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देव दीपावली पर आकर्षण का केंद्र बनेगी 108 साल पुरानी मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा

काशी में 108 साल पुरानी मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा को बीते दिनों बाबा विश्वनाथ के प्रांगण में प्राण प्रतिष्ठित किया गया है. खास बात ये है कि इस बार कार्तिक पूर्णिमा यानी कि देव दीपावली पर्व पर मां अन्नपूर्णा की ये प्राचीन प्रतिमा घाटों पर आकर्षण का केंद्र बना हुआ है.

आकर्षण का केंद्र बनेगी मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा
आकर्षण का केंद्र बनेगी मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा
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Published : Nov 18, 2021, 10:53 PM IST

वाराणसीः अन्नपूर्णा सदापूर्णे शंकरप्राणबल्लभे इसी मंत्रोचार के साथ काशी में 108 साल पुरानी मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा को बीते दिनों बाबा विश्वनाथ के प्रांगण में प्राण प्रतिष्ठित किया गया है. इस साल काशी के 84 घाटों पर अर्धचंद्राकार स्वरूप में सजे दीपक की रोशनी से देवताओं का जहां विश्वनाथ की धरती पर स्वागत किया जायेगा, तो वहीं दूसरी ओर इन दीयों की रोशनी में मां अन्नपूर्णा की श्रद्धा से भी भक्त नहाएंगे.

गौरतलब है कि वाराणसी के विभिन्न घाटों अलग-अलग मनमोहक तरीको से सजाया गया है. वहीं मानसरोवर घाट पर मां अन्नपूर्णा का 32 फीट ऊंचा एक भव्य कटआउट लगाया गया है, जो बेहद खूबसूरत और आकर्षक है. इस दौरान हजारों रंग बिरंगी लाइटों से चमकते काशी के घाट पर मौजूद मां अन्नपूर्णा का स्वरूप लोगों की आस्था का केंद्र होगा. क्योंकि बाबा विश्वनाथ के परिसर में विराजमान मां अन्नपूर्णा का दर्शन भक्त आसानी से कर सकेंगे या नहीं. लेकिन मानसरोवर घाट पर लगा मां अन्नपूर्णा के कटआउट का दर्शन कर भक्त देव दीपावली पर्व पर निहाल होंगे.

आकर्षण का केंद्र बनेगी मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा
इस बाबत मां अन्नपूर्णा का भव्य कटआउट तैयार करने वाले कारीगर ने बताया कि लगभग 24 घंटे के प्रयास से मां अन्नपूर्णा के इस भव्य कटआउट को तैयार किया गया है. जिसमें मां की भव्यता को दर्शाने का प्रयास किया गया है. उन्होंने बताया कि इसको लगाने का मुख्य उद्देश्य यही है कि लोग अपने 108 साल पुरानी परंपरा संस्कृति को समझें और आसानी से घाट पर मां गंगा के साथ-साथ मां अन्नपूर्णा का भी दर्शन कर सकें.
108 साल पुरानी मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा
108 साल पुरानी मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा
वही घाट पर घूमने आए सैलानी ने बताया कि यह हम लोगों के लिए बेहद सौभाग्य की बात है कि हमारे काशी में सैकड़ों साल पुरानी यह विरासत वापस आई है और देव दीपावली पर्व पर यहां मां का प्रतिरूप लगने से लोग आसानी से मां की भव्यता को देख सकेंगे. इसके साथ ही इनके विषय में जान सकेंगे. यह हमारे लिए बेहद हर्षदायी है. उन्होंने बताया कि यह काशी में अपने आप का एक अद्भुत इतिहास होगा कि एक ओर जहां चंद्राकार घाट है, तो वहीं दूसरी ओर मां गंगा और 33 कोटि देवता और उनके साथ मां अन्नपूर्णा का आशीर्वाद है. अपने आप में ये अब देव दीपावली की भव्यता को और बढ़ाएगा.
108 साल पुरानी मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा
108 साल पुरानी मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा

इसे भी पढ़ें- देव दीपावली इफेक्ट : काशी के पर्यटन कारोबार को संजीवनी, इस महीने 1000 करोड़ का कारोबार होने की उम्मीद

काशी की धरती पर पंचगंगा घाट से 5 दीपों से शुरू हुई देव दीपावली गुरुवार को 15 लाख दीयों तक पहुंच गई है और इस देव दीपावली में सिर्फ दीयों की संख्या नहीं बढ़ रही. बल्कि इसकी भव्यता भी दिन-प्रतिदिन बढ़ती और काशी की अद्भुत छवि निखरती जा रही है. बीते वर्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस महापर्व में शामिल होकर इसके भव्यता को और बढ़ाया था और इस बार इस पर्व पर तमाम आयोजनों के साथ-साथ मां अन्नपूर्णा का यह भव्य प्रतिरूप आस्था को और बढ़ा रहा है. क्योंकि एक ओर जहां मां गंगा विराजमान हैं, तो वहीं दूसरी ओर महादेव की छत्रछाया और ऐसे में मां अन्नपूर्णा जो काशी की भव्यता को बढ़ाने के साथ-साथ लोगों को सौभाग्य देंगी.

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वाराणसीः अन्नपूर्णा सदापूर्णे शंकरप्राणबल्लभे इसी मंत्रोचार के साथ काशी में 108 साल पुरानी मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा को बीते दिनों बाबा विश्वनाथ के प्रांगण में प्राण प्रतिष्ठित किया गया है. इस साल काशी के 84 घाटों पर अर्धचंद्राकार स्वरूप में सजे दीपक की रोशनी से देवताओं का जहां विश्वनाथ की धरती पर स्वागत किया जायेगा, तो वहीं दूसरी ओर इन दीयों की रोशनी में मां अन्नपूर्णा की श्रद्धा से भी भक्त नहाएंगे.

गौरतलब है कि वाराणसी के विभिन्न घाटों अलग-अलग मनमोहक तरीको से सजाया गया है. वहीं मानसरोवर घाट पर मां अन्नपूर्णा का 32 फीट ऊंचा एक भव्य कटआउट लगाया गया है, जो बेहद खूबसूरत और आकर्षक है. इस दौरान हजारों रंग बिरंगी लाइटों से चमकते काशी के घाट पर मौजूद मां अन्नपूर्णा का स्वरूप लोगों की आस्था का केंद्र होगा. क्योंकि बाबा विश्वनाथ के परिसर में विराजमान मां अन्नपूर्णा का दर्शन भक्त आसानी से कर सकेंगे या नहीं. लेकिन मानसरोवर घाट पर लगा मां अन्नपूर्णा के कटआउट का दर्शन कर भक्त देव दीपावली पर्व पर निहाल होंगे.

आकर्षण का केंद्र बनेगी मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा
इस बाबत मां अन्नपूर्णा का भव्य कटआउट तैयार करने वाले कारीगर ने बताया कि लगभग 24 घंटे के प्रयास से मां अन्नपूर्णा के इस भव्य कटआउट को तैयार किया गया है. जिसमें मां की भव्यता को दर्शाने का प्रयास किया गया है. उन्होंने बताया कि इसको लगाने का मुख्य उद्देश्य यही है कि लोग अपने 108 साल पुरानी परंपरा संस्कृति को समझें और आसानी से घाट पर मां गंगा के साथ-साथ मां अन्नपूर्णा का भी दर्शन कर सकें.
108 साल पुरानी मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा
108 साल पुरानी मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा
वही घाट पर घूमने आए सैलानी ने बताया कि यह हम लोगों के लिए बेहद सौभाग्य की बात है कि हमारे काशी में सैकड़ों साल पुरानी यह विरासत वापस आई है और देव दीपावली पर्व पर यहां मां का प्रतिरूप लगने से लोग आसानी से मां की भव्यता को देख सकेंगे. इसके साथ ही इनके विषय में जान सकेंगे. यह हमारे लिए बेहद हर्षदायी है. उन्होंने बताया कि यह काशी में अपने आप का एक अद्भुत इतिहास होगा कि एक ओर जहां चंद्राकार घाट है, तो वहीं दूसरी ओर मां गंगा और 33 कोटि देवता और उनके साथ मां अन्नपूर्णा का आशीर्वाद है. अपने आप में ये अब देव दीपावली की भव्यता को और बढ़ाएगा.
108 साल पुरानी मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा
108 साल पुरानी मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा

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काशी की धरती पर पंचगंगा घाट से 5 दीपों से शुरू हुई देव दीपावली गुरुवार को 15 लाख दीयों तक पहुंच गई है और इस देव दीपावली में सिर्फ दीयों की संख्या नहीं बढ़ रही. बल्कि इसकी भव्यता भी दिन-प्रतिदिन बढ़ती और काशी की अद्भुत छवि निखरती जा रही है. बीते वर्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस महापर्व में शामिल होकर इसके भव्यता को और बढ़ाया था और इस बार इस पर्व पर तमाम आयोजनों के साथ-साथ मां अन्नपूर्णा का यह भव्य प्रतिरूप आस्था को और बढ़ा रहा है. क्योंकि एक ओर जहां मां गंगा विराजमान हैं, तो वहीं दूसरी ओर महादेव की छत्रछाया और ऐसे में मां अन्नपूर्णा जो काशी की भव्यता को बढ़ाने के साथ-साथ लोगों को सौभाग्य देंगी.

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