वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय के शोध छात्रों को पिछले 6 महीने से फैलोशिप (छात्रवृत्ति) नहीं मिली है जिसे एक तरफ उनके रिसर्च में विभिन्न प्रकार के समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है तो दूसरी तरफ छात्रों को आर्थिक तंगी से भी गुजरना पड़ रहा है. ऐसे में छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन से लिखित शिकायत किया है कि जल्द से जल्द छात्रों को छात्रवृत्ति दिया जाए नहीं तो उग्र आंदोलन किया जाएगा.
कला, सामाजिक विज्ञान और विज्ञान संकाय के लगभग साढ़े 3 हजार से ज्यादा छात्रों को पिछले 6 महीने से छात्रवृत्ति नहीं मिली है. शोध छात्र मृत्युंजय तिवारी ने बताया कि विश्वविद्यालय शोध छात्रों की बात करती है कि हमारे यहां सबसे ज्यादा संख्या में छात्र हैं, लेकिन पिछले 6 महीने से छात्रों को छात्रवृत्ति नहीं मिली है.
मुत्युंजय तिवारी ने बताया कि 8 हजार रुपये प्रति माह हमें मिलता है. जिसे सरकार ने पिछले कई सालों से बढ़ाया नहीं है. यहां तक छात्रों के पास खाने का पैसा नहीं है. तमाम प्रतियोगी परीक्षाएं होने वाली हैं. विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है फंड में पैसा नहीं है. अगर फंड में पैसा नहीं है तो शिक्षकों की सैलरी को रोक दिया जाए.
छात्र अभिषेक सिंह ने बताया कि शोध छात्रों की पठन-पाठन की सामग्री पुस्तक जो लाइब्रेरी में उसे खरीदने के लिए धन की आवश्यकता होती है. पिछले 6 महीने से विश्वविद्यालय द्वारा फेलोशिप नहीं दिया जा रहा है. इस प्रकार शोध कार्य करने में काफी दिक्कत होगा और समस्याओं का शोध कार्य पूरा नहीं होगा. इससे शिक्षा व्यवस्था चरमराई गई है. जिससे समाज में अच्छा संदेश नहीं जाएगा. इसलिए जल्द से जल्द विश्वविद्यालय हमारे स्कॉलरशिप दें.
छात्रों की समस्या को जल्द किया जाएगा निस्तारित
डॉ. राजेश सिंह ने बताया काशी हिंदू विश्वविद्यालय में छात्र-छात्राओं का हित सर्वोपरि होता है. स्कॉलरशिप मिलने की एक प्रक्रिया है. उसी प्रक्रिया के तहत छात्रों को स्कॉलरशिप मिलता है. इस तरह की कोई भी समस्या है तो विश्वविद्यालय प्रशासन जल्द से जल्द उसे ठीक करेगा ताकि छात्रों को किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े.
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