वाराणसी: काशी की एक परंपरा है, जब भी कोई अधिकारी या वीवीआइपी वाराणसी आता है, तो सबसे पहले बाबा काल भैरव का दर्शन करता है. काल भैरव बाबा को काशी का कोतवाल भी कहते हैं. इसी परंपरा के नक्शे कदम पर चलते हुए श्रीलंका के प्रधानमंत्री वाराणसी पहुंचकर बाबा काल भैरव का दर्शन करने पहुंचे और अपने आगे के कार्यक्रम का शुभारंभ किया. श्रीलंका के प्रधानमंत्री को देखने के लिए काशी के लोगों का जनसैलाब उमड़ पड़ा.
वाराणसी एयरपोर्ट पर उतरने के बाद, जब श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंद्र राजपक्ष काशी की शहरों की ओर रवाना हुए तो सबसे पहले उन्होंने बाबा विश्वनाथ के दर्शन किए. इसके बाद वह काशी के कोतवाल बाबा काल भैरव के दर्शन को गए. उन्होंने दर्शन कर लोगों का अभिवादन स्वीकार किया.
श्रीलंका के प्रधानमंत्री जब बाबा कोतवाल के दर्शन को पहुंचे तो प्रशासन एकदम चुस्त दिखाई दी. सभी गलियों को छावनी के रूप में तब्दील कर दिया गया था. प्रशासन ने पहले श्रीलंका के प्रधानमंत्री को बाबा काल भैरव के दर्शन कराए, उसके बाद वह जब गली से पैदल बाहर की ओर गुजर रहे थे, तो लोगों ने हर-हर महादेव के उद्घोष से समा बांध दिया.
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