वाराणसी: उत्तर प्रदेश राज्य सूचना आयुक्त अजय कुमार उत्प्रेती ने मंगलवार को काशी पत्रकार संघ के सदस्यों के साथ "पत्रकारों का सक्षम सारथी आरटीआई" विषय पर संवाद किया. उन्होंने कहा कि पत्रकार जन सूचना अधिकार अधिनियम के अंतर्गत प्रमाणित सूचना प्राप्त कर अपनी खबरों में धार दे सकते हैं. बताया कि विगत 4-5 वर्षों में उनके अधिकार क्षेत्र के 5 मंडल के जिलों में 2600 जन सूचना अधिकारियों पर सूचना उपलब्ध न कराए जाने पर लगभग 6 करोड़ रुपये का अर्थ दंड लगाया जा चुका है.
घोटालों का हुआ पर्दाफाश : राज्य सूचना आयुक्त अजय कुमार उत्प्रेती ने संवाद में मीडियाकर्मियों को आरटीआई का इस्तेमाल रिपोर्टिंग में करने के विषय में विस्तार से बताया. आयुक्त ने बताया कि जब से जन सूचना अधिकार अधिनियम आया है, तब से इसका उपयोग बड़े-बड़े घोटाले का पर्दाफाश करने में हुआ है. जैसे कि आदर्श सोसाइटी घोटाला, 2G घोटाला, कॉमनवेल्थ घोटाला, बैंक ऋण घोटाला, इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी घोटाला आदि.
राज्य सूचना आयुक्त ने बताया, कैसे करें आवेदन : राज्य सूचना आयुक्त अजय कुमार उत्प्रेती ने पत्रकारों को जन सूचना अधिकार अधिनियम की धारा 18 एवं धारा 19 के अंतर के विषय में भी विस्तार से बताया. आरटीआई के अंतर्गत आवेदन करने और कितने शब्दों में आवेदन किया जाए, ताकि जन सूचना अधिकारी ठीक ढंग से समझ कर त्वरित गति से सूचना उपलब्ध कराए, आदि के संबंध में विस्तार से अवगत कराया.
अफसरों पर 6 करोड़ से अधिक का लगा अर्थ दंड : उन्होंने बताया कि पिछले 4.5 वर्षों में उनके अधिकार क्षेत्र के वाराणसी, अलीगढ़, फैजाबाद देवीपाटन एवं चित्रकूट सहित पांच मंडल के 2600 जन सूचना अधिकारियों पर 6 करोड़ से अधिक धनराशि अर्थ दंड के रूप में लगाई गई है. अजय कुमार उत्प्रेती 4 एवं 5 अक्टूबर को सर्किट हाउस सभागार में जन सूचना अधिकार अधिनियम के अंतर्गत प्रकरणों की सुनवाई अपराह्न 11:00 से करेंगे.
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