वाराणसी: एसटीएफ, उप्र को एक बड़ी कामयाबी मिली है. मुम्बई में दिन-दहाड़े सनसनीखेज तरीके से 70 लाख रुपये की डकैती करने वाले गैंग के अन्तर्राज्यीय कुख्यात लुटेरे सनी भारद्वाज को गिरफ्तार कर लिया गया है. वहीं एसटीएफ की टीम ने सन्नी को वाराणसी के कैण्ट थाना क्षेत्र के सेण्ट मेरी स्कूल के पास गिरफ्तार किया है.
एसटीएफ की टीम को अभिसूचना संकलन के दौरान जानकारी मिली कि 2 फरवरी को मुंबई के मुलुण्ड थाना क्षेत्र के तहत 70 लाख रुपये की लूट की घटना घटित हुई है. इस संबंध में 35/2022 की धारा 395/397 आईपीसी और 3/25 आर्म्स एक्ट और महाराष्ट्र पुलिस एक्ट 37(1)135 पंजीकृत हुआ है. एसटीएफ को इस घटना में शामिल अपराधियों के वाराणसी में छिपे होने की जानकारी मिली थी. इस संबंध में महाराष्ट्र पुलिस ने अभियुक्त की गिरफ्तारी के लिए एसटीएफ से सम्पर्क किया था.
अभियुक्त की गिरफ्तारी के लिए निरीक्षक अनिल कुमार सिंह के नेतृत्व में एसटीएफ फील्ड इकाई वाराणसी और महाराष्ट्र पुलिस की टीम लगी हुई थी. इसी दौरान विश्वस्त सूत्रों के माध्यम से सूचना मिली कि मुम्बई में 70 लाख रुपये की हुई लूट की घटना में शामिल सनी भारद्वाज थाना कैण्ट के तहत सेण्ट मेरी स्कूल के पास मौजूद है. इस सूचना पर एसटीएफ एवं महाराष्ट्र पुलिस की संयुक्त टीम मुखबिर द्वारा बताये गये स्थान पर पहुंचकर सनी को गिरफ्तार कर लिया गया. जिसके पास से एक मोबाइल फोन और 5000 रुपये नकद बरामद किये गये हैं.
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एसटीएफ की ओर से पूछताछ में सनी ने बताया कि वह ग्राम सतहरिया थाना मुगराबादशाहपुर, जनपद जौनपुर का रहने वाला है. उसका परिवार काफी साल पहले मुंबई (महाराष्ट्र) में बस गया है. इसका जौनपुर में आना-जाना बहुत ही कम है. वह मुंबई में लोढा स्थित वर्सुल्ला चौधरी के इन्टिरियर की दुकान में काम करता था. जौनपुर के रहने वाले मोनू सिंह उर्फ विपिन से डेढ़ माह पूर्व सम्पर्क हुआ और इसकी दोस्ती हो गयी.
इसके बाद इन लोगों ने मिलकर लूट की योजना बनायी. इस योजना के तहत मुंबई के ही रहने वाले स्थानीय निलेश मुर्वे और नितेश ने रैकी की थी. रैकी के बाद इन लोगों ने 2 फरवरी को नितेश के सफेद रंग की ईको कार से इडेनवाला कॉपरेटिव सोसाइटी पांच रास्ता पीके रोड मुलुण्ड पश्चिम मुंबई स्थित हुण्डी का काम करने वालों के ऑफिस पर पहुंचे और डकैती की घटना को अंजाम देते हुए फरार हो गये.
रास्ते में ही मोनू सिंह उर्फ विपिन ने उसे 7 लाख रुपये निकाल कर दिया था और गाड़ी से उतार कर चला गया था. इस घटना के बाद से मुंबई पुलिस से बचने के लिए वह वाराणसी में छिप कर रह रहा था.
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