ETV Bharat / state

वाराणसी का ऐसा मदरसा, जहां मुस्लिम बच्चों को पढ़ाई जाती है संस्कृत

वाराणसी का ऐसा मदरसा, जहां मुस्लिम बच्चों को उर्दू के साथ-साथ संस्कृत की शिक्षा (study of Sanskrit in Madrasa) दी जाती है. इस मदरसे का नाम है खानम जानम मदरसा (Khanum Janam Madrasa varanasi). आइए जानते है इस मदरसे के बारे में...

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By

Published : Oct 6, 2022, 10:57 PM IST

वाराणसी: मदसरे का जिक्र आते ही आपके मन मस्तिष्क में उर्दू भाषा को लेकर बाते उठती होंगी. लेकिन, आज हम आपको एक ऐसे मदरसे की व्यवस्था दिखाने जा रहे हैं, जहां उर्दू जितनी शिद्दत से पढ़ाई जाती है, उतनी ही शिद्दत से संस्कृत की भी शिक्षा (study of Sanskrit in Madrasa) दी जाती है. यहां मुस्लिम बच्चे उर्दू के साथ-साथ संस्कृत की भी तालीम लेते हैं.

वाराणसी के अर्दली बाजार इलाके में खानम जानम मदरसा (Khanum Janam Madrasa varanasi) मौजूद है, जहां पर उर्दू के साथ-साथ बच्चों को संस्कृत भी पढ़ाई जाती है. संस्कृत पढ़ाने के लिए बकायदा बाहर से संस्कृत टीचर को भी बुलाया गया है, जो हर क्लास में बच्चों को संस्कृत की शिक्षा प्रदान करती है. यहां के मुस्लिम छात्र-छात्राओं में संस्कृत भाषा की किताब, श्लोक को पढ़ने और याद करने की खासा उत्सुकता भी दिखाई दे रही है.

इस बारे में मदरसे में संस्कृत पढ़ाने वाली शिक्षिका बताती हैं कि यह मदरसा शहर के अन्य मदरसों की अपेक्षा बिल्कुल अलग है. यहां पर बच्चों को हर तरीके का ज्ञान दिया जाता है. यहां संस्कृत की शिक्षा भी दी जाती है. संस्कृत में श्लोक का पाठ पढ़ाया जाता है. उन्होंने बताया कि मुस्लिम बच्चों को पढ़ाना थोड़ा सा मुश्किल जरूर होता है. क्योंकि वह बचपन में उर्दू की तालीम लिए हुए हैं. लेकिन, यदि उनके ईश्वर, उनकी तालीम से संस्कृत को जोड़ करके पढ़ाते हैं, तो बच्चे बेहद जल्दी और आसानी से सीख जाते है.

मदरसे में संस्कृत की पढ़ाई करते बच्चे

यहां शिक्षा ग्रहण करने वाले बच्चे भी संस्कृत को लेकर के खासा उत्साहित हैं. घर में जहां वो उर्दू की शिक्षा ग्रहण करते हैं, तो वहीं स्कूल में संस्कृत के श्लोक और उनके अर्थ में भी उनकी उत्सुकता दिखाई देती है. वह बकायदा श्लोक पढ़ करके उसको समझ भी रहे हैं. संस्कृत पढ़ने वाली छात्रा ने बताया कि संस्कृत भाषा उन्हें खासा पसंद आ रही है और उन्हें पढ़ने में आनंद भी आ रहा है.

धर्म से बड़ी है शिक्षा

मदरसे के प्रधानाचार्य बताते हैं कि हमारे लिए शिक्षा किसी भी धर्म से बड़ी है और यही हमारे काशी की संस्कृति भी है. हमारे मदरसे में हर वर्ग के बच्चे को हर तरीके की शिक्षा दी जाती है. यहां पर कोई बाध्यता नहीं है कि आप मदरसे में पढ़ रहे हैं तो आपको उर्दू, अरबी, फारसी में ही पढ़ना है. हमारे यहां संस्कृत में भी बच्चों को पढ़ाया जाता है और हमें इस बात की प्रसन्नता है कि हमारे बच्चे अंग्रेजी, हिंदी, संस्कृत और उर्दू सभी सभी भाषाओं को जानते हैं.

यह भी पढ़ें: वाराणसी में खुला खादी का शोरूम, पूर्वांचल के कारीगरों को मिलेगा सुनहरा अवसर

वाराणसी: मदसरे का जिक्र आते ही आपके मन मस्तिष्क में उर्दू भाषा को लेकर बाते उठती होंगी. लेकिन, आज हम आपको एक ऐसे मदरसे की व्यवस्था दिखाने जा रहे हैं, जहां उर्दू जितनी शिद्दत से पढ़ाई जाती है, उतनी ही शिद्दत से संस्कृत की भी शिक्षा (study of Sanskrit in Madrasa) दी जाती है. यहां मुस्लिम बच्चे उर्दू के साथ-साथ संस्कृत की भी तालीम लेते हैं.

वाराणसी के अर्दली बाजार इलाके में खानम जानम मदरसा (Khanum Janam Madrasa varanasi) मौजूद है, जहां पर उर्दू के साथ-साथ बच्चों को संस्कृत भी पढ़ाई जाती है. संस्कृत पढ़ाने के लिए बकायदा बाहर से संस्कृत टीचर को भी बुलाया गया है, जो हर क्लास में बच्चों को संस्कृत की शिक्षा प्रदान करती है. यहां के मुस्लिम छात्र-छात्राओं में संस्कृत भाषा की किताब, श्लोक को पढ़ने और याद करने की खासा उत्सुकता भी दिखाई दे रही है.

इस बारे में मदरसे में संस्कृत पढ़ाने वाली शिक्षिका बताती हैं कि यह मदरसा शहर के अन्य मदरसों की अपेक्षा बिल्कुल अलग है. यहां पर बच्चों को हर तरीके का ज्ञान दिया जाता है. यहां संस्कृत की शिक्षा भी दी जाती है. संस्कृत में श्लोक का पाठ पढ़ाया जाता है. उन्होंने बताया कि मुस्लिम बच्चों को पढ़ाना थोड़ा सा मुश्किल जरूर होता है. क्योंकि वह बचपन में उर्दू की तालीम लिए हुए हैं. लेकिन, यदि उनके ईश्वर, उनकी तालीम से संस्कृत को जोड़ करके पढ़ाते हैं, तो बच्चे बेहद जल्दी और आसानी से सीख जाते है.

मदरसे में संस्कृत की पढ़ाई करते बच्चे

यहां शिक्षा ग्रहण करने वाले बच्चे भी संस्कृत को लेकर के खासा उत्साहित हैं. घर में जहां वो उर्दू की शिक्षा ग्रहण करते हैं, तो वहीं स्कूल में संस्कृत के श्लोक और उनके अर्थ में भी उनकी उत्सुकता दिखाई देती है. वह बकायदा श्लोक पढ़ करके उसको समझ भी रहे हैं. संस्कृत पढ़ने वाली छात्रा ने बताया कि संस्कृत भाषा उन्हें खासा पसंद आ रही है और उन्हें पढ़ने में आनंद भी आ रहा है.

धर्म से बड़ी है शिक्षा

मदरसे के प्रधानाचार्य बताते हैं कि हमारे लिए शिक्षा किसी भी धर्म से बड़ी है और यही हमारे काशी की संस्कृति भी है. हमारे मदरसे में हर वर्ग के बच्चे को हर तरीके की शिक्षा दी जाती है. यहां पर कोई बाध्यता नहीं है कि आप मदरसे में पढ़ रहे हैं तो आपको उर्दू, अरबी, फारसी में ही पढ़ना है. हमारे यहां संस्कृत में भी बच्चों को पढ़ाया जाता है और हमें इस बात की प्रसन्नता है कि हमारे बच्चे अंग्रेजी, हिंदी, संस्कृत और उर्दू सभी सभी भाषाओं को जानते हैं.

यह भी पढ़ें: वाराणसी में खुला खादी का शोरूम, पूर्वांचल के कारीगरों को मिलेगा सुनहरा अवसर

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.