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सेहरा बांध के डीएम तक पहुंचे संतोष मूरत सिंह, बोले- अभी मैं जिंदा हूं - वाराणसी ताजा समाचार

वाराणसी के संतोष सिंह वर्षों से अपने जिंदा होने की लड़ाई लड़ रहे हैं. संतोष मूरत सिंह अपने हाथों में 'मैं जिंदा हूं' का बैनर और दूल्हे के वेश में सेहरा पहनकर डीएम कौशल राज शर्मा से मिलने पहुंचे.

संतोष मूरत सिंह
संतोष मूरत सिंह
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Published : Jan 10, 2022, 9:05 PM IST

वाराणसी: काशी के चौबेपुर निवासी संतोष मूरत सिंह अपनी असल जिंदगी में मूरत बन गये हैं और कागज पर मृत घोषित हो चुके हैं. वाराणसी के राइफल क्लब में संतोष मूरत सिंह अपने हाथों में 'मैं जिंदा हूं' का बैनर और दूल्हे के वेश में सेहरा पहनकर डीएम कौशल राज शर्मा से मिलने पहुंचे. उन्होंने रायफल क्लब के बाहर खड़े होकर शादी कराने के गाने गाये साथ ही डीएम से आग्रह किया कि मेरी शादी करा दें.

संतोष मूरत सिंह ने कहा कि पिछले 20 वर्षों से वह अपने आपको जिंदा करने की तमाम जद्दोजहद कर रहे हैं. आज वह जिलाधिकारी के यहां प्रार्थना पत्र देने आए थे कि उनकी शादी करवा दी जाए. वह प्रार्थी बनकर कई सालों से प्रार्थना पत्र दे रहे हैं, कोई सुनवाई नहीं की जा रही है. संतोष मूरत सिंह ने कहा कि अब वह प्रार्थी से प्रत्याशी का सफर तय करेंगे और निर्दल चुनाव लड़ेंगे. उन्होंने बताया कि डीएम को ज्ञापन के जरिए रिकार्ड में जिंदा करने के लिए कहा है, जिससे उनके अधिकार उन्हें वापस मिलें. संतोष ने कहा अगर डीएम साहब मेरी शादी करा दें तो मेरे पास जिंदा होने का एक प्रूफ हो जाएगा, क्योंकि शादी तो जिंदा आदमी की होती है.

वाराणसी: काशी के चौबेपुर निवासी संतोष मूरत सिंह अपनी असल जिंदगी में मूरत बन गये हैं और कागज पर मृत घोषित हो चुके हैं. वाराणसी के राइफल क्लब में संतोष मूरत सिंह अपने हाथों में 'मैं जिंदा हूं' का बैनर और दूल्हे के वेश में सेहरा पहनकर डीएम कौशल राज शर्मा से मिलने पहुंचे. उन्होंने रायफल क्लब के बाहर खड़े होकर शादी कराने के गाने गाये साथ ही डीएम से आग्रह किया कि मेरी शादी करा दें.

संतोष मूरत सिंह ने कहा कि पिछले 20 वर्षों से वह अपने आपको जिंदा करने की तमाम जद्दोजहद कर रहे हैं. आज वह जिलाधिकारी के यहां प्रार्थना पत्र देने आए थे कि उनकी शादी करवा दी जाए. वह प्रार्थी बनकर कई सालों से प्रार्थना पत्र दे रहे हैं, कोई सुनवाई नहीं की जा रही है. संतोष मूरत सिंह ने कहा कि अब वह प्रार्थी से प्रत्याशी का सफर तय करेंगे और निर्दल चुनाव लड़ेंगे. उन्होंने बताया कि डीएम को ज्ञापन के जरिए रिकार्ड में जिंदा करने के लिए कहा है, जिससे उनके अधिकार उन्हें वापस मिलें. संतोष ने कहा अगर डीएम साहब मेरी शादी करा दें तो मेरे पास जिंदा होने का एक प्रूफ हो जाएगा, क्योंकि शादी तो जिंदा आदमी की होती है.

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