वाराणसी: काशी में धनतेरस (Dhanteras 2022 worship) ऐतिहासिक होने वाला है. कनाडा से करीब 108 साल बाद माता अन्नपूर्णा की मूर्ति वापस लाई गई है. इसके लिए श्री काशी विश्वनाथ धाम मंदिर परिसर को भव्य रूप से सजाया गया है. मंदिर में देवी अन्नपूर्णा का मंडप और झांकियां सजाई गई हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के प्रयासों से मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा (Statue of Mata Annapurna) करीब एक सदी बाद भारत लौटी है. इस मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने खुद यजमान बनकर की थी. सीएम ने देवी मां की डोली अपने कंधों पर उठाकर मंदिर प्रांगण में पहुंचाया था. वहीं, दक्षिण भारत से मां अन्नपूर्णा के भक्त ने चांदी का दान दिया है. जिससे मंदिर की दीवारों को रजत मंडित किया गया है. मंदिर में देवी मां की स्वर्ण प्रतिमा के दर्शन भक्तजनों ने रविवार को किए. 25 अक्टूबर को ग्रहण के दौरान कुछ देर के लिए मंदिर बंद होगा और 27 तारीख तक भक्त मां के दर्शन कर सकेंगे.
काशी को अन्न क्षेत्र भी कहा जाता है. भगवान शिव ने काशी में मां अन्नपूर्णा से भिक्षा मांगी थी. इसलिए काशी में मां अन्नपूर्णा का विशेष महत्त्व है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने सदियों पहले काशी से गायब हुई मां अन्नपूर्णा की मूर्ति की काशी विश्वनाथ धाम में प्राण प्रतिष्ठा की. अब मां अन्नपूर्णा का खजाना भक्तों को प्रसाद के रूप में वितरित किया जाएगा.
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर (Shri Kashi Vishwanath Temple) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील वर्मा ने बताया कि करीब एक सदी बाद कनाडा से वापस आई मां की मूर्ति पहली बार विश्वनाथ धाम में अपने भक्तों को खजाना वितरित करेंगी, जिसमें सिक्के, लावा आदि शामिल होगा. इसके लिए पूरे मंदिर को भव्य रूप से सजाया गया है. मां अन्नपूर्णा का दर्शन धनतेरस वाले दिन 23 अक्टूबर की सुबह से शुरू हुआ और 4 दिनों तक चलेगा. मंदिर के द्वार परंपरागत समय से खुलेंगे और बंद होंगे. निर्धारित समय पर आरती होगी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्री काशी विश्वनाथ धाम के दिव्य और भव्य स्वरूप का उद्घाटन 13 दिसंबर 2021 को किया था. पीएम इस दिन को सनातन धर्म के इतिहास में दर्ज करा चुके हैं. सन् 1780 में इंदौर की रानी अहिल्याबाई होल्कर ने काशी विश्वनाथ मंदिर का जीर्णोद्धार कराया था और महाराजा रणजीत सिंह ने 1833 में सोने का छत्र बनवाया था.
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