वाराणसी: दीपावली को लेकर हर कोई पूजा पाठ तैयारियों में जुटा है, लेकिन इन सबके बीच 25 अक्टूबर को पड़ने वाले सूर्यग्रहण को लेकर भी देवालयों को बंद करने की तैयारी शुरू हो गई है. इस क्रम में 25 अक्टूबर को पड़ने वाले सूर्य ग्रहण पर श्री काशी विश्वनाथ मंदिर (Shri Kashi Vishwanath temple) में 25 तारीख के दोपहर 3:30 बजे के बाद से 26 तारीख की सुबह मंगला आरती तक दर्शन पूजन भक्तों के लिए बंद कर दिया जाएगा. ग्रहण का स्पर्श अपराह्न 4:22 बजे पर 25 अक्टूबर को हो रहा है. शाम के वक्त ग्रहण का स्पर्श 5:38 पर सूर्यास्त के समय और पूर्ण मोक्ष 6:34 बजे पर होगा. सूर्य ग्रहण के प्रारंभ होने के 12 घंटे पहले ही इस कष्ट सूतक प्रारंभ होता है और इस दौरान पूजा-पाठ और देव स्पर्श वर्जित होता है.
इस वजह से ग्रहण के सूतक काल प्रारंभ होने के साथ ही मंदिरों के लिए बंद कर दिया जाएगा. मंदिर द्वारा जारी की गई जानकारी के मुताबिक श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास परिषद ने सम्यक विचारोपरान्त यह निर्णय लिया कि दिनांक 25 अक्टूबर कार्तिक कृष्ण पक्ष अमावस्या को लगने वाले सूर्यग्रहण (गृस्तास्त) है. चूंकि यह ग्रहण गृस्तास्त है, के दृष्टिगत 25 अक्टूबर को अपराहन 3.30 से 26 अक्टूबर को सूर्योदय तक बाबा विश्वनाथ का मंदिर और उनके साथ अन्य समस्त विग्रह के दर्शन आम दर्शनार्थियों के लिए पूर्ण रूप से बन्द कर दिए जाएंगे.
श्री काशी विश्वनाथ धाम में 25 अक्टूबर के सायं से दर्शन-पूजन, मंदिर में होने वाली सप्तर्षि आरती श्रृंगार भोग आरती और शयन आरती नहीं होगी. साथ ही तत्समय श्रद्धालुओं का प्रवेश भी वर्जित रहेगा. 26 अक्टूबर को प्रातः सूर्योदय के पश्चात मोक्ष पूजा-मंगला आरती के साथ मंदिर आम दर्शनार्थियों के लिए खोला जाएगा. इसके अलावा श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के आसपास के सभी मंदिर भी इसी समय बंद रहेंगे. मंदिर से कुछ दूरी पर स्थित अन्नपूर्णा मंदिर के कपाट 5:30 घंटे बंद रहेंगे और शाम 7:30 पर ग्रहण खत्म होने के बाद भक्तों को दर्शन का लाभ मिल सकेगा.
अन्नपूर्णा मंदिर में स्वर्ण प्रतिमा का भी दर्शन चल रहा है, जो अन्नकूट तक होता है. 2:00 बजे दोपहर में ही मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाएंगे. इसके अतिरिक्त प्रसिद्ध संकटमोचन मंदिर में भी भोर में मंगला आरती के बाद संकट मोचन मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाएंगे और शाम को मोक्ष के बाद ही मंदिर के कपाट भक्तों के लिए खोले जाएंगे.
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