वाराणसी में गंगा घाट पर रेत कला वाराणसी: धर्म और अध्यात्म के शहर काशी में घाट उस पार रेत पर अलग ही नजारा देखने को मिला. सैकड़ों की संख्या में विभिन्न विश्वविद्यालय विद्यालय और स्कूल के छात्र छात्राओं ने 40 से ज्यादा आकृति रेत पर उकेरी. जिसमें मुख्य रूप से नेपाल प्लेन क्रैश, श्रद्धा हत्याकांड, पर्यावरण संरक्षण, भ्रूण हत्या, सोशल मीडिया, गौतम बुद्ध भगवान शिव का नटराज, भगवान शिव की हिमालय की आकृति, G20 और योग से जुड़ी आकृति के सात बाबा विश्वनाथ की आकृति भी रेत पर बनाई गई.
नेपाल प्लेन क्रैश,पर आकृति नेपाल प्लेन क्रैश को श्रद्धांजलि: रेत में आकृति की खोज 21वीं वार्षिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. राम छाटपार के 78वें जन्म दिवस के अवसर पर छाटपार शिल्प न्यास भारत द्वारा इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया. सुबह 8:00 बजे से लेकर शाम 4:00 बजे तक 200 से अधिक संख्या छात्र-छात्राओं ने आकृति उकेरी. कलाकारों ने मानवीय संवेदनाओं को सुंदरम अभिव्यक्त किया. मां गंगा के तट पर अनवरत विस्तृत जल के साथ कल-कल कर रही थी. घाट पर निकले बालू के टीले पर जब उत्कृष्ट कलाकृतियों का समागम हुआ तो हर कोई देख कर आश्चर्यचकित रहा.श्रद्धा मर्डर केस पर आकृति श्रद्धा मर्डर का दर्द:कृपाशं राय ने बताया कि रेत में आकृति खोज कार्यक्रम का आयोजन हुआ है, हम सब छात्र भी यहां पर हिस्सा लिए हैं. हमने जिस टॉपिक पर बनाया है, वह लव जिहाद का मामला है. जिसमें श्रद्धा नामक लड़की के बॉयफ्रेंड ने उसके 36 टुकड़े कर कर पूरे देश में हड़कंप मचा दिया था. हम अपने कलाकृति में इस घटना को बनाए हैं. ज्योति वर्मा ने बताया कि हम लोगों ने विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर रेत में आकृति बनाई है. जिसमें नेपाल प्लेन क्रैश हो या आजादी के अमृत महोत्सव हो और श्रद्धा भविष्य में इस तरह की घटना किसी और बेटी बहन के साथ ऐसा ना हो इसलिए आकृति बनाई गई.मदन लाल गुप्ता ने बताया पिछले 21 वर्षों से इस कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है. वाराणसी के विभिन्न कॉलेज विश्वविद्यालय के छात्र छात्राएं इसमें हिस्सा लेते हैं. इस बार भी 200 से अधिक छात्राएं 40 से अधिक आकृति रेत पर बना रहे हैं. जिसमें कई सामाजिक मुद्दे पर हैं और हमारे पड़ोसी देश में नेपाल पर जिस तरह की प्लेन क्रैश हुए उसकी आकृति भी बनाई गई है. छात्रों को एक मंच देने का प्रयास किया जाता है.
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