वाराणसी: उत्तराखंड समेत पहाड़ों पर हो रही बारिश की वजह से नदियां तूफान पर है. मैदानी इलाकों पर इस बरसात का असर ज्यादा देखने को मिल रहा है. वाराणसी समेत गंगा के तटीय इलाकों में गंगा के जलस्तर में तेजी से हो रही बढ़ोतरी की वजह से आम जनमानस परेशान है. एक तरफ जहां सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए लोग जगह तलाश रहे हैं, तो वहीं प्रशासन भी तैयारी में जुट गया है. वाराणसी में हर बार गंगा में होने वाली बढ़ोतरी दोहरी स्तर से पड़ती है, क्योंकि एक तरफ जहां गंगा का पानी तेजी से ऊपर चढ़ता है, तो वहीं दूसरी ओर गंगा की सहायक नदी वरुण भी तबाही मचाती है. दोनों नदियां एक साथ तूफान पर होने की वजह से बनारस की बड़ी आबादी को प्रभावित करती हैं और इस बार भी इन दोनों नदियों के बढ़ने का सिलसिला जारी है. जिसके बाद लोग अब सुरक्षित ठिकानों पर जाने की तैयारी कर रहे हैं और प्रशासन ने भी इसको लेकर तैयारी शुरू कर दी है.
वाराणसी के गंगा से सटे तटीय इलाकों में इन दिनों काफी दहशत की स्थिति देखी जा रही है. चौबेपुर और उसके नजदीक के इलाकों में लोग पूरी तरह से अलर्ट पर है, क्योंकि गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. केंद्रीय जल आयोग की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों में आज सुबह 8:00 बजे तक गंगा का जलस्तर वाराणसी में 66.74 मीटर पर दर्ज किया गया है, जो वार्निंग लेवल 70.26 से 3.52 मीटर दूर है. वर्तमान में गंगा के जलस्तर में आज सुबह से बढ़ाने घटना का सिलसिला लगातार जारी है. परसों रात तक गंगा के जलस्तर में 5 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ोतरी हो रही थी. जिसकी वजह से गंगा पूरी तरह से फर्श पर पहुंच चुकी है और मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाट पर होने वाले शव दाह छत पर और गलियों में संपन्न कराए जा रहे हैं.
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गंगा घाटों के पूरी तरह पानी में डूबने के बाद गंगा घाटों का संपर्क एक दूसरे से पूरी तरह से टूट चुका है. गंगा में नौका संचालन पर भी पूरी तरह से रोक लगाई जा चुकी है. गंगा में हो रही बढ़ोतरी के अलावा उसकी सहायक नदी वरुणा भी अपना रौद्र रूप दिखाने को पूरी तरह से तैयार है. वरुणा से सटे इलाके सरैया, पुराना पुल, पुलकोहना समेत तमाम इलाकों में रहने वाले लोग सुरक्षित स्थान की तलाश में जुट गए हैं. हजारों की संख्या में वरुणा से सटे इलाकों में लोगों ने अपने घर बना लिए हैं जो हर साल मुसीबत में पड़ते हैं. इस बार भी स्थिति कुछ ऐसी ही दिखाई दे रही है.
वाराणसी प्रशासन और वाराणसी नगर निगम इन लोगों को सुरक्षित स्थानों तक ले जाने की तैयारी कर रहा है. नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एनपी सिंह ने बताया कि गंगा और यमुना में बाढ़ को लेकर विशेष तैयारियां की गई है. बनारस में 27 बार चौकियां बनाई गई है, जहां पर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को सुरक्षित रखने की तैयारी की जा रही है. इसके अलावा यहां साफ-सफाई खाने-पीने के प्रबंध के अतिरिक्त अन्य तैयारियां भी की जाएगी. फिलहाल, जलस्तर को लेकर लगातार निगरानी की जा रही है. ताकि किसी भी समय सुरक्षित स्थानों पर यहां फंसे लोगों को पहुंचाया जा सके.
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