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श्रीलंका के प्रधानमंत्री ने वाराणसी के बाबा काल भैरव का किया दर्शन

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Published : Feb 9, 2020, 12:48 PM IST

श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंद्र राजपक्ष रविवार को काशी नगरी पहुंचे. उन्होंने सबसे पहले काल भैरव का दर्शन कर अपने आगे के कार्यक्रम का शुभारंभ किया. इस दौरान प्रशासन एकदम चुस्त दिखाई दी.

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श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंद्र राजपक्ष पहुंचे काशी नगरी.

वाराणसी: काशी की एक परंपरा है, जब भी कोई अधिकारी या वीवीआइपी वाराणसी आता है, तो सबसे पहले बाबा काल भैरव का दर्शन करता है. काल भैरव बाबा को काशी का कोतवाल भी कहते हैं. इसी परंपरा के नक्शे कदम पर चलते हुए श्रीलंका के प्रधानमंत्री वाराणसी पहुंचकर बाबा काल भैरव का दर्शन करने पहुंचे और अपने आगे के कार्यक्रम का शुभारंभ किया. श्रीलंका के प्रधानमंत्री को देखने के लिए काशी के लोगों का जनसैलाब उमड़ पड़ा.

श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंद्र राजपक्ष पहुंचे काशी नगरी.

वाराणसी एयरपोर्ट पर उतरने के बाद, जब श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंद्र राजपक्ष काशी की शहरों की ओर रवाना हुए तो सबसे पहले उन्होंने बाबा विश्वनाथ के दर्शन किए. इसके बाद वह काशी के कोतवाल बाबा काल भैरव के दर्शन को गए. उन्होंने दर्शन कर लोगों का अभिवादन स्वीकार किया.

श्रीलंका के प्रधानमंत्री जब बाबा कोतवाल के दर्शन को पहुंचे तो प्रशासन एकदम चुस्त दिखाई दी. सभी गलियों को छावनी के रूप में तब्दील कर दिया गया था. प्रशासन ने पहले श्रीलंका के प्रधानमंत्री को बाबा काल भैरव के दर्शन कराए, उसके बाद वह जब गली से पैदल बाहर की ओर गुजर रहे थे, तो लोगों ने हर-हर महादेव के उद्घोष से समा बांध दिया.

इसे भी पढ़ें:- लखनऊ: सीएम योगी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग से स्वास्थ्य मेले के अधिकारियों को दिए निर्देश

वाराणसी: काशी की एक परंपरा है, जब भी कोई अधिकारी या वीवीआइपी वाराणसी आता है, तो सबसे पहले बाबा काल भैरव का दर्शन करता है. काल भैरव बाबा को काशी का कोतवाल भी कहते हैं. इसी परंपरा के नक्शे कदम पर चलते हुए श्रीलंका के प्रधानमंत्री वाराणसी पहुंचकर बाबा काल भैरव का दर्शन करने पहुंचे और अपने आगे के कार्यक्रम का शुभारंभ किया. श्रीलंका के प्रधानमंत्री को देखने के लिए काशी के लोगों का जनसैलाब उमड़ पड़ा.

श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंद्र राजपक्ष पहुंचे काशी नगरी.

वाराणसी एयरपोर्ट पर उतरने के बाद, जब श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंद्र राजपक्ष काशी की शहरों की ओर रवाना हुए तो सबसे पहले उन्होंने बाबा विश्वनाथ के दर्शन किए. इसके बाद वह काशी के कोतवाल बाबा काल भैरव के दर्शन को गए. उन्होंने दर्शन कर लोगों का अभिवादन स्वीकार किया.

श्रीलंका के प्रधानमंत्री जब बाबा कोतवाल के दर्शन को पहुंचे तो प्रशासन एकदम चुस्त दिखाई दी. सभी गलियों को छावनी के रूप में तब्दील कर दिया गया था. प्रशासन ने पहले श्रीलंका के प्रधानमंत्री को बाबा काल भैरव के दर्शन कराए, उसके बाद वह जब गली से पैदल बाहर की ओर गुजर रहे थे, तो लोगों ने हर-हर महादेव के उद्घोष से समा बांध दिया.

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Intro:एंकर: वाराणसी की एक परंपरा है कि जब भी कोई अधिकारी या वीवीआइपी वाराणसी आता है तो सबसे पहले बाबा काल भैरव के दर्शन करता है। क्योंकि काल भैरव बाबा को काशी का कोतवाल भी कहते हैं। इस परंपरा के नक्शे कदम पर चलते हुए श्रीलंका के प्रधानमंत्री वाराणसी पहुंचकर बाबा काल भैरव के दर्शन कर अपनी आगे के कार्यक्रम का शुभारंभ किया। श्रीलंका के प्रधानमंत्री को देखने के लिए काशी के लोगों का जनसैलाब उमड़ पड़ा वहीं प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम कर रखे।Body:वीओ: वाराणसी की एयरपोर्ट पर उतरने के बाद जब श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंद्र राजपक्ष काशी कि शहरों की ओर रवाना हुए तो सबसे पहले उन्होंने बाबा विश्वनाथ के दर्शन किए। जिसके बाद वह काशी के कोतवाल बाबा काल भैरव के दर्शन को गए। जहां उन्होंने दर्शन कर लोगों का अभिवादन स्वीकार किया वहीं लोगों की बड़ी संख्या प्रधानमंत्री को देखने के लिए उमड़ पड़ी है।Conclusion:वीओ: श्रीलंका के प्रधानमंत्री जब बाबा कोतवाल के दर्शन को पहुंचे तो पहले से प्रशासन चुस्त दिखाई दी और भारी संख्या में पूरी गली को छावनी के रूप में तब्दील कर दिया गया था। भारी लोगों की भीड़ देखते हुए प्रशासन ने पहले तो श्रीलंका के प्रधानमंत्री को बाबा काल भैरव के दर्शन किए। उसके बाद वह जब गली से पैदल बाहर की ओर गुजर रहे थे तो श्रीलंका के प्रधानमंत्री ने भीड़ का अभिवादन अपने हाथों को हिलाकर किया। वहीं लोगों ने भी हर-हर महादेव के उद्घोष से पूरा समा बांध दिया।

अमित दत्ता वाराणसी
8299457899
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