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वाराणसी: संकट मोचन डिजिटल संगीत समारोह 2020 हुआ संपन्न

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Published : Apr 19, 2020, 7:15 PM IST

उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में आयोजित संकट मोचन डिजिटल संगीत समारोह 2020 का रविवार को संपन्न हुआ. सातवीं एवं अंतिम निशा का शुभारंभ वंशी वादन से किया गया था.

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डिजिटल प्लेटफार्म पर समाप्त हुआ संकट मोचन संगीत समारोह.

वाराणसी: जिले में शनिवार को संकट मोचन डिजिटल संगीत समारोह 2020 सातवीं एवं अंतिम निशा का शुभारंभ वंशी वादन के साथ संपन्न हुआ. रविवार की पहली प्रस्तुति वंशी वादन से की गई. इस दौरान चेन्नई से पंडित शशांक सुब्रमण्यम जुड़े एवं कर्नाटक शैली में उन्होंने वंशी वादन के माध्यम से बजरंग बली के चरणों में हाजिरी लगाई.

डिजिटल प्लेटफार्म पर संपन्न हुआ संकट मोचन संगीत समारोह.

कोलकाता से पंडित प्रद्युत मुखर्जी स्वतंत्र तबला वादन के साथ जुड़े. विश्व भर में ताल वाद्य के माध्यम से अपनी विशेष पहचान रखने वाले प्रद्युत मुखर्जी ने अब तक 60 से भी अधिक एलबम्स में संगीत निर्देशन किया है. कोलकाता से पंडित प्रद्युत मुखर्जी स्वतंत्र तबला वादन के साथ जुड़े. विश्व भर में ताल वाद्य के माध्यम से अपनी विशेष पहचान रखने वाले प्रद्युत मुखर्जी ने अब तक 60 से भी अधिक एलबम्स में संगीत निर्देशन अगली प्रस्तुति संतूर वादन की रही.

मुंबई से सुप्रसिद्ध संतूर वादक कलाकार पद्मश्री पंडित सतीश व्यास भी इस आयोजन में भाग लिया. उन्होंने राग चारुकेशी की अवतारणा की. विख्यात कलाकार ड्रमिंग सेंसेशन के नाम से लोकप्रिय कलाकार पद्मश्री से सम्मानित पंडित शिवमणि ने चेन्नई से अपनी प्रस्तुति दी. उनके साथ प्रसिद्ध मंडोलिन वादक यू राजेश भी अपनी हाजिरी के माध्यम से हनुमत वंदन करने के लिए जुड़े. सभी श्रोता एवं दर्शक उनके साथ ताल और लय मिलाते हुए संगीत का आनंद लेते दिखे.

मेवाती घराने के प्रख्यात कलाकार पंडित सुमन घोष ह्यूस्टन से इस कार्यक्रम में जुड़े. उन्होंने राग श गाकर सुनाया तत्पश्चात् अपने गुरु पंडित जसराज जी की रचना "हनुमान लला मेरे प्यारे लला" गाकर संकट मोचन जी की आराधना की. संकट मोचन महाराज के अनन्य भक्त, भजन सम्राट पद्मश्री पंडित अनूप जलोटा मुंबई से भजनों की प्रस्तुति हेतु जुड़े. 'मेरे मन में राम...ऐसी लागी लगन' जैसे कई भजन गाकर उन्होंने हाजिरी लगाई. तत्पश्चात् चेन्नई से ऊर्जावान मृदंगम वादक कलाकार पंडित पटरी सतीश साथ जुड़े एवं मृदंगम वादन के माध्यम से उन्होंने तालांजलि अर्पित की.

वाराणसी: जिले में शनिवार को संकट मोचन डिजिटल संगीत समारोह 2020 सातवीं एवं अंतिम निशा का शुभारंभ वंशी वादन के साथ संपन्न हुआ. रविवार की पहली प्रस्तुति वंशी वादन से की गई. इस दौरान चेन्नई से पंडित शशांक सुब्रमण्यम जुड़े एवं कर्नाटक शैली में उन्होंने वंशी वादन के माध्यम से बजरंग बली के चरणों में हाजिरी लगाई.

डिजिटल प्लेटफार्म पर संपन्न हुआ संकट मोचन संगीत समारोह.

कोलकाता से पंडित प्रद्युत मुखर्जी स्वतंत्र तबला वादन के साथ जुड़े. विश्व भर में ताल वाद्य के माध्यम से अपनी विशेष पहचान रखने वाले प्रद्युत मुखर्जी ने अब तक 60 से भी अधिक एलबम्स में संगीत निर्देशन किया है. कोलकाता से पंडित प्रद्युत मुखर्जी स्वतंत्र तबला वादन के साथ जुड़े. विश्व भर में ताल वाद्य के माध्यम से अपनी विशेष पहचान रखने वाले प्रद्युत मुखर्जी ने अब तक 60 से भी अधिक एलबम्स में संगीत निर्देशन अगली प्रस्तुति संतूर वादन की रही.

मुंबई से सुप्रसिद्ध संतूर वादक कलाकार पद्मश्री पंडित सतीश व्यास भी इस आयोजन में भाग लिया. उन्होंने राग चारुकेशी की अवतारणा की. विख्यात कलाकार ड्रमिंग सेंसेशन के नाम से लोकप्रिय कलाकार पद्मश्री से सम्मानित पंडित शिवमणि ने चेन्नई से अपनी प्रस्तुति दी. उनके साथ प्रसिद्ध मंडोलिन वादक यू राजेश भी अपनी हाजिरी के माध्यम से हनुमत वंदन करने के लिए जुड़े. सभी श्रोता एवं दर्शक उनके साथ ताल और लय मिलाते हुए संगीत का आनंद लेते दिखे.

मेवाती घराने के प्रख्यात कलाकार पंडित सुमन घोष ह्यूस्टन से इस कार्यक्रम में जुड़े. उन्होंने राग श गाकर सुनाया तत्पश्चात् अपने गुरु पंडित जसराज जी की रचना "हनुमान लला मेरे प्यारे लला" गाकर संकट मोचन जी की आराधना की. संकट मोचन महाराज के अनन्य भक्त, भजन सम्राट पद्मश्री पंडित अनूप जलोटा मुंबई से भजनों की प्रस्तुति हेतु जुड़े. 'मेरे मन में राम...ऐसी लागी लगन' जैसे कई भजन गाकर उन्होंने हाजिरी लगाई. तत्पश्चात् चेन्नई से ऊर्जावान मृदंगम वादक कलाकार पंडित पटरी सतीश साथ जुड़े एवं मृदंगम वादन के माध्यम से उन्होंने तालांजलि अर्पित की.

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