वाराणसी: पूर्वांचल का एम्स कहे जाने वाले काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सर सुंदरलाल चिकित्सालय में इन दिनों मरीज पूरी तरह बेहाल हैं, क्योंकि रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर चले गए हैं, लिहाजा सुबह से मरीजों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इस अस्पताल में लगभग पांच हजार से ज्यादा मरीज ओपीडी में डॉक्टर को दिखाने आते हैं, लेकिन आज इन्हें सिर्फ निराशा हाथ लगी है. यहां बैठे मरीजों को आशा है कि शायद डॉक्टर हड़ताल से वापस आएंगे, लेकिन डॉक्टर अपनी मांगों के आगे इन मराजों की समस्याओं से अबूझ हैं.
रेजिडेंट डॉक्टर से मारपीट से खपा डॉक्टर
दरअसल, रविवार देर रात रेजिडेंट डॉक्टर के साथ मारपीट का मामला सामने आया था, जिसके बाद पांच अज्ञात के खिलाफ लंका थाने में तहरीर दी गई थी. मारपीट की घटना से गुस्साए रेजिडेंट डॉक्टर्स अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. इन जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि जब तक मारपीट करने वाले छात्रों की गिरफ्तारी नहीं होती, तब तक वे हड़ताल जारी रखेंगे.
पूर्वांचल के कई जिलों से मरीज आते हैं बीएचयू
बीएचयू में प्रतिदिन लगभग ओपीडी में पांच हजार मरीज बिहार-पूर्वांचल सहित शहर के कोने-कोने से आते हैं. ऐसे में रेजिडेंट डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने से मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. सोमवार की सुबह कुछ सीनियर डॉक्टर देखे गए थे, लेकिन जूनियर डॉक्टरों के कहने पर सीनियर डॉक्टर भी हड़ताल में शामिल हो गए.
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बलिया से आए मरीज ने कही ये बात
बलिया से आए मरीज अशोक ने बताया हम सुबह अस्पताल डॉक्टर को दिखाने आए हैं. यहां हमने दो घंटे से ज्यादा समय लाइन में लगकर पर्चा कटवाया, उसके बाद जब हम काउंटर पर पहुंचे तो काउंटर बंद था. जब हमने कारण पूछा तो बताया गया कि रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर हैं और बड़े साहब सिर्फ 100 मरीजों को ही देखेंगे.
प्रशासन से हमारी मांग है कि पांचों दोषियों को जल्द से जल्द पकड़ें. साथ ही हम डॉक्टरों को सुरक्षा मुहैया कराई जाए. ऐसे माहौल में हम कार्य नहीं कर पाएंगे. जिला प्रशासन हर जगह पर कैमरा लगवाए और बाउंसर्स के साथ नए गार्ड रखे जाएं. जब तक हमारी मांग पूरी नहीं होगी, हम अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहेंगे.
-जयदीप, रेजिडेंट डॉक्टर