सुंदरलाल चिकित्सालय और ट्रॉमा सेंटर की जो भी पैथोलॉजी हैं, उनका विश्वविद्यालय प्रशासन निजीकरण करने जा रहा है. गरीब, शोषित और निचले तबके के लोग यहां पर इलाज कराने आते हैं. सभी लोगों के हितों का ध्यान नहीं रखा गया, तो हम सभी आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे.

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