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ट्रेजरी अधिकारी बन पुलिस पेंशनरों के खाते से करोड़ों रुपए निकालने वाले गैंग का खुलासा

वाराणसी पुलिस ने ट्रेजरी अधिकारी बनकर पुलिस पेंशनरों के खाते से करोड़ों रुपए निकालने वाले गैंग का खुलासा किया है.

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ट्रेजरी अधिकारी बन पुलिस पेंशनरों के खाते से करोड़ों रुपए निकालने वाले गैंग का खुलासा
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Published : Jul 3, 2022, 9:42 PM IST

वाराणसीः ट्रेजरी अधिकारी बनकर पुलिस पेंशनरों के खातों से लगभग 5 से 6 करोड़ रुपए निकालने वाले गैंग के सरगना और उसके साथी को साइबर क्राइम पुलिस ने गिरफ्तार किया है. पुलिस ने 4 मोबाइल, 1 लैपटॉप, 12 सिम कार्ड, कई बैंक खातों के पासबुक, 18 चेकबुक, 10 एटीएम कार्ड, 2 सोने की चेन व आठ हजार रुपए बरामद किए हैं. आरोपियों के कई खातों से 11 लाख रुपए सीज किए गए हैं. आरोपियों की पहचान चंदन सागर उर्फ चंदन कुमार निवासी, जहानाबाद और संदीप उर्फ लकी, निवासी बलिया के रुप में हुई है.

गाजीपुर निवासी उपेंद्र कुमार सिंह ने साइबर क्राइम पुलिस से शिकायत की थी कि उनके मोबाइल पर 25 मार्च को एक कॉल आई थी. कॉल करने वाले व्यक्ति ने बताया कि वह ट्रेजरी से बोल रहा है. इसके बाद खाता संख्या व मोबाइल पर ओटीपी आने पर उसने उनसे पूछा, इसके बाद खाते से कुल 10 ट्रांजेक्शन हुए. कुल 18 लाख रुपए निकाल लिए गए. इस तरह दोनों आरोपियों ने रिटायर्ड पुलिसकर्मियों को करोड़ों का चूना लगाया.

पूछताछ में दोनों ने बताया कि पहले वे फोन पर झांसा देते थे, फिर आधार कार्ड व पैन का की छाया प्रति लेते थे. अपनी फोटो लगाकर फर्जी आधार व पैन तैयार कर लेते थे. इसके बाद पेंशनरों से फोन पर केवाईसी की जानकारी लेकर एन डेस्क/ क्यूक्सपोर्ट डाउनलोड कराकर उनके खातों से पैसा गायब कर देते थे. इसके बाद आपस में बांट लेते थे. फर्जी सिम से लेकर पूर्व कर्मचारियों के विवरण की जानकारी जुटाने के लिए सभी की जिम्मेदारियां बंटी थीं. ये गैंग फर्जी खाते खुलवाकर फर्जीवाड़े को अंजाम देता था. वाराणसी, कानपुर, अयोध्या, दिल्ली, जमशेदपुर, पटना, नालंदा आदि शहरों में इस गैंग ने फर्जीवाड़े को अंजाम दिया.

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वाराणसीः ट्रेजरी अधिकारी बनकर पुलिस पेंशनरों के खातों से लगभग 5 से 6 करोड़ रुपए निकालने वाले गैंग के सरगना और उसके साथी को साइबर क्राइम पुलिस ने गिरफ्तार किया है. पुलिस ने 4 मोबाइल, 1 लैपटॉप, 12 सिम कार्ड, कई बैंक खातों के पासबुक, 18 चेकबुक, 10 एटीएम कार्ड, 2 सोने की चेन व आठ हजार रुपए बरामद किए हैं. आरोपियों के कई खातों से 11 लाख रुपए सीज किए गए हैं. आरोपियों की पहचान चंदन सागर उर्फ चंदन कुमार निवासी, जहानाबाद और संदीप उर्फ लकी, निवासी बलिया के रुप में हुई है.

गाजीपुर निवासी उपेंद्र कुमार सिंह ने साइबर क्राइम पुलिस से शिकायत की थी कि उनके मोबाइल पर 25 मार्च को एक कॉल आई थी. कॉल करने वाले व्यक्ति ने बताया कि वह ट्रेजरी से बोल रहा है. इसके बाद खाता संख्या व मोबाइल पर ओटीपी आने पर उसने उनसे पूछा, इसके बाद खाते से कुल 10 ट्रांजेक्शन हुए. कुल 18 लाख रुपए निकाल लिए गए. इस तरह दोनों आरोपियों ने रिटायर्ड पुलिसकर्मियों को करोड़ों का चूना लगाया.

पूछताछ में दोनों ने बताया कि पहले वे फोन पर झांसा देते थे, फिर आधार कार्ड व पैन का की छाया प्रति लेते थे. अपनी फोटो लगाकर फर्जी आधार व पैन तैयार कर लेते थे. इसके बाद पेंशनरों से फोन पर केवाईसी की जानकारी लेकर एन डेस्क/ क्यूक्सपोर्ट डाउनलोड कराकर उनके खातों से पैसा गायब कर देते थे. इसके बाद आपस में बांट लेते थे. फर्जी सिम से लेकर पूर्व कर्मचारियों के विवरण की जानकारी जुटाने के लिए सभी की जिम्मेदारियां बंटी थीं. ये गैंग फर्जी खाते खुलवाकर फर्जीवाड़े को अंजाम देता था. वाराणसी, कानपुर, अयोध्या, दिल्ली, जमशेदपुर, पटना, नालंदा आदि शहरों में इस गैंग ने फर्जीवाड़े को अंजाम दिया.

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