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मौजूदा सरकार में डरा हुआ है अल्पसंख्यक: शकील अहमद

वाराणसी में उत्तर प्रदेश के पूर्व अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन शकील अहमद बबलू ने कहा कि वर्तमान सरकार अल्पसंख्यकों के लिए कुछ नहीं कर रही है. उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में अल्पसंख्यक आवाम की स्थिति बेहद दयनीय है.

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शकील अहमद पूर्व चेयरमैन अल्पसंख्यक आयोग.
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Published : Dec 19, 2020, 3:36 PM IST

वाराणसी: सभी राजनीतिक पार्टियां चुनावी घोषणापत्र में अल्पसंख्यक समुदाय, महिला अधिकार और सुरक्षा की बात करती हैं, लेकिन सत्ता पर काबिज होने के बाद अल्पसंख्यक समुदाय के साथ छलावा करती हैं. अल्पसंख्यक समुदाय का आरोप है कि सरकार की कथनी और करनी में बड़ा अंतर है. वर्तमान में अल्पसंख्यकों की क्या स्थिति है. यह जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन शकील अहमद बबलू से खास बातचीत की.

शकील अहमद पूर्व चेयरमैन अल्पसंख्यक आयोग.
वर्तमान सरकार में अपने हक की आवाज नहीं उठा सकता अल्पसंख्यक समाज
पूर्व अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन शकील अहमद बबलू ने कहा कि वर्तमान समय में अल्पसंख्यक आवाम की स्थिति बेहद दयनीय है. सरकार भले ही उनके विकास की बात करती हो, लेकिन हालात यह हैं कि वह अपने हक के लिए आवाज भी नहीं उठा सकते. तमाम सुविधाओं के बावजूद अल्पसंख्यक समाज खुद को हाशिए पर खड़ा हुआ महसूस कर रहा है.
तीन तलाक, लव जिहाद कानून बनाकर आवाम को गुमराह कर रही सरकार
शकील अहमद ने कहा कि सरकार हर बार कहती है कि वह अल्पसंख्यकों के अधिकार का संरक्षण कर रही है. इसको लेकर ट्रिपल तलाक और लव जिहाद जैसा कानून भी बनाया गया है, लेकिन इस कानून की आड़ में अल्पसंख्यकों का शोषण किया जा रहा है. ट्रिपल तलाक को लेकर उन्होंने कहा कि ट्रिपल तलाक के बहाने आवाम की महिलाओं को गुमराह किया जा रहा है. लव जिहाद कानून बनाकर जगह-जगह आवाम का शोषण किया जा रहा है, जिसकी खबरें हर दिन अखबार और सोशल मीडिया पर देखने को मिल रही हैं. सरकार भले ही हक में कानून बनाने की बात कह रही हो, लेकिन यह कानून अल्पसंख्यकों की आजादी और अधिकार का हनन करेगा.
सरकार ने हज हाउस का सपना नहीं किया पूरा
शकील अहमद ने कहा कि हमारी सरकार ने दो हज हाउस बनवाए. पूर्वांचल का भी एक हज हाउस वाराणसी में बनाने के लिए प्रयासरत हैं, लेकिन वर्तमान सरकार ने इस ओर ध्यान नहीं दिया. इसलिए सरकार से गुजारिश है कि वह वास्तविक रूप से अल्पसंख्यकों के बारे में सोचे. वरना अल्पसंख्यक समाज और पीछे कटता हुआ चला जाएगा. क्योंकि अल्पसंख्यक सिर्फ वोट बैंक नहीं होता, बल्कि वह समाज के विकास में अहम भूमिका निभाता है.

वाराणसी: सभी राजनीतिक पार्टियां चुनावी घोषणापत्र में अल्पसंख्यक समुदाय, महिला अधिकार और सुरक्षा की बात करती हैं, लेकिन सत्ता पर काबिज होने के बाद अल्पसंख्यक समुदाय के साथ छलावा करती हैं. अल्पसंख्यक समुदाय का आरोप है कि सरकार की कथनी और करनी में बड़ा अंतर है. वर्तमान में अल्पसंख्यकों की क्या स्थिति है. यह जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन शकील अहमद बबलू से खास बातचीत की.

शकील अहमद पूर्व चेयरमैन अल्पसंख्यक आयोग.
वर्तमान सरकार में अपने हक की आवाज नहीं उठा सकता अल्पसंख्यक समाज
पूर्व अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन शकील अहमद बबलू ने कहा कि वर्तमान समय में अल्पसंख्यक आवाम की स्थिति बेहद दयनीय है. सरकार भले ही उनके विकास की बात करती हो, लेकिन हालात यह हैं कि वह अपने हक के लिए आवाज भी नहीं उठा सकते. तमाम सुविधाओं के बावजूद अल्पसंख्यक समाज खुद को हाशिए पर खड़ा हुआ महसूस कर रहा है.
तीन तलाक, लव जिहाद कानून बनाकर आवाम को गुमराह कर रही सरकार
शकील अहमद ने कहा कि सरकार हर बार कहती है कि वह अल्पसंख्यकों के अधिकार का संरक्षण कर रही है. इसको लेकर ट्रिपल तलाक और लव जिहाद जैसा कानून भी बनाया गया है, लेकिन इस कानून की आड़ में अल्पसंख्यकों का शोषण किया जा रहा है. ट्रिपल तलाक को लेकर उन्होंने कहा कि ट्रिपल तलाक के बहाने आवाम की महिलाओं को गुमराह किया जा रहा है. लव जिहाद कानून बनाकर जगह-जगह आवाम का शोषण किया जा रहा है, जिसकी खबरें हर दिन अखबार और सोशल मीडिया पर देखने को मिल रही हैं. सरकार भले ही हक में कानून बनाने की बात कह रही हो, लेकिन यह कानून अल्पसंख्यकों की आजादी और अधिकार का हनन करेगा.
सरकार ने हज हाउस का सपना नहीं किया पूरा
शकील अहमद ने कहा कि हमारी सरकार ने दो हज हाउस बनवाए. पूर्वांचल का भी एक हज हाउस वाराणसी में बनाने के लिए प्रयासरत हैं, लेकिन वर्तमान सरकार ने इस ओर ध्यान नहीं दिया. इसलिए सरकार से गुजारिश है कि वह वास्तविक रूप से अल्पसंख्यकों के बारे में सोचे. वरना अल्पसंख्यक समाज और पीछे कटता हुआ चला जाएगा. क्योंकि अल्पसंख्यक सिर्फ वोट बैंक नहीं होता, बल्कि वह समाज के विकास में अहम भूमिका निभाता है.
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