वाराणसीः अन्नपूर्णा सदापूर्णे शंकरप्राणबल्लभे इसी मंत्रोचार के साथ काशी में 108 साल पुरानी मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा को बीते दिनों बाबा विश्वनाथ के प्रांगण में प्राण प्रतिष्ठित किया गया है. इस साल काशी के 84 घाटों पर अर्धचंद्राकार स्वरूप में सजे दीपक की रोशनी से देवताओं का जहां विश्वनाथ की धरती पर स्वागत किया जायेगा, तो वहीं दूसरी ओर इन दीयों की रोशनी में मां अन्नपूर्णा की श्रद्धा से भी भक्त नहाएंगे.
गौरतलब है कि वाराणसी के विभिन्न घाटों अलग-अलग मनमोहक तरीको से सजाया गया है. वहीं मानसरोवर घाट पर मां अन्नपूर्णा का 32 फीट ऊंचा एक भव्य कटआउट लगाया गया है, जो बेहद खूबसूरत और आकर्षक है. इस दौरान हजारों रंग बिरंगी लाइटों से चमकते काशी के घाट पर मौजूद मां अन्नपूर्णा का स्वरूप लोगों की आस्था का केंद्र होगा. क्योंकि बाबा विश्वनाथ के परिसर में विराजमान मां अन्नपूर्णा का दर्शन भक्त आसानी से कर सकेंगे या नहीं. लेकिन मानसरोवर घाट पर लगा मां अन्नपूर्णा के कटआउट का दर्शन कर भक्त देव दीपावली पर्व पर निहाल होंगे.
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काशी की धरती पर पंचगंगा घाट से 5 दीपों से शुरू हुई देव दीपावली गुरुवार को 15 लाख दीयों तक पहुंच गई है और इस देव दीपावली में सिर्फ दीयों की संख्या नहीं बढ़ रही. बल्कि इसकी भव्यता भी दिन-प्रतिदिन बढ़ती और काशी की अद्भुत छवि निखरती जा रही है. बीते वर्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस महापर्व में शामिल होकर इसके भव्यता को और बढ़ाया था और इस बार इस पर्व पर तमाम आयोजनों के साथ-साथ मां अन्नपूर्णा का यह भव्य प्रतिरूप आस्था को और बढ़ा रहा है. क्योंकि एक ओर जहां मां गंगा विराजमान हैं, तो वहीं दूसरी ओर महादेव की छत्रछाया और ऐसे में मां अन्नपूर्णा जो काशी की भव्यता को बढ़ाने के साथ-साथ लोगों को सौभाग्य देंगी.ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप