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बनारस में दिखेगा भारत जापान की मित्रता का मजबूत स्तंभ, जानिए - रूद्राक्ष कंवेंशन सेंटर का निर्माण

यूपी के वाराणसी जिले में बन रहे भारत जापान मित्रता के मजबूत स्तंभ रूद्राक्ष कंवेंशन सेंटर का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है. पीएम मोदी जनवरी के महीने में इस विशालकाय कंवेंशन सेंटर की सौगात बनारस वासियों को देंगे.

रूद्राक्ष कंवेंशन सेंटर का निर्माण
रूद्राक्ष कंवेंशन सेंटर का निर्माण
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Published : Dec 15, 2020, 2:25 PM IST

वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में विकास कार्य काफी तेजी से चल रहे हैं. इस पर एक तरफ जहां पैनी नजर खुद प्रधानमंत्री कार्यालय ने रखी है, तो दूसरी तरफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार बनारस के विकास कार्यों का जायजा स्वयं लेने पहुंचते हैं, लेकिन इन सबके बीच पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट और भारत जापान मैत्री के सबसे मजबूत स्तंभ के तौर पर बनारस में तैयार हो रहे 186 करोड़ रुपए लागत से बनने वाले रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर को बनने में अभी 2 महीने का वक्त और लग सकता है, क्योंकि पन्द्रह दिसंबर तक इस प्रोजेक्ट को तैयार हो जाना था. जनवरी में पीएम मोदी को उसका उद्घाटन करना है, लेकिन अब तक काम पूरा नहीं हुआ है, जिसके बाद इसकी डेडलाइन को बढ़ाने की तैयारी की जा रही है.

वाराणसी से खास रिपोर्ट...

2015 में शुरू हुआ था निर्माण कार्य

दरसअल रुद्राक्ष नाम के इस कन्‍वेंशन सेंटर में सैलानी गीत संगीत, नाटक और प्रदर्शनियों का लुत्‍फ उठा सकेंगें. जापान और भारत की दोस्‍ती वाराणसी को ऐसे नायाब तोहफे से नवाजेंगें, जिसके सभी कायल रहेंगे. साल 2015 में जब भारत के प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी जापान के प्रधानमंत्री शिंजो के साथ आए थे तब ही इस भव्‍य कन्‍वेंशन सेंटर की नींव पड़ गई थी. अद्भुत काशी की झलक लिए इस कन्‍वेंशन सेंटर का नाम भी रुद्राक्ष है. इस कन्‍वेंशन सेंटर में 108 रुद्राक्ष के दानों को लगाया गया है.

ये होगा खास

वाराणसी में तीन एकड़ में बनने वाले कन्‍वेंशन सेंटर की लागत 186 करोड़ रुपये है. इस कन्‍वेंशन सेंटर में ग्राउंड फ्लोर, प्रथम तल से लेकर एक विशाल हॉल होगा, जिसमें वियतनाम से मंगाई गई बेहतरीन कुर्सियों पर 1200 लोग एक साथ बैठकर कार्यक्रम का लुत्‍फ उठा सकेंगे. रुद्राक्ष में 120 गाड़ियों की पार्किंग बेसमेंट में हो सकती है. दिव्यांगों के लिए यहां विशेष इंतज़ाम किए गए हैं, जिसके तहत दोनों दरवाजों के पास 6 -6 व्हील चेयर का इंतज़ाम है. आधुनिक ग्रीन रूम भी बनाया गया है, जिसमें 150 लोगों की क्षमता वाले दो कॉन्‍फ्रेंस हॉल और गैलरी भी शामिल हैं, जो दुनिया के आधुनिकतम उपकरणों से लैस हैं.

जापानी कंपनी कर रही है निर्माण

रुद्राक्ष को तैयार करने का पूरा काम जापान की फुजिता कॉर्पोरेशन नाम की कंपनी कर रही है. जापानी कंपनी इंटरनेशनल कार्पोरेशन एजेंसी द्वारा रुद्राक्ष की फंडिग की गई है. इस भव्‍य इमारात को डिजाइन भी जापान की कंपनी ओरिएण्टल कंसल्टेंट ग्लोबल ने किया है. रुद्राक्ष में जैपनीज़ गार्डन होगा और 110 किलोवाट की ऊर्जा के लिए सोलर प्लांट लगाया गया है. यहां पर वीआईपी रूट और उनके आने का रास्ता भी अलग है.

जनवरी में पीएम देंगे यह खास तोहफा

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी वाराणसी को नए साल में नई सौगात देंगें. रुद्राक्ष का निर्माण कार्य साल 2018 में शुरू हुआ जो साल 2021 में पूरा हो जाएगा. हालांकि इसकी डेडलाइन 15 दिसंबर तय की गई थी, लेकिन कोविड-19 की वजह से एक महीना काम बंद होने के कारण निर्धारित वक्त में काम पूरा नहीं हो सका है, जिसके बाद इसकी डेडलाइन को 2 महीने आगे बढ़ाने की तैयारी की जा रही है. माना जा रहा है कि जनवरी के अंत तक यह बनकर तैयार होगा और जनवरी में ही प्रधानमंत्री के हाथों इसका उद्घाटन भी करवाया जाएगा.

विदेशी उपकरणों से लैस है पूरी बिल्डिंग

रुद्राक्ष को वातानुकूलित रखने के लिए इसमें इटली के उपकरणों को लगाया गया है. निर्माण और उपयोग की चीजों को देखते हुए इसको ग्रीन रेटिंग फॉर इंटीग्रेटेड हैबिटेट असेसमेंट की ओर से तीसरी ग्रेडिंग मिली है. रुद्राक्ष में कैमरा समेत सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम हैं. साथ ही आग से सुरक्षा के उपकरणों पर भी विशेष ध्यान दिया गया है. रुदाक्ष दोनों देशों के रिश्तों में और भी मजबूती लाएगा.

वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में विकास कार्य काफी तेजी से चल रहे हैं. इस पर एक तरफ जहां पैनी नजर खुद प्रधानमंत्री कार्यालय ने रखी है, तो दूसरी तरफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार बनारस के विकास कार्यों का जायजा स्वयं लेने पहुंचते हैं, लेकिन इन सबके बीच पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट और भारत जापान मैत्री के सबसे मजबूत स्तंभ के तौर पर बनारस में तैयार हो रहे 186 करोड़ रुपए लागत से बनने वाले रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर को बनने में अभी 2 महीने का वक्त और लग सकता है, क्योंकि पन्द्रह दिसंबर तक इस प्रोजेक्ट को तैयार हो जाना था. जनवरी में पीएम मोदी को उसका उद्घाटन करना है, लेकिन अब तक काम पूरा नहीं हुआ है, जिसके बाद इसकी डेडलाइन को बढ़ाने की तैयारी की जा रही है.

वाराणसी से खास रिपोर्ट...

2015 में शुरू हुआ था निर्माण कार्य

दरसअल रुद्राक्ष नाम के इस कन्‍वेंशन सेंटर में सैलानी गीत संगीत, नाटक और प्रदर्शनियों का लुत्‍फ उठा सकेंगें. जापान और भारत की दोस्‍ती वाराणसी को ऐसे नायाब तोहफे से नवाजेंगें, जिसके सभी कायल रहेंगे. साल 2015 में जब भारत के प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी जापान के प्रधानमंत्री शिंजो के साथ आए थे तब ही इस भव्‍य कन्‍वेंशन सेंटर की नींव पड़ गई थी. अद्भुत काशी की झलक लिए इस कन्‍वेंशन सेंटर का नाम भी रुद्राक्ष है. इस कन्‍वेंशन सेंटर में 108 रुद्राक्ष के दानों को लगाया गया है.

ये होगा खास

वाराणसी में तीन एकड़ में बनने वाले कन्‍वेंशन सेंटर की लागत 186 करोड़ रुपये है. इस कन्‍वेंशन सेंटर में ग्राउंड फ्लोर, प्रथम तल से लेकर एक विशाल हॉल होगा, जिसमें वियतनाम से मंगाई गई बेहतरीन कुर्सियों पर 1200 लोग एक साथ बैठकर कार्यक्रम का लुत्‍फ उठा सकेंगे. रुद्राक्ष में 120 गाड़ियों की पार्किंग बेसमेंट में हो सकती है. दिव्यांगों के लिए यहां विशेष इंतज़ाम किए गए हैं, जिसके तहत दोनों दरवाजों के पास 6 -6 व्हील चेयर का इंतज़ाम है. आधुनिक ग्रीन रूम भी बनाया गया है, जिसमें 150 लोगों की क्षमता वाले दो कॉन्‍फ्रेंस हॉल और गैलरी भी शामिल हैं, जो दुनिया के आधुनिकतम उपकरणों से लैस हैं.

जापानी कंपनी कर रही है निर्माण

रुद्राक्ष को तैयार करने का पूरा काम जापान की फुजिता कॉर्पोरेशन नाम की कंपनी कर रही है. जापानी कंपनी इंटरनेशनल कार्पोरेशन एजेंसी द्वारा रुद्राक्ष की फंडिग की गई है. इस भव्‍य इमारात को डिजाइन भी जापान की कंपनी ओरिएण्टल कंसल्टेंट ग्लोबल ने किया है. रुद्राक्ष में जैपनीज़ गार्डन होगा और 110 किलोवाट की ऊर्जा के लिए सोलर प्लांट लगाया गया है. यहां पर वीआईपी रूट और उनके आने का रास्ता भी अलग है.

जनवरी में पीएम देंगे यह खास तोहफा

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी वाराणसी को नए साल में नई सौगात देंगें. रुद्राक्ष का निर्माण कार्य साल 2018 में शुरू हुआ जो साल 2021 में पूरा हो जाएगा. हालांकि इसकी डेडलाइन 15 दिसंबर तय की गई थी, लेकिन कोविड-19 की वजह से एक महीना काम बंद होने के कारण निर्धारित वक्त में काम पूरा नहीं हो सका है, जिसके बाद इसकी डेडलाइन को 2 महीने आगे बढ़ाने की तैयारी की जा रही है. माना जा रहा है कि जनवरी के अंत तक यह बनकर तैयार होगा और जनवरी में ही प्रधानमंत्री के हाथों इसका उद्घाटन भी करवाया जाएगा.

विदेशी उपकरणों से लैस है पूरी बिल्डिंग

रुद्राक्ष को वातानुकूलित रखने के लिए इसमें इटली के उपकरणों को लगाया गया है. निर्माण और उपयोग की चीजों को देखते हुए इसको ग्रीन रेटिंग फॉर इंटीग्रेटेड हैबिटेट असेसमेंट की ओर से तीसरी ग्रेडिंग मिली है. रुद्राक्ष में कैमरा समेत सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम हैं. साथ ही आग से सुरक्षा के उपकरणों पर भी विशेष ध्यान दिया गया है. रुदाक्ष दोनों देशों के रिश्तों में और भी मजबूती लाएगा.

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