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HC के निर्देशों की अनदेखी करके मिट्टी खनन की अनुमति

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Published : Jan 20, 2021, 9:54 AM IST

वाराणसी में रोक के बावजूद खनन की अनुमति देने का मामला सामने आया है. आरोप है कि गेमन कंपनी बाढ़ क्षेत्र में मिट्टी खनन का काम कर रही है. इससे क्षेत्र के अस्तित्व पर ही खतरा मंडरा रहा है.

HC के निर्देशों की अनदेखी करके मिट्टी खनन की अनुमति.
HC के निर्देशों की अनदेखी करके मिट्टी खनन की अनुमति.

वाराणसी : बाढ़ के दिनों में चारों तरफ से घिर जाने वाले क्षेत्र में किसी प्रकार के खनन की अनुमति नहीं देने का दिशा निर्देश प्रशासन ने जारी कर रखा है. इस संबंध में आईजीआरएस पोर्टल पर रामचन्दीपुर के सुनील यादव ने 9 नवम्बर 2018 को शिकायत किया था. इस पर सहायक भूवैज्ञानिक तत्कालिक खनन अधिकारी शशांक शर्मा ने उच्च न्यायालय के निर्देश के क्रम में बाढ़ क्षेत्र में किसी भी प्रकार के खनन की अनुमति नहीं दिए जाने की रिपोर्ट लिखित रूप में 17 दिसम्बर 2018 को दी थी. वहीं वर्तमान में बाढ़ क्षेत्र के मुस्तफाबाद रेता पर मिट्टी खनन का काम गेमन कंपनी कर रही है. जिससे क्षेत्र के अस्तित्व पर ही खतरा मंडरा रहा है.

इस बार सुनील कुमार यादव ने 13 दिसम्बर 2020 को बाढ़क्षेत्र में पोकलेन मशीन से गहराई तक खनन किये जाने की शिकायत की. तो उसके निस्तारण रिपोर्ट में खान अधिकारी प्रदीप कुमार सिंह ने चांदपुर में 4.617 हेक्टेयर पर 75000 घन मीटर और मुस्तफाबाद में 4.915 हेक्टेयर पर 80000 घनमीटर खनन किये जाने के लिए गैमन इंजीनियर्स कांट्रेक्टर्स प्राइवेट लिमिटेड रिंग रोड फेज 2 के लिए अरविंद सिंह पुत्र रामदास सिंह श्रीनगर कॉलोनी फेस-3 आस्था पहड़िया वाराणसी को तीन माह के लिए 2 मीटर गहराई तक खनन की अनुमति 24 नवम्बर 2020 से 23 फरवरी 2021 तक के लिये दिये जाने की बात कही है.

इसमें बड़ी बात यह है कि खनन विभाग ने जिस क्षेत्र की खनन के लिए अनुमति दी है, वह ढाबसोता है. वहीं मुस्तफाबाद गांव निवासी राघवेंद्र सिंह ने इस बाबत जिलाधिकारी से शिकायत की है. शिकायतकर्ता का कहना है कि उच्च न्यायालय के निर्देश के क्रम में ढाबक्षेत्र में खनन की अनुमति नहीं दिये जाने की रिपोर्ट देने वाले खनन विभाग ने आखिर किन परिस्थितियों में अनुमति दे दी है. ढाबक्षेत्र में गहराई तक खनन होने से खेतों के कटान के साथ रिहायशी इलाकों को भी खतरा उत्पन्न हो गया है. शिकायतकर्ता राघवेन्द्र सिंह का कहना है कि मुस्तफाबाद में गाटा संख्या 1960, 1938, 1993 और 1977 में खनन की अनुमति दी गयी है. इस खाते में मेरा भी नाम है और खनन के लिए हमने सहमति पत्र नहीं दिया है. आखिर किस आधार पर खनन की अनुमति दे दी गयी.

इस बाबत जिला खनन अधिकारी प्रदीप कुमार सिंह ने बताया कि ढाबक्षेत्र में खनन की अनुमति मेरे आने से पूर्व की ही दी गयी है. अनुमति जिलाधिकारी के स्तर से ली गयी है. शिकायतकर्ता से इस संबंध में जानकारी मांगी गई थी, वह उपलब्ध करा दी गयी है.

वाराणसी : बाढ़ के दिनों में चारों तरफ से घिर जाने वाले क्षेत्र में किसी प्रकार के खनन की अनुमति नहीं देने का दिशा निर्देश प्रशासन ने जारी कर रखा है. इस संबंध में आईजीआरएस पोर्टल पर रामचन्दीपुर के सुनील यादव ने 9 नवम्बर 2018 को शिकायत किया था. इस पर सहायक भूवैज्ञानिक तत्कालिक खनन अधिकारी शशांक शर्मा ने उच्च न्यायालय के निर्देश के क्रम में बाढ़ क्षेत्र में किसी भी प्रकार के खनन की अनुमति नहीं दिए जाने की रिपोर्ट लिखित रूप में 17 दिसम्बर 2018 को दी थी. वहीं वर्तमान में बाढ़ क्षेत्र के मुस्तफाबाद रेता पर मिट्टी खनन का काम गेमन कंपनी कर रही है. जिससे क्षेत्र के अस्तित्व पर ही खतरा मंडरा रहा है.

इस बार सुनील कुमार यादव ने 13 दिसम्बर 2020 को बाढ़क्षेत्र में पोकलेन मशीन से गहराई तक खनन किये जाने की शिकायत की. तो उसके निस्तारण रिपोर्ट में खान अधिकारी प्रदीप कुमार सिंह ने चांदपुर में 4.617 हेक्टेयर पर 75000 घन मीटर और मुस्तफाबाद में 4.915 हेक्टेयर पर 80000 घनमीटर खनन किये जाने के लिए गैमन इंजीनियर्स कांट्रेक्टर्स प्राइवेट लिमिटेड रिंग रोड फेज 2 के लिए अरविंद सिंह पुत्र रामदास सिंह श्रीनगर कॉलोनी फेस-3 आस्था पहड़िया वाराणसी को तीन माह के लिए 2 मीटर गहराई तक खनन की अनुमति 24 नवम्बर 2020 से 23 फरवरी 2021 तक के लिये दिये जाने की बात कही है.

इसमें बड़ी बात यह है कि खनन विभाग ने जिस क्षेत्र की खनन के लिए अनुमति दी है, वह ढाबसोता है. वहीं मुस्तफाबाद गांव निवासी राघवेंद्र सिंह ने इस बाबत जिलाधिकारी से शिकायत की है. शिकायतकर्ता का कहना है कि उच्च न्यायालय के निर्देश के क्रम में ढाबक्षेत्र में खनन की अनुमति नहीं दिये जाने की रिपोर्ट देने वाले खनन विभाग ने आखिर किन परिस्थितियों में अनुमति दे दी है. ढाबक्षेत्र में गहराई तक खनन होने से खेतों के कटान के साथ रिहायशी इलाकों को भी खतरा उत्पन्न हो गया है. शिकायतकर्ता राघवेन्द्र सिंह का कहना है कि मुस्तफाबाद में गाटा संख्या 1960, 1938, 1993 और 1977 में खनन की अनुमति दी गयी है. इस खाते में मेरा भी नाम है और खनन के लिए हमने सहमति पत्र नहीं दिया है. आखिर किस आधार पर खनन की अनुमति दे दी गयी.

इस बाबत जिला खनन अधिकारी प्रदीप कुमार सिंह ने बताया कि ढाबक्षेत्र में खनन की अनुमति मेरे आने से पूर्व की ही दी गयी है. अनुमति जिलाधिकारी के स्तर से ली गयी है. शिकायतकर्ता से इस संबंध में जानकारी मांगी गई थी, वह उपलब्ध करा दी गयी है.

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