वाराणसी: भगवान शिव के नगरी के दक्षिणी छोर पर स्थित रामनगर मैं गुरुवार को विश्व प्रसिद्ध रामलीला की शुरुआत हो गई है. रामलीला में अनंत चतुर्दशी से प्रारंभ होकर अश्विनी पूर्णिमा तक निरंतर 1 महीनों तक चलेगा. रामलीला रामनगर में सन् 1835 से प्रारंभ हुआ और अब तक अनवरत चलता रहा है. इस तरह हम कहे तो काशी में अपने 165 साल पुरानी परंपरा का निर्वहन किया.
विश्व प्रसिद्ध रामनगर का रामलीला-
- हर स्थान मजीरे की झनकार के बीच चौपाइयों का गायन किया गया.
- किसी को भी अपनी और आकर्षित करने के लिए काफी था.
- लीला की शुरुआत के पहले महाराजा अनंत नारायण सिंह बग्गी पर सवार होकर पहुंचे.
- इस शाही सवारी में सबसे आगे बनारस स्टेट के निशान के साथ डंका बजाते हुए आए.
- उसके बाद उनके सुरक्षाकर्मी निकले महाराज के आते ही लीला प्रारंभ हुई.
- रामलीला में पहले दिन गोधूलि बेला में शाम होते ही राम बाग में रावण जन्म और रामअवतार की भविष्यवाणी हुआ.
- साथ ही दुनिया के सबसे अनोखे राम चरित्र पर आधारित लीला की शुरुआत शंखनाद हुआ.
- एक बार फिर काशी रावण के जन्म की गवाह बनी.
- इस रामलीला को देखने के लिए देश के कोने-कोने से धर्म नगरी से लोग यहां आते हैं.
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आज रावण जन्म के साथ रावण द्वारा कुबेर पर आक्रमण, कैलाश पर्वत उठाना इसके साथ ही क्षीर सागर में भगवान की झांकी का मंचन हुआ और भविष्यवाणी हुई भगवान राम के जन्म की शेष नैया पर सवार भगवान विष्णु मा लक्ष्मी की भव्य आरती के बाद आज की लीला समाप्त हुई.
- ब्रह्मा, नेमी