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IIT BHU के वैज्ञानिकों ने सोयाबीन प्रोटीन से बनाया मलहम, 15 दिनों में भरेगा घाव

आईआईटी बीएचयू के वैज्ञानिकों ने सोयाबीन प्रोटीन से प्राकृतिक उपचार के लिए मलहम बनाया गया है. यह महलम किसी भी घाव को 15 दिनों में भर देगा. इसके साथ ही इसके कई अन्य लाभ भी हैं.

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आईआईटी बीएचयू
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Published : Jul 20, 2022, 2:54 PM IST

वाराणसी: आईआईटी बीएचयू (IIT BHU) के वैज्ञानिकों ने एक अनोखा रिसर्च किया है. सोयाबीन के सोया प्रोटीन आइसोलेट्स से हाइड्रोजेल मलहम बनाया है. इसके प्रयोग से कटे-फटे जले त्वचा को जल्दी ठीक किया जा सकेगा. चूहों पर इनका प्रयोग सफल रहा है. सब कुछ बढ़िया रहा तो जल्द ही मानव शरीर के लिए भी इस पर रिसर्च किया जाएगा. इस मलहम से कोशिकाएं काफी तेजी से वृद्धि कर रही हैं. इतना ही नहीं इस मलहम के इस्तेमाल से अपने जैसे कोशिका समूह का निर्माण भी कर रहे हैं. परीक्षण करने पर ज्ञात वाक्य प्रक्रिया पूरी तरीके से प्राकृतिक है और इनमें कोई भी बाहरी तत्व या रसायन त्वचा प्रविष्ट नहीं हो रहा है.

जानकारी देते डॉक्टर संजीव महतो
डॉक्टर संजीव महतो ने बताया कि उनकी टीम ने एक उत्साहवर्धक रिसर्च किया है. सोया प्रोटीन आइसोलेट से दो फॉर्म बनाया गया है. इसमें हाइड्रोजन फ्रॉम डेवेलप किया गया है. मेलानोसाइट्स कीरोटीनोसाइड व फाइब्रोब्लास्ट (तीनो त्वचा के विभिन्न प्रकार की कोशिकाएं हैं) यह स्क्रीन के ग्रोथ के लिए काफी प्रमोट करता है. सबसे पहले हमने चूहों की स्किन पर इसका प्रयोग किया. यह दोनों फॉर्म बिल्कुल कारगर साबित हुआ. साधारण शब्दों में इसे एक मलहम की तरह प्रयोग किया जा सकता है और दूसरा कॉटन की तरह है. प्रोफेसर महतो ने बताया कि यह प्रयोग अमेरिकन केमिकल सोसायटी के प्रतिष्ठित जनरल अप्लाइड मैटेरियल्स एंड इंटरफ़ेसेज इंटरनेशनल जनरल ऑफ बायोकेमिकल माइक्रोमिलियंस में प्रकाशित हो चुका है.
नीलिमा बासनी ने बताया कि इस रिसर्च को करने में पूरे 5 साल का समय लगा है. हमने दो प्रोडक्ट बनाए हैं. एक प्रोडक्ट को बनाने में 2 साल का समय लगा है. रिजल्ट बहुत ही अच्छा आया है. हम इस प्रोडक्ट को यूज करते हैं. एनिमल्स में इसका इस्तेमाल चूहों पर किया है. आगे बड़े एनिमल्स पर भी इसका टेस्ट किया जाएगा. हीलिंग रेट हमारी बॉडी को बहुत ही तेज कर देता है. अगर किसी घाव को भरने के लिए अन्य मेडिकल 20 दिन लगते हैं तो यह 15 दिन के अंदर उस घाव को भर देगा. एनिमल्स की त्वचा को यह किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचा रहा है. साथ ही घावों को जल्द भर दे रहा है.

वाराणसी: आईआईटी बीएचयू (IIT BHU) के वैज्ञानिकों ने एक अनोखा रिसर्च किया है. सोयाबीन के सोया प्रोटीन आइसोलेट्स से हाइड्रोजेल मलहम बनाया है. इसके प्रयोग से कटे-फटे जले त्वचा को जल्दी ठीक किया जा सकेगा. चूहों पर इनका प्रयोग सफल रहा है. सब कुछ बढ़िया रहा तो जल्द ही मानव शरीर के लिए भी इस पर रिसर्च किया जाएगा. इस मलहम से कोशिकाएं काफी तेजी से वृद्धि कर रही हैं. इतना ही नहीं इस मलहम के इस्तेमाल से अपने जैसे कोशिका समूह का निर्माण भी कर रहे हैं. परीक्षण करने पर ज्ञात वाक्य प्रक्रिया पूरी तरीके से प्राकृतिक है और इनमें कोई भी बाहरी तत्व या रसायन त्वचा प्रविष्ट नहीं हो रहा है.

जानकारी देते डॉक्टर संजीव महतो
डॉक्टर संजीव महतो ने बताया कि उनकी टीम ने एक उत्साहवर्धक रिसर्च किया है. सोया प्रोटीन आइसोलेट से दो फॉर्म बनाया गया है. इसमें हाइड्रोजन फ्रॉम डेवेलप किया गया है. मेलानोसाइट्स कीरोटीनोसाइड व फाइब्रोब्लास्ट (तीनो त्वचा के विभिन्न प्रकार की कोशिकाएं हैं) यह स्क्रीन के ग्रोथ के लिए काफी प्रमोट करता है. सबसे पहले हमने चूहों की स्किन पर इसका प्रयोग किया. यह दोनों फॉर्म बिल्कुल कारगर साबित हुआ. साधारण शब्दों में इसे एक मलहम की तरह प्रयोग किया जा सकता है और दूसरा कॉटन की तरह है. प्रोफेसर महतो ने बताया कि यह प्रयोग अमेरिकन केमिकल सोसायटी के प्रतिष्ठित जनरल अप्लाइड मैटेरियल्स एंड इंटरफ़ेसेज इंटरनेशनल जनरल ऑफ बायोकेमिकल माइक्रोमिलियंस में प्रकाशित हो चुका है.
नीलिमा बासनी ने बताया कि इस रिसर्च को करने में पूरे 5 साल का समय लगा है. हमने दो प्रोडक्ट बनाए हैं. एक प्रोडक्ट को बनाने में 2 साल का समय लगा है. रिजल्ट बहुत ही अच्छा आया है. हम इस प्रोडक्ट को यूज करते हैं. एनिमल्स में इसका इस्तेमाल चूहों पर किया है. आगे बड़े एनिमल्स पर भी इसका टेस्ट किया जाएगा. हीलिंग रेट हमारी बॉडी को बहुत ही तेज कर देता है. अगर किसी घाव को भरने के लिए अन्य मेडिकल 20 दिन लगते हैं तो यह 15 दिन के अंदर उस घाव को भर देगा. एनिमल्स की त्वचा को यह किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचा रहा है. साथ ही घावों को जल्द भर दे रहा है.
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