ETV Bharat / state

ट्रेन में एक बच्ची की हालत ने बना दिया रियल पैडमैन

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में फर्नीचर कारोबारी राकेश मिड्ढा ने ट्रेन में एक 15-26 साल की लड़की को पहली बार पीरियड्स आने पर उसकी मदद की थी. इसके बाद उन्होंने पीरियड्स को लेकर जागरूकता फैलाने और संकोच मिटाने का फैसला लिया और मुफ्त में सैनिटरी पैड बांटना शुरू किया.

राकेश मिड्ढा
राकेश मिड्ढा
author img

By

Published : Jan 31, 2020, 8:31 AM IST

Updated : Jan 31, 2020, 8:49 AM IST

वाराणसी: कुछ समय पहले जब अक्षय कुमार की फिल्म पैडमैन आई तो इसको लेकर समाज में न जाने कितने ही लोगों की सोच बदली, लेकिन बनारस में इस फिल्म के काफी पहले से एक रियल पैडमैन राकेश मिड्ढा मौजूद हैं. राकेश मिड्ढा पिछले 18 सालों से लड़कियों और महिलाओं को पीरियड से जुड़ी तमाम जानकारियों के बारे में जागरूक कर रहे हैं.

ट्रेन में एक बच्ची की हालत ने बना दिया रियल पैडमैन.

बता दें कि पेशे से फर्नीचर कारोबारी राकेश मिड्ढा ने सन् 2000 में ट्रेन यात्रा के दौरान कुछ ऐसा देखा, जो उन्हें पूरी तरह से झकझोर गया. 15-26 साल की लड़की को पहली बार पीरियड आने पर उसके भाई ने समाज के डर से उसकी मदद न की. तब उन्होंने अपना गमछा देकर बच्ची की मदद की थी. इसके बाद उन्होंने पीरियड्स को लेकर जागरूकता फैलाने और संकोच मिटाने का फैसला लिया.

इसे भी पढ़ें:- वाराणसी: गंगा यात्रा में रेत से बनी आकृति ने दिया जलीय जीव संरक्षण का संदेश

उस दिन से लेकर आज तक राकेश मिड्ढा स्कूल-कॉलेजों और गांवों में जाकर पीरियड के बारे में जागरूक कर रहे हैं. इतना ही नहीं, वे सबको मुफ्त में सैनिटरी पैड भी बांटते हैं. राकेश बताते हैं कि जब उन्होंने ये काम शुरू किया तो आसपास के लोगों ने उनका काफी मजाक भी उड़ाया. फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी. राकेश के इस काम में मंडली हॉस्पिटल की सीनियर महिला चिकित्सक डॉ. मधुलिका पांडेय भी जुड़ी हुई हैं. आज के आधुनिक समय में भी जहां लोग पीरियड पर चर्चा करना सही नहीं समझते. उस दौर में राकेश मिड्ढा लोगों की सोच बदल रहे हैं. ये वाकई में एक बड़ी बात है.

वाराणसी: कुछ समय पहले जब अक्षय कुमार की फिल्म पैडमैन आई तो इसको लेकर समाज में न जाने कितने ही लोगों की सोच बदली, लेकिन बनारस में इस फिल्म के काफी पहले से एक रियल पैडमैन राकेश मिड्ढा मौजूद हैं. राकेश मिड्ढा पिछले 18 सालों से लड़कियों और महिलाओं को पीरियड से जुड़ी तमाम जानकारियों के बारे में जागरूक कर रहे हैं.

ट्रेन में एक बच्ची की हालत ने बना दिया रियल पैडमैन.

बता दें कि पेशे से फर्नीचर कारोबारी राकेश मिड्ढा ने सन् 2000 में ट्रेन यात्रा के दौरान कुछ ऐसा देखा, जो उन्हें पूरी तरह से झकझोर गया. 15-26 साल की लड़की को पहली बार पीरियड आने पर उसके भाई ने समाज के डर से उसकी मदद न की. तब उन्होंने अपना गमछा देकर बच्ची की मदद की थी. इसके बाद उन्होंने पीरियड्स को लेकर जागरूकता फैलाने और संकोच मिटाने का फैसला लिया.

इसे भी पढ़ें:- वाराणसी: गंगा यात्रा में रेत से बनी आकृति ने दिया जलीय जीव संरक्षण का संदेश

उस दिन से लेकर आज तक राकेश मिड्ढा स्कूल-कॉलेजों और गांवों में जाकर पीरियड के बारे में जागरूक कर रहे हैं. इतना ही नहीं, वे सबको मुफ्त में सैनिटरी पैड भी बांटते हैं. राकेश बताते हैं कि जब उन्होंने ये काम शुरू किया तो आसपास के लोगों ने उनका काफी मजाक भी उड़ाया. फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी. राकेश के इस काम में मंडली हॉस्पिटल की सीनियर महिला चिकित्सक डॉ. मधुलिका पांडेय भी जुड़ी हुई हैं. आज के आधुनिक समय में भी जहां लोग पीरियड पर चर्चा करना सही नहीं समझते. उस दौर में राकेश मिड्ढा लोगों की सोच बदल रहे हैं. ये वाकई में एक बड़ी बात है.

Intro:Body:



ट्रेन में एक बच्ची की हालत ने बना दिया रियल पैडमैन

real padman rakesh is spreading awareness about menstruation in varanasi

कुछ समय पहले जब अक्षय कुमार की फिल्म पैडमैन आई, तो इसको लेकर समाज में न जाने कितने ही लोगों की सोच बदली. लेकिन बनारस में इस फिल्म के काफी पहले से एक रियल पैडमैन राकेश मिड्ढा मौजूद हैं. राकेश मिड्ढा पिछले 18 सालों से लड़कियों और महिलाओं को पीरियड से जुड़ी तमाम जानकारियों के बारे में जागरूक कर रहे हैं. 

पेशे से फर्नीचर कारोबारी राकेश मिड्ढा ने 2000 में ट्रेन यात्रा के दौरान कुछ ऐसा देखा, जो उन्हें पूरी तरह से झकझोर गया. 15-26 साल की लड़की को पहली बार पीरियड आने पर उसके भाई ने समाज के डर से उसकी मदद न की. तब उन्होंने अपना गमछा देकर बच्ची की मदद की थी. इसके बाद उन्होंने पीरियड्स को लेकर जागरूकता फैलाने और संकोच मिटाने का फैसला लिया. 

उस दिन से लेकर आज तक राकेश मिड्ढा स्कूल-कॉलेजों और गांवों में जाकर पीरियड के बारे में जागरूक कर रहे हैं. इतना ही नहीं, वे सबको मुफ्त में सैनिटरी पैड भीं बांटते हैं. 

बाइट - छात्रा (00:14-00:21)

राकेश बताते हैं कि जब उन्होंने ये काम शुरू किया, तो आसपास के लोगों ने उनका काफी मजाक भी उड़ाया. फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी. 

बाइट - राकेश मिड्ढा (01:48-01:53, 02:09-02:13, 02:29-02:38)  

राकेश के इस काम में मंडली हॉस्पिटल की सीनियर महिला चिकित्सक डॉ. मधुलिका पांडेय भी जुड़ी हुई हैं. 

बाइट - डॉ. मधुलिका पांडेय (00:38-00:53)

आज के आधुनिक समय में भी जहां लोग पीरियड पर चर्चा करना सही नहीं समझते. उस दौर में राकेश मिड्ढा लोगों की सोच बदल रहे हैं. ये वाकई में एक बड़ी बात है.

पीटीसी - रिपोर्टर (00:35-00:51)


Conclusion:
Last Updated : Jan 31, 2020, 8:49 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.