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वाराणसी: रूहानी सिस्टर्स ने सूफियाना अंदाज ने मोहा लोगों का मन - रूहानी सिस्टर्स

उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित महमूरगंज क्षेत्र में सूफी गायन का कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया. आयोजित कार्यक्रम में रूहानी सिस्टर्स के सूफी गानों को सुनकर दर्शक झूम उठे.

रूहानी बहनों ने सूफी गानों को बांधा समा.
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Published : Sep 2, 2019, 7:39 AM IST

वाराणसी: बनारस धर्म और संस्कृति के साथ ही कलाकारों का भी शहर है. इसी वजह से यह शहर कलाकारों के लिए प्रेम भी रखता है. जिले के महमूरगंज क्षेत्र के एक लॉन में सूफी गायन को प्रस्तुत करते हुए रविवार को रूहानी सिस्टर्स ने अपने गानों से समां बांध दिया, जिसे सुनकर दर्शकों के दिल से सिर्फ वाहवाही ही निकलती रही.

रूहानी बहनों ने सूफी गानों को बांधा समा.

इसे भी पढ़ें- वाराणसी: मां कुष्मांडा के दरबार में चौथे दिन भी कलाकारों ने बांधा समां

रूहानी सिस्टर्स ने प्रस्तुति करते हुए सूफी गाना 'जोगिया'.... और उसके बाद जैसे ही 'भर दो झोली गाया'... लोगों ने तालियां बजाकर दोनों का अभिवादन स्वीकार किया. रूहानी सिस्टर्स डॉक्टर जागृति प्रसन्ना और डॉक्टर नीता पांडेय की शानदार प्रस्तुति से लोग इस दौरान बेहद खुश दिखे.

कला प्रकाश ऐसे विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करता है. आज हम लोगों ने विश्व भर में अपना नाम ऊंचा कर चुकी बनारस घराने से ताल्लुक रखने वाली रूहानी सिस्टर्स का सूफी गायन सुना. प्राचीन परंपरा अपने आप में बेहद ही शानदार है और आज इस कार्यक्रम को देखकर सूफी गायन के प्रति हमारा लगाव और बढ़ गया है.
-प्रदीप, सदस्य, कला प्रकाश

वाराणसी: बनारस धर्म और संस्कृति के साथ ही कलाकारों का भी शहर है. इसी वजह से यह शहर कलाकारों के लिए प्रेम भी रखता है. जिले के महमूरगंज क्षेत्र के एक लॉन में सूफी गायन को प्रस्तुत करते हुए रविवार को रूहानी सिस्टर्स ने अपने गानों से समां बांध दिया, जिसे सुनकर दर्शकों के दिल से सिर्फ वाहवाही ही निकलती रही.

रूहानी बहनों ने सूफी गानों को बांधा समा.

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रूहानी सिस्टर्स ने प्रस्तुति करते हुए सूफी गाना 'जोगिया'.... और उसके बाद जैसे ही 'भर दो झोली गाया'... लोगों ने तालियां बजाकर दोनों का अभिवादन स्वीकार किया. रूहानी सिस्टर्स डॉक्टर जागृति प्रसन्ना और डॉक्टर नीता पांडेय की शानदार प्रस्तुति से लोग इस दौरान बेहद खुश दिखे.

कला प्रकाश ऐसे विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करता है. आज हम लोगों ने विश्व भर में अपना नाम ऊंचा कर चुकी बनारस घराने से ताल्लुक रखने वाली रूहानी सिस्टर्स का सूफी गायन सुना. प्राचीन परंपरा अपने आप में बेहद ही शानदार है और आज इस कार्यक्रम को देखकर सूफी गायन के प्रति हमारा लगाव और बढ़ गया है.
-प्रदीप, सदस्य, कला प्रकाश

Intro:बनारस धर्म और संस्कृति के साथ कलाकारों का भी शहर है। यह शहर कलाकारों के लिए तथा प्रेम भी रखता है अगर हम कलाकारों की बात करें तो यहां से उस्ताद बिस्मिल्लाह खान जैसे भारत रत्न और न जाने कितने कलाकार उभरे जिन्होंने विश्व पटल पर अपनी अलग पहचान बनाई।

ऐसे में हम बात करें तो पूरे विश्व में आज सूफी गानों का अलग ही माहौल बन चुका है और सूफी गानों के इस महफिल को दुनिया में रूहानी सिस्टर्स खूब आगे बढ़ा रही हैं। वाराणसी के महमूरगंज क्षेत्र एक लोन में सूफी गायन को प्रस्तुत करते हुए आज रूहानी सिस्टर्स ने अपने गानों से समा बांध दिया जिसको सुनकर दर्शकों के दिल से सिर्फ वाहवाही निकली।


Body:रूहानी सिस्टर्स ने अपनी प्रस्तुति करते हुए सूफी गाना 'जोगिया....' उसके बाद जैसे ही 'भर दो झोली गाया... लोग तालियां बजाकर दोनों का अभिवादन स्वीकार किया. रूहानी सिस्टर्स डॉक्टर जागृति प्रसन्ना और डॉक्टर नीता पांडे की शानदार प्रस्तुति से लोग बेहद खुश दिखे और खुद को सूफी ऐसे इस पुराने परंपरा को अपने बीच पाकर काफी गदगद नजर आए।




Conclusion:कला प्रकाश के सदस्य प्रदीप ने बताया की कला प्रकाश ऐसे विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करता है आज हम लोग विश्व भर में अपना नाम ऊंचा कर चुकी बनारस घराने से ताल्लुकात रखने वाली रूहानी सिस्टर्स का सूफी गायन सुना वाकई हम बता दें कि प्राचीन परंपरा अपने आप में एक बेहद ही शानदार है और आज इस कार्यक्रम को देखकर सूफी गायन के प्रति हमारा लगाओ और बड़ा है।

बाईट:--सदस्य प्रदीप,कला प्रकाश

आशुतोष उपध्याय

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