वाराणसी : विश्वनाथ धाम कॉरिडोर तैयार होने के बाद बनारस में पर्यटकों की संख्या तेजी से बढ़ी है, लेकिन पर्यटकों के सामने उलझन इसी बात की रहती है कि बनारस में तमाम सुविधाओं का लाभ आसानी से कैसे मिल पाएगा.कभी क्रूज बुक करना है तो कभी किसी मंदिर में दर्शन करना है, कभी पार्किंग के लिए जगह चाहिए तो कभी किसी अन्य वीआईपी सुविधा का लाभ. इन सबके लिए अलग-अलग जगह जाना होता है या फिर अलग-अलग प्लेटफार्म पर बुकिंग करनी होती है, जो कि परेशानी भरा काम है. अब पर्यटकों को इस समस्या से छुटकारा मिल जाएगा. 'लंदन पास' की तर्ज पर यहां एक ऐसी सुविधा शुरू होने जा रही है, जिसका लोकार्पण इस महीने के अंत तक प्रधानमंत्री मोदी स्वयं काशी में करेंगे. इसकी तैयारी स्मार्ट सिटी ने पूरी कर ली है. ट्रायल सक्सेस होने के बाद सोमवार को इस पूरी वेबसाइट की गुणवत्ता जांचने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय को प्रेषित किया जा चुका है. वहां पड़ताल के बाद इस पर फाइनल मोहर लगेगी और उसके बाद डिसाइड हो जाएगा कि इस महीने के अंत में होने वाला पीएम मोदी का दौरा इस वेबसाइट की लांचिंग के लिए सही है या नहीं.
क्या है 'लंदन पास' की सुविधा
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में सुगम दर्शन से लेकर अलकनंदा क्रूज की बुकिंग हो या फिर वर्चुअल म्यूजियम से लेकर सारनाथ के लाइट एंड साउंड शो का मजा, इन सबके लिए एक ही प्लेटफॉर्म पर बुकिंग की कोई सुविधा नहीं है, लेकिन पहली बार देश में एक ऐसी सुविधा शुरू होने जा रही है, जो 'लंदन पास' की तर्ज पर काम करेगी. इस बारे में स्मार्ट सिटी के जनसंपर्क अधिकारी शाकंभरीनंदन सोंथालिया ने बताया कि लंदन में 'लंदन पास' नाम से एक ऐसा डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जहां सारी सुविधाओं के लिए एक पास होता है. यदि वहां कोई जाता है तो उसे टैक्सी, इलेक्ट्रॉनिक बस समेत अन्य पर्यटक स्थलों पर घूमने-फिरने के लिए पास की सुविधा एक वेबसाइट और ऐप पर मिल जाती है. 'लंदन पास' नाम का यह ऐप लंबे वक्त से वहां काम कर रहा है.
'काशी पास' से पर्यटकों के मिलेगी सहूलियत
बताया कि 'लंदन पास' की तर्ज पर वाराणसी में पहली बार ऐसी सुविधा शुरू की जा रही है. जहां एक साथ एक प्लेटफार्म पर आठ सुविधाओं का लाभ लोगों को मिल पाएगा. इसमें जो सुविधाएं शामिल हैं. उनमें सबसे महत्वपूर्ण श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में सुगम दर्शन, सारनाथ में लाइट एंड साउंड शो का टिकट, शहर में चल रही तमाम इलेक्ट्रॉनिक बसों के टिकट, शहर में महत्वपूर्ण दो पार्किंग स्थल बेनिया बाग और मैदागिन आदि शामिल हैं. इससे पर्यटकों को परेशान नहीं होना पड़ेगा. बताया कि इसके लिए एक प्लेटफॉर्म बनेगा, जिसे अभी 'काशी पास' का नाम दिया गया है. वेबसाइट और ऐप दोनों तैयार किया गया है. इसपर आते ही सारी सुविधाओं के लिए पेमेंट होगा. यूजर को अपना नाम,मोबाइल नंबर, तारीख और अन्य कुछ जानकारियां भरने के बाद पेमेंट करना होगा. सब चीजों का एक कंपाइल पेमेंट होने के साथ एक क्यूआर कोड जनरेट होगा, जो आपके मोबाइल फोन पर मैसेज और मेल के जरिए पहुंच जाएगा. बस आप जहां भी जाएंगे, इस क्यूआर कोड को दिखाएंगे.
वेबसाइट तैयार, पीएमओ की मुहर का इंतजार
जनसंपर्क अधिकारी शाकंभरीनंदन सोंथालिया ने बताया कि इस एक प्लेटफॉर्म पर आठ सुविधाओं का पास एक पेमेंट पर ही मिल जाएगा. इसके अलावा शहर की कंप्लीट जानकारी यहां पर मुहैया कराई जाएगी. जिसमें बनारस के कल्चर, बाजार और गूगल मैप से रास्तों के बारे में जानकारी उपलब्ध होगी. इसके अलावा तमाम होटल, गेस्ट हाउस के नंबर, धर्मशालाओं की जानकारियां और किस जगह कैसे जाना-आना है, यह सारी जानकारियां भी इस वेबसाइट पर अपलोड की जाएंगी. वेबसाइट बन गई है और इसका ट्रायल भी सफल हो गया है, लेकिन फाइनल पीएमओ की मोहर लगने के बाद ही इसे माना जाएगा. बताया कि इस वेबसाइट पर काशी की महान विभूतिययों, संत जिसमें कबीर दास, रविदास, रानी लक्ष्मीबाई, पंडित मदन मोहन मालवीय और तमाम साहित्यकारों के बारे में भी जानकारियां उपलब्ध करवाई जाएंगी.
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