वाराणसी: सुप्रसिद्ध गायिका मालिनी अवस्थी गुरुवार को धर्म नगरी वाराणसी पहुंची, जहां उन्होंने अस्सी घाट स्थित सुबह ए बनारस (Subah-E-Banaras) के स्थापना दिवस के आयोजन में भाग लिया. इस दौरान मालिनी अवस्थी ने जहां सुबह की पहली लालिमा के साथ गंगा आरती देखी, तो वहीं यज्ञकुंड में काशी तमिल संगमम (Kashi Tamil Sangamam) जैसे आयोजनों को पूरे देश में होने के लिए आहुति डाली. इस दौरान मालिनी अवस्थी ने उगते हुए सूर्य के साथ अपने गायकी से सबको मंत्रमुग्ध कर दिया.
उत्तर प्रदेश में इस वक्त दक्षिण का मिलन हो रहा है. लगातार दक्षिण भारतीय यात्रियों का सगमम में आना जारी है. ऐसे में ये यात्रियों के लिए अस्सी घाट पर प्रत्येक दिन विशेष आरती का आयोजन भी किया जा रहा हैं. जिसे निहारने के लिए देश दुनिया संग दक्षिण भारतीय मेहमान भी पहुंच रहे है. इसी क्रम में गुरुवार को प्रसिद्ध लोकगायिका मालिनी अवस्थी भी पहुंचीं. जहां उनके शास्त्रीय संगीत से घाट का कोना कोना गुंजायमान हो गया. इस दौरान गंगा घाट पर आयोजित गंगा पूजन में भी वह शामिल हुई.
संगमम संस्कृति संग धर्म कर्म के सम्बन्ध को भी देगा मजबूती
सुबह ए बनारस के मंच को लेकर के उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा मंच है, जो मां गंगा के समक्ष कलाकारों को अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने का मौका देता है. यहां एक ओर मां गंगा का आशीर्वाद मिला होता है, तो दूसरी ओर यहां आए दर्शकों का उत्साह कलाकारों की प्रतिभा को और बढ़ाता है. उन्होंने काशी तमिल आयोजन की तारीफ करते हुए कहा कि काशी और कांची का संगम हमारे संस्कृति को और मजबूत करेगा. हमारा धर्म कर्म सब एक है. ऐसे में यह संगमम एक भारत श्रेष्ठ भारत के अपने को साकार करेगा. ऐसे आयोजन पूरे देश में होने चाहिए.
मालिनी अवस्थी के प्रस्तुति से घाट पर उपस्थित लोग भी काफी प्रभावित दिखें. बीते 9 सालों में ये मंच लोक गीत और संस्कृति को संजोए हुआ है. जिसका वार्षिकोत्सव आज मनाया जा रहा है, जहां बतौर मुख्य अतिथि प्रसिद्ध गायिका मालिनी अवस्थी पहुंची थीं.
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