वाराणसी: धर्म और अध्यात्म की नगरी काशी में आज शरद पूर्णिमा के दिन विभिन्न घाटों पर श्रद्धालुओं का जमावड़ा देखने को मिला. सूर्य उदय के साथ ही भक्तों ने मां गंगा में स्नान करने के बाद बाबा श्री काशी विश्वनाथ, मां अन्नपूर्णा, संकट मोचन शीतला मंदिर में दर्शन किए. वाराणसी सहित पूर्वांचल के आसपास के श्रद्धालु भी घाटों पर स्नान करके पुण्य का भागी बने.
ये है मान्यता
इसमें 12 पूर्णिमा पड़ती है, जिसमें शरद पूर्णिमा से कार्तिक पूर्णिमा तक विशेष प्रकार का पूजा अनुष्ठान किया जाता है. भगवान विष्णु का यह सबसे प्रिय माह होता है. आज ही के दिन मां लक्ष्मी और कुबेर की पूजा की जाती है. आज ही के दिन चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं के साथ उपस्थित होता है. स्वर्ग से अमृत वर्षा होती है. लोग घरों की छत पर खीर बनाकर रखते हैं. प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं.
आयोजन
काशी में शरद पूर्णिमा के दिन विभिन्न प्रकार के आयोजन होते हैं. पंचगंगा घाट दशाश्वमेध घाट पर दीप जलाए जाते हैं. वहीं आज देर शाम पीएसी और पुलिस के जवानों को मां गंगा के घाट पर श्रद्धांजली भी दी जाएगी.
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पंडा भरत पांडेय ने बताया कि आज के दिन का अनंत महत्व है. मां गंगा में स्नान करने से सभी प्रकार की मनोकामना पूर्ण होती है. यही वजह की काशी के विभिन्न घाटों पर सुबह से ही लोग मां गंगा में स्नान कर रहे हैं. इसके बाद बाबा विश्वनाथ और अन्नपूर्णा मां का दर्शन कर रहे हैं.
आज महालक्ष्मी की पूजा का विधान है. उसके साथी कुबेर जी की पूजा भी की जाती है. आज चंद्रमा स्वर्ग से अमृत वर्षा करते हैं, तभी लोग घरों के छत पर खीर बनाकर रखते हैं. यह भगवान विष्णु का प्रिय महीना होता है और ऐसे में भगवान शिव की आराधना करने से फल की प्राप्ति होती है.