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वाराणसी: 183 दिन बाद खुला बाबा संकटमोचन का दरबार

वाराणसी के प्रसिद्ध संकटमोचन हनुमान मंदिर में भक्त अब दर्शन कर सकेंगे. कुल 183 दिनों बाद आज से मंदिर के कपाट को खोल दिए गए. इस दौरान मंदिर प्रांगण में कोरोना प्रोटोकॉल का पालन किया गया.

भक्तों के लिए खुले कपाट.
भक्तों के लिए खुले कपाट.
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Published : Sep 20, 2020, 12:41 PM IST

वाराणसी: धर्म और अध्यात्म की नगरी काशी में कोरोना के चलते 20 मार्च 2020 को संकटमोचन मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए थे. रविवार को 183 दिनों बाद बाबा के दरबार को भक्तों के लिए खोला गया. आज दर्शन करने पहुंचे भक्तों का कहना है कि बाबा की कृपा से कोरोना जल्द ही खत्म होगा.

बाबा के दर्शन के लिए मंदिर के कपाट को सुबह 6 से 10:30 बजे तक और शाम को 3 से 7:30 बजे तक खुला रखा जाएगा. इस नियमित समय में ही भक्त आकर दर्शन कर सकेंगे. इस दौरान कोरोना प्रोटोकॉल का भी खासा ध्यान रखा जाएगा. सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए ही मंदिर में प्रवेश की अनुमति मिलेगी.

भक्तों के लिए खुले कपाट.

मंदिर में प्रवेश करने से पहले श्रद्धालुओं के हाथ सैनिटाइज करवाए जा रहे हैं. उसके बाद थर्मल स्क्रीनिंग कराई जा रही है. टनल के माध्यम से लोग मंदिर में प्रवेश कर रहे हैं. मंदिर में भी जगह-जगह बैरिकेडिंग की गई है. बाबा के दर्शन के बाद मंदिर परिसर में कहीं और स्थान पर रुकने की अनुमति नहीं है.

बता दें कि विश्व प्रसिद्ध संकटमोचन मंदिर उस समय चर्चा में आया, जब 7 मार्च 2006 को मंदिर पर बम विस्फोट हुआ. इस विस्फोट में कई लोगों की जान चली गई. उसी समय से मंदिर में सुरक्षा बढ़ा दी गई. मंदिर में किसी भी तरह का मोबाइल, कैमरा, बैग इत्यादि को अपने साथ लेकर जाना वर्जित है.

संकटमोचन मंदिर की स्थापना स्वयं तुलसीदास जी ने की है. यहां पर सिर्फ देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी लोग बाबा के दर्शन के लिए आते हैं. दुनिया भर के लोगों की मान्यता है कि संकटमोटन मंदिर में दर्शन मात्र से ही हर प्रकार के संकट का हरण होता है. दर्शनार्थी अभय प्रताप चतुर्वेदी ने बताया कि बहुत दिनों बाद बाबा के दर्शन करके मन प्रफुल्लित हो गया. मंदिर प्रांगण बिल्कुल पूरी तरह बदल गया है. बाबा की कृपा से कोरोना वायरस खत्म हो जाएगा.

वाराणसी: धर्म और अध्यात्म की नगरी काशी में कोरोना के चलते 20 मार्च 2020 को संकटमोचन मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए थे. रविवार को 183 दिनों बाद बाबा के दरबार को भक्तों के लिए खोला गया. आज दर्शन करने पहुंचे भक्तों का कहना है कि बाबा की कृपा से कोरोना जल्द ही खत्म होगा.

बाबा के दर्शन के लिए मंदिर के कपाट को सुबह 6 से 10:30 बजे तक और शाम को 3 से 7:30 बजे तक खुला रखा जाएगा. इस नियमित समय में ही भक्त आकर दर्शन कर सकेंगे. इस दौरान कोरोना प्रोटोकॉल का भी खासा ध्यान रखा जाएगा. सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए ही मंदिर में प्रवेश की अनुमति मिलेगी.

भक्तों के लिए खुले कपाट.

मंदिर में प्रवेश करने से पहले श्रद्धालुओं के हाथ सैनिटाइज करवाए जा रहे हैं. उसके बाद थर्मल स्क्रीनिंग कराई जा रही है. टनल के माध्यम से लोग मंदिर में प्रवेश कर रहे हैं. मंदिर में भी जगह-जगह बैरिकेडिंग की गई है. बाबा के दर्शन के बाद मंदिर परिसर में कहीं और स्थान पर रुकने की अनुमति नहीं है.

बता दें कि विश्व प्रसिद्ध संकटमोचन मंदिर उस समय चर्चा में आया, जब 7 मार्च 2006 को मंदिर पर बम विस्फोट हुआ. इस विस्फोट में कई लोगों की जान चली गई. उसी समय से मंदिर में सुरक्षा बढ़ा दी गई. मंदिर में किसी भी तरह का मोबाइल, कैमरा, बैग इत्यादि को अपने साथ लेकर जाना वर्जित है.

संकटमोचन मंदिर की स्थापना स्वयं तुलसीदास जी ने की है. यहां पर सिर्फ देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी लोग बाबा के दर्शन के लिए आते हैं. दुनिया भर के लोगों की मान्यता है कि संकटमोटन मंदिर में दर्शन मात्र से ही हर प्रकार के संकट का हरण होता है. दर्शनार्थी अभय प्रताप चतुर्वेदी ने बताया कि बहुत दिनों बाद बाबा के दर्शन करके मन प्रफुल्लित हो गया. मंदिर प्रांगण बिल्कुल पूरी तरह बदल गया है. बाबा की कृपा से कोरोना वायरस खत्म हो जाएगा.

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