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Republic day 2022: फिर गौरवान्वित हुई काशी, झोली में गिरे 5 पद्म पुरस्कार

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Published : Jan 25, 2022, 10:57 PM IST

काशी फिर गौरवान्वित हुई है. इस बार के पद्म पुरस्कारों की घोषणा में 5 पुरस्कार काशी की झोली में गिरे हैं. जिनमें से प्रख्यात सितार विद पंडित शिवनाथ मिश्र को पद्मश्री सम्मान मिलेगा.

पद्म पुरस्कार
पद्म पुरस्कार

वाराणसी: गणतंत्र दिवस के पहले पद्म पुरस्कारों की घोषणा की गई, जिसमें वाराणसी के प्रख्यात सितार विद पंडित शिवनाथ मिश्र को पद्मश्री सम्मान देने की घोषणा के बाद वह बेहद खुश हैं. पद्म पुरस्कार की घोषणा के बाद उनके प्रशंसक लगातार उनके घर पहुंच रहे हैं और उन्हें बधाई भी दे रहे हैं. पंडित शिवनाथ के अलावा बनारस में 125 वर्ष के शिवानंद जी समेत काशी हिंदू विश्वविद्यालय के डॉ. कमलाकर त्रिपाठी समेत संम्पूर्णानंद यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर वशिष्ठ त्रिपाठी और गीता प्रेस के अध्यक्ष रह चुके राधेश्याम खेमका को मरणोपरांत पद्म विभूषण देने की घोषणा की गई है.

काशीवासियों को समर्पित किया पुरस्कार

सितार वादन के क्षेत्र में शिवनाथ मिश्रा को मिला यह सम्मान पंडित रविशंकर के बाद मिला है. 12 अक्टूबर 1943 में जन्मे पंडित शिवनाथ मिश्र संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में संगीत विभाग के विभागाध्यक्ष भी रह चुके हैं. पंडित शिवनाथ मिश्रा का कहना है कि यह सम्मान मेरा व्यक्तिगत सम्मान नहीं है, बल्कि शास्त्रीय संगीत का सम्मान है, बनारस का सम्मान है और यहां के कलाकारों का सम्मान है. सरकार ने मुझे इस योग्य समझा, इसके लिए मैं हृदय से आभार व्यक्त करता हूं और यह पद्मश्री काशीवासियों को समर्पित करता हूं. उन्होंने कहा बनारस घराने एवं गुरुजनों को नमन करते हुए उन्हें यह सम्मान समर्पित कर रहा हूं.

पंडित शिवनाथ मिश्र
पंडित शिवनाथ मिश्र
स्वर्गीय राधेश्याम खेमका
स्वर्गीय राधेश्याम खेमका
शिवानंद जी
शिवानंद जी

इसे भी पढ़ें- पद्म सम्मान में दिखा यूपी का दम, इन हस्तियों को किया जाएगा सम्मानित

तीन पद्म सम्मान मिलेंगे

बनारस को आज पद्म पुरस्कारों की घोषणा में तीन पद्म सम्मान मिलने जा रहे हैं. जिनमें दूसरा सम्मान 125 वर्ष के महामानव के रूप में पूरी दुनिया में पहचाने जाने वाले शिवानंद गोस्वामी को दिया जा रहा है. इसके अलावा काशी हिंदू विश्वविद्यालय के डॉ. कमलाकर त्रिपाठी और प्रो. प्रोफेसर वशिष्ठ त्रिपाठी को भी पद्म पुरस्कार देने की घोषणा की गई है. इसके अतिरिक्त गीता प्रेस गोरखपुर के अध्यक्ष सनातन धर्म की प्रसिद्ध पत्रिका कल्याण के संपादक राधेश्याम खेमका को पद्म विभूषण जी जाने की घोषणा की गई है. बता दें कि राधेश्याम खेमका मूलता बिहार के मुंगेर के रहने वाले थे, लेकिन दो पीढ़ियों से वह काशी में रहकर सनातन धर्म और परंपराओं को आगे बढ़ाने का कार्य कर रहे थे. बीएचयू से उन्होंने पढ़ाई की थी और अप्रैल 2021 में केदार घाट स्थित अपने आवास पर उन्होंने 87 वर्ष की अवस्था में अंतिम सांस ली थी. राधेश्याम सिंह ने 40 सालों से गीता प्रेस में अपनी भूमिका का निर्वहन करते हुए धार्मिक पत्रिकाओं का संपादन किया था.

डॉ. कमलाकर त्रिपाठी
डॉ. कमलाकर त्रिपाठी
प्रोफेसर वशिष्ठ त्रिपाठी
प्रोफेसर वशिष्ठ त्रिपाठी

पद्म भूषण से होंगे सम्मानित

प्रो. वशिष्ठ त्रिपाठी को पद्म भूषण पुरस्कार मिलना है. ये डॉ. संपूर्णांनंद संस्कृत विश्वविद्यालय के पूर्व प्रति कुलपति और न्याय शास्त्र के विद्वान हैं. ये देवरिया के रहने वाले हैं. 1961 में इन्होंने विश्वविद्यालय से ही आचार्य की उपाधि हासिल की थी. डॉ. कमलाकर त्रिपाठी बीएचयू के जाने-माने नेफ्रोलॉजिस्ट हैं. इनको भी पद्म भूषण सम्मान मिलना है. नेफ्रोलॉजी डिपार्मेंट के हेड रहे हैं. अब तक इनको 2 अंतरराष्ट्रीय और लगभग 15 राष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके हैं. इनके सवा सौ से ज्यादा रिसर्च पेपर जनरल प्रकाशित हो चुके हैं.

वाराणसी: गणतंत्र दिवस के पहले पद्म पुरस्कारों की घोषणा की गई, जिसमें वाराणसी के प्रख्यात सितार विद पंडित शिवनाथ मिश्र को पद्मश्री सम्मान देने की घोषणा के बाद वह बेहद खुश हैं. पद्म पुरस्कार की घोषणा के बाद उनके प्रशंसक लगातार उनके घर पहुंच रहे हैं और उन्हें बधाई भी दे रहे हैं. पंडित शिवनाथ के अलावा बनारस में 125 वर्ष के शिवानंद जी समेत काशी हिंदू विश्वविद्यालय के डॉ. कमलाकर त्रिपाठी समेत संम्पूर्णानंद यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर वशिष्ठ त्रिपाठी और गीता प्रेस के अध्यक्ष रह चुके राधेश्याम खेमका को मरणोपरांत पद्म विभूषण देने की घोषणा की गई है.

काशीवासियों को समर्पित किया पुरस्कार

सितार वादन के क्षेत्र में शिवनाथ मिश्रा को मिला यह सम्मान पंडित रविशंकर के बाद मिला है. 12 अक्टूबर 1943 में जन्मे पंडित शिवनाथ मिश्र संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में संगीत विभाग के विभागाध्यक्ष भी रह चुके हैं. पंडित शिवनाथ मिश्रा का कहना है कि यह सम्मान मेरा व्यक्तिगत सम्मान नहीं है, बल्कि शास्त्रीय संगीत का सम्मान है, बनारस का सम्मान है और यहां के कलाकारों का सम्मान है. सरकार ने मुझे इस योग्य समझा, इसके लिए मैं हृदय से आभार व्यक्त करता हूं और यह पद्मश्री काशीवासियों को समर्पित करता हूं. उन्होंने कहा बनारस घराने एवं गुरुजनों को नमन करते हुए उन्हें यह सम्मान समर्पित कर रहा हूं.

पंडित शिवनाथ मिश्र
पंडित शिवनाथ मिश्र
स्वर्गीय राधेश्याम खेमका
स्वर्गीय राधेश्याम खेमका
शिवानंद जी
शिवानंद जी

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तीन पद्म सम्मान मिलेंगे

बनारस को आज पद्म पुरस्कारों की घोषणा में तीन पद्म सम्मान मिलने जा रहे हैं. जिनमें दूसरा सम्मान 125 वर्ष के महामानव के रूप में पूरी दुनिया में पहचाने जाने वाले शिवानंद गोस्वामी को दिया जा रहा है. इसके अलावा काशी हिंदू विश्वविद्यालय के डॉ. कमलाकर त्रिपाठी और प्रो. प्रोफेसर वशिष्ठ त्रिपाठी को भी पद्म पुरस्कार देने की घोषणा की गई है. इसके अतिरिक्त गीता प्रेस गोरखपुर के अध्यक्ष सनातन धर्म की प्रसिद्ध पत्रिका कल्याण के संपादक राधेश्याम खेमका को पद्म विभूषण जी जाने की घोषणा की गई है. बता दें कि राधेश्याम खेमका मूलता बिहार के मुंगेर के रहने वाले थे, लेकिन दो पीढ़ियों से वह काशी में रहकर सनातन धर्म और परंपराओं को आगे बढ़ाने का कार्य कर रहे थे. बीएचयू से उन्होंने पढ़ाई की थी और अप्रैल 2021 में केदार घाट स्थित अपने आवास पर उन्होंने 87 वर्ष की अवस्था में अंतिम सांस ली थी. राधेश्याम सिंह ने 40 सालों से गीता प्रेस में अपनी भूमिका का निर्वहन करते हुए धार्मिक पत्रिकाओं का संपादन किया था.

डॉ. कमलाकर त्रिपाठी
डॉ. कमलाकर त्रिपाठी
प्रोफेसर वशिष्ठ त्रिपाठी
प्रोफेसर वशिष्ठ त्रिपाठी

पद्म भूषण से होंगे सम्मानित

प्रो. वशिष्ठ त्रिपाठी को पद्म भूषण पुरस्कार मिलना है. ये डॉ. संपूर्णांनंद संस्कृत विश्वविद्यालय के पूर्व प्रति कुलपति और न्याय शास्त्र के विद्वान हैं. ये देवरिया के रहने वाले हैं. 1961 में इन्होंने विश्वविद्यालय से ही आचार्य की उपाधि हासिल की थी. डॉ. कमलाकर त्रिपाठी बीएचयू के जाने-माने नेफ्रोलॉजिस्ट हैं. इनको भी पद्म भूषण सम्मान मिलना है. नेफ्रोलॉजी डिपार्मेंट के हेड रहे हैं. अब तक इनको 2 अंतरराष्ट्रीय और लगभग 15 राष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके हैं. इनके सवा सौ से ज्यादा रिसर्च पेपर जनरल प्रकाशित हो चुके हैं.

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